
01/01/2025
💐💐💐💐💐💐💐💐💐📜 *दिवार के कलेंडर बदलिए,*
🚩 *अपनी संस्कृति नहीं!*
_अपनी संस्कृति की झलक को अवश्य पढ़ें और साझा करें।_ 💐💐💐💐💐💐💐💐💐
*१ जनवरी को क्या नया हो रहा है ?????🤔
* न ऋतु बदली.. ना मौसम❌
* न कक्षा बदली... ना सत्र❌
* न फसल बदली...ना खेती❌
* ना पेड़ पौधों की रंगत बदली🌱
* ना सूर्य चाँद सितारों की दिशा
* ना ही नक्षत्र बदले...⛈️
१ जनवरी आने से पहले ही सब *नववर्ष की बधाई* देने लगते हैं, मानो कितना बड़ा पर्व हो।🎉
नया केवल एक दिन ही नहीं, अपितु कुछ दिन तो नई अनुभूति होनी ही चाहिए। आखिर हमारा देश🇮🇳 त्योहारों का देश कहलाता है।
अंग्रेजी वर्ष का नया साल १ जनवरी को, तथा भारतीय नववर्ष (विक्रमी संवत) *चैत्र शुक्ल* *प्रतिपदा* को मनाया जाता है।
आईये देखते हैं दोनों का तुलनात्मक अंतर:
*१. प्रकृति-* एक जनवरी को कोई अंतर नहीं जैसा दिसम्बर वैसी जनवरी। वहीं चैत्र मास में चारों तरफ फूल💐 खिल जाते हैं, पेड़ों पर नए पत्ते🌿 आ जाते हैं। चारों तरफ हरियाली मानो प्रकृति नया साल मना रही हो।
*२. मौसम, वस्त्र-* दिसम्बर और जनवरी में वही वस्त्र, कंबल, रजाई, ठिठुरते हाथ पैर.. लेकिन
चैत्र मास में सर्दी जा रही होती है, गर्मी का आगमन होने जा रहा होता है।
*३. विद्यालय* नवीन शैक्षणिक सत्र तो चैत्र के बाद परिक्षा परिणाम आने पर प्रारंभ होता है। दिसंबर जनवरी मे वही कक्षा कुछ नया नहीं...
*४. नया वित्तीय वर्ष-*
दिसम्बर-जनवरी में खातों की भी क्लोजिंग नहीं होती, जबकि ३१ मार्च को बैंकों की (audit) क्लोजिंग होती है। नए बही खाते खोले जाते हैं, एवं सरकार का भी नया सत्र प्रारंभ होता हैI
*५. कलैण्डर-* जनवरी में केवल ग्रिगेरियन कलैण्डर आता है, जबकि चैत्र में नया पंचांग आता हैI उसी से सभी भारतीय पर्व, विवाह🔥 और अन्य महूर्त देखे जाते हैंI इसके बिना हिन्दू🚩 समाज जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता इतना महत्वपूर्ण है यह पंचांग।
*६. खेती-* दिसंबर-जनवरी में खेतों में वही फसल🌱 होती है..
जबकि मार्च-अप्रैल में फसल कटती है नया अनाज घर में आता है तो किसानों का नया वर्ष और उत्साह।
*७. पर्व मनाने की विधि-* ३१ दिसम्बर की रात नए साल के स्वागत के लिए लोग जमकर *शराब* पीते हैं, *हंगामा* करते हैं। रात को पीकर गाड़ी चलाने से दुर्घटना, नशे में बलात्कार जैसी वारदात, पुलिस प्रशासन बेहाल और सांस्कृतिक मूल्यों का विनाश।❌
जबकि भारतीय नववर्ष *व्रत* से शुरू होता है पहला नवरात्र🛕 होता है। घर घर में माता रानी की पूजा🙏🏼 होती है I शुद्ध सात्विक वातावरण बनता हैI
*८. ऐतिहासिक महत्त्व-* - १जनवरी का कोई ऐतिहासिक महत्व नहीं है।❌
जबकि चैत्र प्रतिपदा के दिन महाराज विक्रमादित्य द्वारा *विक्रमी संवत्* की शुरुआत, भगवान झूलेलाल का जन्म, नवरात्र प्रारम्भ, ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि की रचना इत्यादि का संबंध इस दिन से हैI
एक जनवरी को अंग्रेजी कलेंडर की तारीख और अंग्रेज मानसिकता के लोगों के अलावा कुछ नहीं बदला।
_"अपना नव संवत् ही नव वर्ष है नया साल है!"_ - ਸਬਰਵਾਲ ਖੇਤੀਬਾੜੀ
जब ब्रह्माण्ड से लेकर सूर्य चाँद की दिशा, मौसम, फसल, कक्षा, नक्षत्र, पौधों की नई पत्तियां, किसान की नई फसल, विद्यार्थियों की नई कक्षा, मनुष्य में नया रक्त संचरण आदि परिवर्तन होते हैं, जो विज्ञान आधारित है I
अपनी *मानसिकता* को बदलेंI विज्ञान आधारित भारतीय काल गणना को पहचानें। स्वयं सोचें कि क्यों मनायें हम १ जनवरी को नया वर्ष..???
*"एक जनवरी को कैलेंडर बदलें.. अपनी संस्कृति🚩 नहीं"*
आओ जागें और सबको जगायें, भारतीय संस्कृति अपनायें और आगे बढ़ें I हमारा नव वर्ष *चैत्र शुक्ल प्रतिपदा* को है।
।। जय हिंद जय सनातन धर्म।।