11/08/2025
दिनांक 10जुलाई 2025से आरम्भ होने वाली शिव पुराण कथा का समापन नील कण्ठ मन्दिर सेक्टर 8फरीदाबाद में10अगस्त 2025को शिव महायज्ञ से सम्पन्न हुआ। कथा व्यास डॉ बाँके बिहारी ने वैदिक मंत्र और शिव पुराण के विशेष श्लोकों से यज्ञ को सम्पन्न कराया। कथा व्यास डॉ बाँके बिहारी ने बताया की भगवान महादेव की कृपा से संपूर्ण श्रावण मास में चलने वाले इस महा अनुष्ठान में भयंकर बारिश के चलते भी भक्त समाज ने निरन्तर महादेव की कथा का आनन्द लिया। इसके बाद कलश यात्रा में सम्मिलित होने वाली सभी महिलाओं को मंत्रोच्चार के साथ कलश की महता पर प्रकाश डालते हुए कलश प्रदान किए।
संगीत और कर्मकाण्ड आचार्य रवि शास्त्री ने बताया कथा व्यास डॉ बाँके बिहारी एक महान परिवार से सम्बन्ध रखते हैं। त्याग और समर्पण इनको परिवार से विरासत में मिला है। इस महान अनुष्ठान के सम्पन्न करने में अपने ऑनलाइन ज्योतिष की काउंसलिंग और कर्मकाण्ड एक महीने के लिए बिल्कुल नहीं किया। यह एक महान त्याग का उदाहरण जिसने लाखों रुपए का कार्य ही नहीं किया। जो भी कथा के अन्य संगीत साउंड की व्यवस्था भक्त समाज साधु संतों की आवभगत सम्मान की व्यवस्था सब व्यास जी ने ही नेक कमाई से की है। ऐसा त्याग समर्पण और सनातन के प्रति निष्ठा देखने बहुत कम मिलती है। प्रो भारती शर्मा ने कहा इस महान आयोजन में समाज की हर इकाई के गण मान्य लोगों ने भाग लिया। राजनैतिक , सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, प्रशासनिक, पत्रकार, छायाकार, नाटककार सभी ने शिव पुराण का आनंद लिया कोशी, प्रयागराज, नोएडा, पलवल, दिल्ली, रोहतक, बल्लबगढ़ अनेक क्षेत्रों से कथा प्रेमियों ने आनन्द लिया। मानस मर्मज्ञ पं राजकिशन शर्मा ने बताया इनकी कथा प्रभावित के साथ हृदय को प्रकाशित करने वाली है क्योंकि खुद व्यास जी कथा में डूबकर आनन्द लेते हैं फिर भक्त समाज को आनंद देते हैं। आनन्द वहीं दे सकता है जिस में गुरु कृपा के साथ भगवत भक्ति त्याग प्रेम और समर्पण की भावना हो। आज व्यास जी ने स्वयं एक मास की शिव महापुराण कथा तन मन के साथ निज धन लगाकर जो महान कार्य किया है वह एक महान व्यक्तित्व ही कर सकता है। भक्तमाल भूषण पं श्याम सुन्दर ने कहा डॉ बाँके बिहारी ज्योतिष और कर्मकाण्ड के बहुत ही बड़े जानकार हैं मगर कथा कहने में भी सिद्धहस्त हैं इनकी कथा सुनने के बाद ज्ञात हुआ। व्यास जी परम भागवत स्वरूप मलूका पीठाधीश्वर अग्र पीठा धीश्वर संत शिरोमणि राजेंद दास जी के शरणागत हैं। इनकी वाणी में स्वर संगीत संस्कृत का प्रवाह शास्त्रों का ज्ञान ज्योतिष और कर्म काण्ड की महक परिलक्षित होती है। इस अवसर पर प्रवेश शास्त्री, प्रो भारती शर्मा, संदीप शर्मा, समापन के समय वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव चौधरी, प्रो ऊषा चौधरी , सौरभ मुदगिल और समिति के सदस्य उपस्थित रहे।