Jai Shree mahakal Jai Shree Kaal Bhairav Jai Shree Mahakali

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Jai Shree mahakal Jai Shree Kaal Bhairav Jai Shree Mahakali .
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जय बाबा कालभैरव श्री कालभेरव जी का आज दिव्य दर्शनउज्जैन के कोतवाल बाबा कालभैरव (प्रचंड दीवाना नरेश कुमार जायसवाल)बाबा का...
22/10/2025

जय बाबा कालभैरव
श्री कालभेरव जी का आज दिव्य दर्शन
उज्जैन के कोतवाल बाबा कालभैरव (प्रचंड दीवाना नरेश कुमार जायसवाल)
बाबा कालभैरव भगवान सदाशिव के स्वरूप हैं। वे कलियुग की बाधाओं का शीघ्र निवारण करने वाले देवता माने जाते हैं। खासतौर से प्रेत व तांत्रिक बाधा के दोष उनके पूजन से दूर हो जाते हैं। संतान की दीर्घायु हो या गृहस्वामी का स्वास्थ्य, भगवान भैरव स्मरण और पूजन मात्र से उनके कष्टों को दूर कर देते हैं।भगवान भैरव के पूजन से राहु-केतु शांत हो जाते हैं। उनके पूजन में भैरव अष्टक और भैरव कवच का पाठ जरूर करना चाहिए। इससे शीघ्र फल मिलता है। साथ ही तांत्रिक व प्रेत बाधा का संकट टल जाता है।

काल भैरव अष्टकं

काल भैरव अष्टक

देवराजसेव्यमानपावनांघ्रिपङ्कजं व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम् ।
नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ १॥

भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम् ।
कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ २॥

शूलटंकपाशदण्डपाणिमादिकारणं श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम् ।
भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ३॥

भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं भक्तवत्सलं स्थितं समस्तलोकविग्रहम् ।
विनिक्वणन्मनोज्ञहेमकिङ्किणीलसत्कटिं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥ ४॥

धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशनं कर्मपाशमोचकं सुशर्मधायकं विभुम् ।
स्वर्णवर्णशेषपाशशोभितांगमण्डलं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ५॥

रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं नित्यमद्वितीयमिष्टदैवतं निरंजनम् ।
मृत्युदर्पनाशनं करालदंष्ट्रमोक्षणं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ६॥

अट्टहासभिन्नपद्मजाण्डकोशसंततिं दृष्टिपात्तनष्टपापजालमुग्रशासनम् ।
अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकाधरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ७॥

भूतसंघनायकं विशालकीर्तिदायकं काशिवासलोकपुण्यपापशोधकं विभुम् ।
नीतिमार्गकोविदं पुरातनं जगत्पतिं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ८॥

॥ फल श्रुति॥

कालभैरवाष्टकं पठंति ये मनोहरं ज्ञानमुक्तिसाधनं विचित्रपुण्यवर्धनम् ।
शोकमोहदैन्यलोभकोपतापनाशनं प्रयान्ति कालभैरवांघ्रिसन्निधिं नरा ध्रुवम् ॥

॥इति कालभैरवाष्टकम् संपूर्णम् ॥

🙇🔱,,वाराणस्याम भैरवो देव संसार भयनाशनम ,,, अनेक जन्म कृतम पापम दर्शनेन विनाश्यति।।💀🚩       🙇🐚श्री काशी विश्वनाथाय नमः🐚🙇श...
22/10/2025

🙇🔱,,वाराणस्याम भैरवो देव संसार भयनाशनम ,,, अनेक जन्म कृतम पापम दर्शनेन विनाश्यति।।💀🚩
🙇🐚श्री काशी विश्वनाथाय नमः🐚🙇
श्री काशी के कोतवाल काल भैरव नाथ जी का मंगला आरती श्रृंगार दर्शन आप सभी भक्तजनों के लिए जय श्री महाकाल🙏🚩
A.K.G:_V.K.D:_"DATE"🌞_22/010/2025

