
24/08/2025
"आपने मेरे लिए किया ही क्या है? सिर्फ अच्छे कॉलेज और हॉस्टल में डाल देने से जिम्मेदारी पूरी नहीं होती।
मैंने भी दुनिया देखी है,कितने दोस्त हैं मेरे,देश और विदेश में भी।"
"वो सब अपने पेरेंट्स की कितनी बातें बताया करते हैं,हॉस्टल में आने के पहले ही सब जानते थे वो।
मुझे तो छुरी कांटे तक ठीक से पकड़ना नहीं आता था।
इंग्लिश भी धाराप्रवाह नहीं बोल सकता था,क्योंकि आपने घर में हमेशा मातृभाषा बोलने पर ही जोर दिया।
किसी को घर बुलाने में भी शर्म आती है मुझे।"
डिग्री पूरी करने के बाद घर आया बेटा मां पर अपना फ्रस्टेशन निकाल रहा था,और मां अपराधी सी चुपचाप सुन रही थी।
बरामदे में बैठा वो महसूस कर रहा था हर आक्षेप के बाद उसके और बेटे के बीच आज तक तुला बन संतुलन बनाती रही उसकी पत्नी कुछ और झुकती जा रही है।
" मेरा ड्रेसिंग सेंस,हेयर स्टाइल हर बात का मजाक बनता था,कितनी मुश्किल से खुद को सम्भाल पाया हूं,आप अंदाज़ ही नहीं लगा सकते।"
" तुम्हें भी कोई अंदाज़ नहीं ?"
अचानक उसकी आवाज सुन मां बेटे दोनों ही उसे देखने लगे।
" मां ने मना किया था बताने को,पर आज भी नहीं बताया तो बहुत देर हो जायेगी।
तुम्हारे गर्भ में आते ही मां बहुत बीमार रहने लगी थी,डॉक्टर ने गर्भपात की सलाह दी थी,क्यूंकि उसकी जान को खतरा था।
उस वक्त भी उसे खुद से ज्यादा तुम्हारी धड़कनें प्यारी थीं।
पूरे नौ महीने पेट में भी नहीं रह सके तुम,शुरू से उतावले हो ना।
आठ महीने के बच्चे नहीं बचते,पर मां की सेवा और मेहनत का नतीजा है जो आज इतना कुछ सुनाने लायक बन गए।"
बेटे के चेहरे पर पश्चाताप और पत्नी के चेहरे की छटपटाहट के बीच उसने महसूस किया, पत्नी ने दोबारा उन दोनों के बीच संतुलन बना लिया है ।
वर्षा गर्ग