03/09/2025
गंगा नदी, जिसे भारत में आस्था और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है, वहां स्नान करना हमेशा से एक धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव रहा है। पहले लोग गंगा में डुबकी लगाते थे तो उनके मन में भक्ति, श्रद्धा और पापों से मुक्ति की भावना होती थी।
लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है।
📱 सोशल मीडिया के दौर में गंगा स्नान का मतलब सिर्फ़ भक्ति नहीं, बल्कि कंटेंट क्रिएशन भी बन चुका है।
लोग आस्था से ज्यादा वीडियो, रील्स और फोटोशूट के लिए डुबकी लगाते दिखाई दे रहे हैं।
👉 कुछ लोग सेल्फी स्टिक लेकर स्नान करते हैं
👉 तो कुछ रील्स बनाकर तुरंत इंस्टाग्राम और फेसबुक पर अपलोड कर देते हैं
👉 कई बार धार्मिक भावना से ज्यादा, वायरल होने की चाहत हावी हो जाती है
यह बदलती तस्वीर समाज के लिए सोचने का विषय है।
क्या गंगा स्नान केवल सोशल मीडिया शो बनकर रह जाएगा, या फिर उसकी असली आस्था और पवित्रता को लोग याद रख पाएंगे❓