Jai Paras Baba

Jai Paras Baba ॐ ह्रीं श्री अहिच्छत्रपार्श्वनाथ: जिनेन्द्राय नमः ||

श्री 1008 पार्श्वनाथ भगवान के चरण चिन्ह स्वर्ण भद्र कूट पे विराजमान जय हो पार्श्वनाथ प्रभु की 🙏🙏 #आचार्य_श्रीविद्यासागरज...
31/07/2025

श्री 1008 पार्श्वनाथ भगवान के चरण चिन्ह स्वर्ण भद्र कूट पे विराजमान जय हो पार्श्वनाथ प्रभु की 🙏🙏

#आचार्य_श्रीविद्यासागरजी_महाराज #वीतरागी

सुमतिनाथ भगवान की जय 🙏🙏 #आचार्य_श्रीविद्यासागरजी_महाराज                #वीतरागी
26/07/2025

सुमतिनाथ भगवान की जय 🙏🙏

#आचार्य_श्रीविद्यासागरजी_महाराज #वीतरागी

🙏🙏🙏आचार्य सौभाग्य सागर के परम शिष्य आचार्य  सुरत्न सागर गुरुदेव की सघस्थ  आर्यिका आदिश्री माता जी की यम संलेखना पूर्वक स...
25/07/2025

🙏🙏🙏आचार्य सौभाग्य सागर के परम शिष्य आचार्य सुरत्न सागर गुरुदेव की सघस्थ आर्यिका आदिश्री माता जी की यम संलेखना पूर्वक समाधि हुयी 11:56पर....... 2 बजे दर्शन के लिए माता जी को नीचे लाया जाएगा और डोलायात्रा 3-15 बजे गीता कॉलोनी शमशान घाट ले जाएंगे अंतिम संस्कार 5 बजे होगा डोलायात्रा राधेपुरी जैन मंदिर से प्रारंभ होगी 🙏🙏🙏

#आचार्य_श्रीविद्यासागरजी_महाराज #वीतरागी

पहली प्रतिमा उत्तर प्रदेश के बागपत में बोरिंग के दौरान हुई खुदाई में मिली है जबकि दूसरी प्रतिमा राजस्थान के एक ग्रामीण क...
19/07/2025

पहली प्रतिमा उत्तर प्रदेश के बागपत में बोरिंग के दौरान हुई खुदाई में मिली है जबकि दूसरी प्रतिमा राजस्थान के एक ग्रामीण क्षेत्र में ज़मीन की खुदाई के दौरान प्राप्त हुई।ये दोनों प्रतिमाएं हाल ही के दिनों में मिली हे और जैन धर्म की प्राचीनता तथा व्यापकता का प्रमाण देती हैं
#आचार्य_श्रीविद्यासागरजी_महाराज #वीतरागी

वीतरागी देव तुम्हारे, जैसा जग में देव कहां?मार्ग बताया है जो जग को, कह न सके कोई और यहां;निज आश्रय से ही मुक्ति है, कहते...
19/07/2025

वीतरागी देव तुम्हारे, जैसा जग में देव कहां?
मार्ग बताया है जो जग को, कह न सके कोई और यहां;

निज आश्रय से ही मुक्ति है, कहते श्री जिनदेव यहां।

#आचार्य_श्रीविद्यासागरजी_महाराज #वीतरागी

"श्री शिखर जी" केवल पर्वत नहीं, वह मोक्ष का द्वार है। जिन 20 तीर्थंकरों ने वहाँ निर्वाण प्राप्त किया, वहाँ जाना आत्मा को...
11/07/2025

"श्री शिखर जी" केवल पर्वत नहीं, वह मोक्ष का द्वार है। जिन 20 तीर्थंकरों ने वहाँ निर्वाण प्राप्त किया, वहाँ जाना आत्मा को अपार पुण्य देता है। यह यात्रा केवल शरीर की नहीं, आत्मा की भी यात्रा है।

#आचार्य_श्रीविद्यासागरजी_महाराज

न कोई राज्य डरा पाया,न कोई सत्ता झुका पाई —ऐसे युग पुरुष, दिगंबर वेशधारी तपस्वी📍सिटीचौक, औरंगाबाद | 19 मार्च 1946निज़ाम ...
28/06/2025

न कोई राज्य डरा पाया,न कोई सत्ता झुका पाई —
ऐसे युग पुरुष, दिगंबर वेशधारी तपस्वी

📍सिटीचौक, औरंगाबाद | 19 मार्च 1946
निज़ाम के शासन में भी जब निडरता ने दिगंबर वेश धारण किया चारित्र चक्रवर्ती आचार्य 108 श्री शांतिसागर महाराज जी का ऐतिहासिक विहार।

#आचार्य_श्रीविद्यासागरजी_महाराज

जैन धर्म में पूजन गुणों की होती है, किसी व्यक्ति विशेष की नहीं। लोकिक देवी-देवताओं में वे गुण ही नहीं जो पूजनीय बनाएं। प...
26/06/2025

जैन धर्म में पूजन गुणों की होती है, किसी व्यक्ति विशेष की नहीं। लोकिक देवी-देवताओं में वे गुण ही नहीं जो पूजनीय बनाएं। पूज्य तो केवल जिनेंद्र देव हैं — पूर्ण ज्ञान, दर्शन और चारित्र के स्वामी।

#आचार्य_श्रीविद्यासागरजी_महाराज

प्राचीन दिगंबर जैन प्रतिमा आज फिर भूगर्भ से प्राप्त हुई रिजोर जिला एटा में एक भगवान महावीर स्वामी की मूर्ति भूगर्भ से प्...
21/06/2025

प्राचीन दिगंबर जैन प्रतिमा आज फिर भूगर्भ से प्राप्त हुई रिजोर जिला एटा में एक भगवान महावीर स्वामी की मूर्ति भूगर्भ से प्राप्त हुई है। मूर्ति बहुत प्राचीन लग रही है

#आचार्य_श्रीविद्यासागरजी_महाराज

आज तिथि आषाढ़ कृष्ण षष्ठी के अनुसार प्रथमाचार्य शांति सागर जी महा मुनिराज का 153 वा जन्म दिवस हे उन्हें शत शत नमन 🙏 #आचा...
17/06/2025

आज तिथि आषाढ़ कृष्ण षष्ठी के अनुसार प्रथमाचार्य शांति सागर जी महा मुनिराज का 153 वा जन्म दिवस हे उन्हें शत शत नमन 🙏

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2200 KM की आस्था और तप की यात्रा संजय जी जैन के नेतृत्व में नेमीनाथ प्रभु की पदयात्रा 2 जुलाई को मोक्षभूमि गिरनार पर पहु...
15/06/2025

2200 KM की आस्था और तप की यात्रा संजय जी जैन के नेतृत्व में नेमीनाथ प्रभु की पदयात्रा 2 जुलाई को मोक्षभूमि गिरनार पर पहुंचेगी। आओ, इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनें गिरनार पहुँचें, प्रभु के चरणों में श्रद्धा समर्पित करें।

जय नेमीनाथ • जय गिरनार

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जिस वेदनीय कर्म के उदय से जीव सुख और दुःख दोनों का अनुभव करता है, उसी कर्म के उदय के नाश से आत्मा में स्थित अनन्तसुख उत्...
05/06/2025

जिस वेदनीय कर्म के उदय से जीव सुख और दुःख दोनों का अनुभव करता है, उसी कर्म के उदय के नाश से आत्मा में स्थित अनन्तसुख उत्पन्न होता है।

#आचार्य_श्रीविद्यासागरजी_महाराज

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