22/10/2025

🙏🌹 जय श्री काल भैरव की जय हो जय श्री काल भैरव की जय हो जय श्री काल भैरव की जय हो जय श्री काल भैरव की जय हो जय श्री काल भैरव की जय हो जय श्री काल भैरव की जय हो हे प्रभु आपकी दया दृष्टि सदा बनी रहे जय जय श्री काल भैरव की जय 🌹🙏

22/10/2025

ॐ श्री महाकालेश्वराय नमः
दिनांक 22 अक्टूबर 2025 का ज्योतिर्लिंग भगवान श्री महाकालेश्वर जी का भस्म आरती श्रृंगार दर्शन

22/10/2025

#आप सबको गोवर्धन पूजा की हार्दिक शुभ कामनाएँ

22/10/2025

्री_महाँकाल

🚩🦁 ाँ_हरसिद्धि🦁🚩 🔱 #हरसिध्दि_शक्ति_पीठ_उज्जैन 🔱🚩🦁 51 शक्ति पीठों में से उज्जैन में स्थित माँ  #हरसिद्धि माता के  दिव्य  ...
22/10/2025

🚩🦁 ाँ_हरसिद्धि🦁🚩
🔱 #हरसिध्दि_शक्ति_पीठ_उज्जैन 🔱🚩🦁
51 शक्ति पीठों में से उज्जैन में स्थित माँ #हरसिद्धि माता के दिव्य आरती ज्योति श्रंगारित दर्शन
22 अक्टूबर 2025

#जय #हरसिद्धि #उज्जैन_नगरी🙏❤

22/10/2025

#जय भोलेनाथ

22/10/2025

गोवर्धन पूजा 2025 की हार्दिक शुभकामनाएं

🗓️ गोवर्धन पूजा 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

- तिथि: 22 अक्टूबर 2025 (बुधवार)
- प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 21 अक्टूबर 2025 को शाम 5:54 बजे
- प्रतिपदा तिथि समाप्त: 22 अक्टूबर 2025 को रात 8:16 बजे

पूजा के शुभ मुहूर्त:

- प्रातःकाल मुहूर्त: सुबह 6:26 बजे से 8:42 बजे तक
- सायंकाल मुहूर्त: शाम 3:29 बजे से 5:44 बजे तक [1]

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🪔 गोवर्धन पूजा का महत्व और विधि

गोवर्धन पूजा, जिसे अन्नकूट भी कहा जाता है, भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाकर गोकुलवासियों की रक्षा करने की स्मृति में मनाई जाती है। इस दिन भक्तजन गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर उसकी पूजा करते हैं और विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का अन्नकूट अर्पित करते हैं।

पूजा विधि संक्षेप में:

1. प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं।
3. पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य आदि से पूजन करें।
4. भगवान श्रीकृष्ण और गोमाता की आराधना करें।
5. अन्नकूट (विविध व्यंजनों) का भोग लगाएं।
6. परिक्रमा करें और भजन-कीर्तन करें।
"गोवर्धनं नमस्कृत्य गोपालं गोपिकाप्रियम्।

गोवंश संवर्धन व प्रकृति संरक्षण के लोक-मंगलकारी भाव को प्रदर्शित करती गोवर्धन पूजा की प्रदेश वासियों एवं श्रद्धालुओं को ...
22/10/2025

गोवंश संवर्धन व प्रकृति संरक्षण के लोक-मंगलकारी भाव को प्रदर्शित करती गोवर्धन पूजा की प्रदेश वासियों एवं श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं! ...
भगवान श्रीकृष्ण से प्रार्थना है कि प्रदेश वासियों एवं समस्त श्रद्धालुओं के मनोरथ पूर्ण करें और सुख, समृद्धि व आरोग्यता प्रदान करें।
जय श्रीकृष्ण! ....

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