
22/07/2025
👉कर्नाटक में UPI को लेकर एक बड़ी खबर चल रही है, खासकर छोटे व्यापारियों के बीच।
क्या है पूरा मामला?
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👉कर्नाटक के वाणिज्यिक कर विभाग (Commercial Taxes Department) ने हजारों छोटे व्यापारियों को GST नोटिस भेजे हैं, जिनके UPI लेनदेन उनके वार्षिक कारोबार की GST पंजीकरण सीमा (सेवाओं के लिए ₹20 लाख और वस्तुओं के लिए ₹40 लाख) से अधिक हो गए हैं। इन नोटिसों के कारण व्यापारियों में काफी घबराहट है, क्योंकि उनमें से कई को 2021-22 से बकाया करों का भुगतान करने के लिए कहा गया है, जिसकी राशि लाखों में हो सकती है।
व्यापारियों की प्रतिक्रिया
इस कार्रवाई के बाद, कई छोटे दुकानदार, होटल मालिक, पीजी ऑपरेटर और ऑटो चालक UPI भुगतान स्वीकार करने से बच रहे हैं और नकदी को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने अपनी दुकानों पर "नो UPI, केवल नकद" के बोर्ड भी लगा दिए हैं। उनका कहना है कि वे हर UPI लेनदेन का रिकॉर्ड नहीं रख सकते और उन्हें यह भी नहीं पता था कि व्यक्तिगत और व्यावसायिक UPI लेनदेन को भी कारोबार का हिस्सा माना जा सकता है।
सरकार और विभाग का स्पष्टीकरण
वाणिज्यिक कर विभाग ने स्पष्ट किया है कि GST किसी भी भुगतान माध्यम पर लागू होता है, चाहे वह UPI हो, नकद हो, PoS मशीन हो या बैंक हस्तांतरण। विभाग का कहना है कि नोटिस केवल उन व्यवसायों को भेजे गए हैं जिनके UPI लेनदेन डेटा से पता चला है कि उनका कारोबार अनिवार्य GST पंजीकरण सीमा से अधिक है। उनका उद्देश्य पात्र व्यापारियों को GST के तहत पंजीकृत करवाना है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से बात करने का आश्वासन दिया है और विभाग को व्यापारियों की चिंताओं को दूर करने का निर्देश दिया है। इसके चलते, कर्नाटक सरकार ने GST के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 'Know GST' अभियान शुरू किया है। विभाग ने एक हेल्पलाइन (1800 425 6300) भी शुरू की है ताकि व्यापारी अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें।
विवाद और चिंताएं
* रिकॉर्ड रखने की समस्या: छोटे व्यापारी, खासकर सब्जी विक्रेता जैसे लोग, विस्तृत रिकॉर्ड रखने में असमर्थ हैं और उनके लिए हर UPI लेनदेन को ट्रैक करना मुश्किल है।
* व्यक्तिगत और व्यावसायिक लेनदेन का मिश्रण: कई व्यापारियों के लिए UPI व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों तरह के लेनदेन के लिए उपयोग होता है, जिससे यह निर्धारित करना मुश्किल हो जाता है कि कौन सा लेनदेन व्यवसाय से संबंधित है।
* अचानक कार्रवाई: व्यापारियों का आरोप है कि विभाग ने बिना किसी पूर्व सूचना या जागरूकता अभियान के अचानक कार्रवाई की है।
* विरोध प्रदर्शन: व्यापारी संघों ने इन नोटिसों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है और कुछ ने 25 जुलाई, 2025 को राज्यव्यापी बंद की भी धमकी दी है।
संक्षेप में, कर्नाटक में UPI लेनदेन को लेकर GST विभाग की कार्रवाई से छोटे व्यापारियों में भय का माहौल है, और इससे डिजिटल भुगतान अपनाने की गति पर भी असर पड़ने की आशंका है। सरकार इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रही है, लेकिन व्यापारियों में अभी भी असंतोष है।