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बेशरम मुसलमानो ने रोड जाम कर जन्माष्टमी मनायाये रोड है किसी के बाप का नहीं जो जाम कर देते हो
17/08/2025

बेशरम मुसलमानो ने रोड जाम कर जन्माष्टमी मनाया
ये रोड है किसी के बाप का नहीं जो जाम कर देते हो

23/05/2025
सारी MC इसी पार्टी में
23/05/2025

सारी MC इसी पार्टी में

22/05/2025

स्कूल कालेज मे घुसने नहीं दे रहे तो
ये तुम्हें न्यायपालिका मे घुसने देंगे भला

कौन है ये लोग अपनी आ chu. . आते हैं थाने
22/05/2025

कौन है ये लोग अपनी आ chu. . आते हैं थाने

22/05/2025

आलीशान कोठियां बंगले
बता रहे हैं
कि समाज के लिए नेताओं ने क्या किया है ?
😂😂😂

22/05/2025

पहले जूठन फ्री था अब राशन फ्री है फर्क सिर्फ इतना है
कि पहले पका हुआ देते थे
अब कच्चा देते हैं?
😂😂😂

22/05/2025

सवर्ण और शूद्र अगर
दोनों हिंदू हैं
तो एक थाली में भोजन क्यों नहीं करते शूद्रों की थाली अलग क्यों है?

22/05/2025

ब्राह्मणों के बिना सत्ता मिल सकती है
लेकिन सपा बसपा के मुखिया जानबूझकर सवर्णों को पार्टी में पाल रक्खे हैं?

लड़कियों के एक विद्यालय में आई नई अध्यापिका बहुत खूबसूरत थी, बस उम्र थोड़ी अधिक हो रही थी लेकिन उसने अभी तक शादी नहीं की...
22/05/2025

लड़कियों के एक विद्यालय में आई नई अध्यापिका बहुत खूबसूरत थी, बस उम्र थोड़ी अधिक हो रही थी लेकिन उसने अभी तक शादी नहीं की थी...

सभी छात्राएं उसे देखकर तरह तरह के अनुमान लगाया करती थीं। एक दिन किसी कार्यक्रम के दौरान जब छात्राएं उसके इर्द-गिर्द खड़ी थीं तो एक छात्रा ने बातों बातों में ही उससे पूछ लिया कि मैडम आपने अभी तक शादी क्यों नहीं की...?

अध्यापिका ने कहा- "पहले एक कहानी सुनाती हूं। एक महिला को बेटे होने की लालच में लगातार पांच बेटियां ही पैदा होती रहीं। जब छठवीं बार वह गर्भवती हुई तो पति ने उसको धमकी दी कि अगर इस बार भी बेटी हुई तो उस बेटी को बाहर किसी सड़क या चौक पर फेंक आऊंगा। महिला बहुत रोयी क्योंकि यह उसके वश की बात नहीं थी कि अपनी इच्छानुसार बेटा पैदा कर देती। इस बार भी बेटी ही पैदा हुई। पति ने नवजात बेटी को उठाया और रात के अंधेरे में शहर के बीचों-बीच चौक पर रख आया। मां पूरी रात उस नन्हीं सी जान के लिए रो रोकर दुआ करती रही। दूसरे दिन सुबह पिता जब चौक पर बेटी को देखने पहुंचा तो देखा कि बच्ची वहीं पड़ी है। उसे जीवित रखने के लिए बाप बेटी को वापस घर लाया लेकिन दूसरी रात फिर बेटी को उसी चौक पर रख आया। रोज़​ यही होता रहा। हर बार पिता उस नवजात बेटी को बाहर रख आता और जब कोई उसे लेकर नहीं जाता तो मजबूरन वापस उठा लाता। यहां तक कि उसका पिता एक दिन थक गया घर मे ही रख लिया फिर एक वर्ष बाद मां जब फिर से गर्भवती हुई तो इस बार उनको बेटा हुआ। लेकिन कुछ ही दिन बाद ही छह बेटियों में से एक बेटी की मौत हो गई, यहां तक कि माँ पांच बार गर्भवती हुई और हर बार बेटे ही हुए। लेकिन हर बार उसकी बेटियों में से एक बेटी इस दुनियां से चली जाती।"

अध्यापिका की आंखों से आंसू गिरने लगे थे। उसने आंसू पोंछकर आगे कहना शुरु किया।

"अब सिर्फ एक ही बेटी ज़िंदा बची थी और वह वही बेटी थी, जिससे बाप जान छुड़ाना चाह रहा था। एक दिन अचानक मां भी इस दुनियां से चली गई। इधर पांच बेटे और एक बेटी सब धीरे धीरे बड़े हो गए।"

अध्यापक ने फिर कहा- "पता है वह बेटी जो ज़िंदा बची रही, मैं ही हूं। मैंने अभी तक शादी इसलिए नहीं की, कि मेरे पिता अब इतने बूढ़े हो गए हैं कि अपने हाथ से खाना भी नहीं खा सकते और अब घर में और कोई नहीं है जो उनकी सेवा कर सकें। बस मैं ही उनकी सेवा और देखभाल किया करती हूं। जिन बेटों के लिए पिताजी परेशान थे, वो पांच बेटे अपनी अपनी पत्नियों और बच्चों के साथ अलग रहते हैं। बस कभी-कभी आकर पिता का हालचाल पूछ जाते हैं।"

वह थोड़ा मुस्कराई। फिर बोली -

"मेरे पिताजी अब हर दिन शर्मिंदगी के साथ रो-रो कर मुझ से कहा करते हैं, मेरी प्यारी बेटी जो कुछ मैंने बचपन में तेरे साथ किया उसके लिए मुझे माफ कर देना
अंधभक्तों का बाप

डॉक्टर वरुणेश दुबे सरकारी डॉक्टर है संत कबीर नगर में तैनात है सरकारी ड्यूटी के बाद बांकी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करते ...
22/05/2025

डॉक्टर वरुणेश दुबे सरकारी डॉक्टर है संत कबीर नगर में तैनात है सरकारी ड्यूटी के बाद बांकी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करते लेकिन दुबे जी ने अलग बिजनेस खोला इन्होने पोर्न साइट बनाई जिस पर खुद के एक लड़के के साथ पोर्न विडिओ अपलोड करते जो 400-500 की फीस पर पेड दीखते.
इस गंदे धंधे की पोल दुबे जी की पत्नी ने ही खोल दी पुलिस ने लैपटॉप कब्जे में लेकर घर सीज कर दिया है।

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