23/07/2024
सस्ती हवाई यात्रा को हकीकत बनाने वाले कैप्टन गोपीनाथ की कहानी, 1 रु में भी करा दिया था सफर
इंडियन आर्मी के रिटायर्ड कैप्टन और बिजनेसमैन जीआर गोपीनाथ वह शख्स थे, जिन्होंने देश में सस्ते हवाई सफर के सपने को न सिर्फ देखा बल्कि उसे हकीकत में तब्दील भी किया.
भारतीय विमानन सेक्टर में मोस्ट अफोर्डेबल एयरलाइन की बात चले तो जीआर गोपीनाथ (G.R. Gopinath) का जिक्र करना जरूरी हो जाता है. इंडियन आर्मी के रिटायर्ड कैप्टन और बिजनेसमैन जीआर गोपीनाथ वह शख्स थे, जिन्होंने देश में सस्ते हवाई सफर के सपने को न सिर्फ देखा बल्कि उसे हकीकत में तब्दील भी किया. कभी बैलगाड़ी से सफर करने वाले कैप्टन गोपीनाथ ने खुद की एयरलाइंस खड़ी की, जिसका नाम था 'एयर डेक्कन' (Air Deccan)...
कैप्टन गोपीनाथ का पूरा नाम गोरुर रामास्वामी अयंगर गोपीनाथ है. उनका जन्म 13 नवंबर 1951 को कर्नाटक के हासन जिले के एक छोटे से गांव गोरुर में हुआ था. पिता शिक्षक थे और खेती का काम भी करते थे, जबकि मां गृहिणी थीं. शुरुआत में गोपीनाथ की पढ़ाई घर पर ही हुई और उनका स्कूल में दाखिला देरी से सीधे कक्षा 5 में हुआ. 1962 में गोपीनाथ को बीजापुर के सैनिक स्कूल में दाखिला मिला और फिर एनडीए में उनका सिलेक्शन. 3 साल की ट्रेनिंग के बाद उनकी एनडीए, पुणे से पढ़ाई पूरी हुई और फिर उन्होंने इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून से ग्रेजुएशन किया.
Advertise with Us Advertise with us Now Reading: सस्ती हवाई यात्रा को हकीकत बनाने वाले कैप्टन गोपीनाथ की कहानी, 1 रु में भी करा दिया था सफर Advertise with us BRANDS स्टोरी सस्ती हवाई यात्रा को हकीकत बनाने वाले कैप्टन गोपीनाथ की कहानी, 1 रु में भी करा दिया था सफर इंडियन आर्मी के रिटायर्ड कैप्टन और बिजनेसमैन जीआर गोपीनाथ वह शख्स थे, जिन्होंने देश में सस्ते हवाई सफर के सपने को न सिर्फ देखा बल्कि उसे हकीकत में तब्दील भी किया. Ritika Singh 809 Stories Sunday June 26, 2022 , 6 min Read दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) समर्थित Akasa Air का पहला विमान आ गया है. आकासा एयर ब्रांड नाम से SNV Aviation Pvt. Ltd. भारतीय विमानन सेक्टर में उतर रही है. हो सकता है कि जुलाई के आखिर तक इसकी उड़ानें शुरू हो जाएं. आकासा एयर के फाउंडर, एमडी व सीईओ विनय दुबे का कहना है कि कंपनी भारत की ग्रीनेस्ट, मोस्ट डिपेंडेबल और मोस्ट अफोर्डेबल एयरलाइन लाना चाहती है. भारतीय विमानन सेक्टर में मोस्ट अफोर्डेबल एयरलाइन की बात चले तो जीआर गोपीनाथ (G.R. Gopinath) का जिक्र करना जरूरी हो जाता है. इंडियन आर्मी के रिटायर्ड कैप्टन और बिजनेसमैन जीआर गोपीनाथ वह शख्स थे, जिन्होंने देश में सस्ते हवाई सफर के सपने को न सिर्फ देखा बल्कि उसे हकीकत में तब्दील भी किया. कभी बैलगाड़ी से सफर करने वाले कैप्टन गोपीनाथ ने खुद की एयरलाइंस खड़ी की, जिसका नाम था 'एयर डेक्कन' (Air Deccan)... पूरा नाम गोरुर रामास्वामी अयंगर गोपीनाथ कैप्टन गोपीनाथ का पूरा नाम गोरुर रामास्वामी अयंगर गोपीनाथ है. उनका जन्म 13 नवंबर 1951 को कर्नाटक के हासन जिले के एक छोटे से गांव गोरुर में हुआ था. पिता शिक्षक थे और खेती का काम भी करते थे, जबकि मां गृहिणी थीं. शुरुआत में गोपीनाथ की पढ़ाई घर पर ही हुई और उनका स्कूल में दाखिला देरी से सीधे कक्षा 5 में हुआ. 1962 में गोपीनाथ को बीजापुर के सैनिक स्कूल में दाखिला मिला और फिर एनडीए में उनका सिलेक्शन. 3 साल की ट्रेनिंग के बाद उनकी एनडीए, पुणे से पढ़ाई पूरी हुई और फिर उन्होंने इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून से ग्रेजुएशन किया. आर्मी में केवल 8 साल बिताए कैप्टन गोपीनाथ साल 1971-72 में हुई बांग्लादेश की लड़ाई तक आर्मी में रहे. उन्होंने 8 साल बाद ही 28 वर्ष की उम्र में आर्मी से रिटायरमेंट ले लिया. कुछ नया करना चाहते थे वह, इसलिए दोस्तों से मदद लेकर उन्होंने सिल्क की खेती, डेयरी फार्मिंग, पोल्ट्री फार्मिंग, मोटरसाइकिल डीलरशिप और हॉस्पिटैलिटी जैसे कई बिजनेस में हाथ आजमाया. इसके बाद साल 1997 में एक निजी कंपनी डेक्कन एविएशन (Deccan Aviation) के तौर पर अपनी हेलिकॉप्टर सेवा शुरू की. उनका उद्देश्य वीआईपी लोगों के लिए चार्टर्ड हेलीकॉप्टर की सेवा को उपलब्ध कराना था. उनकी कंपनी का कहना था कि मैप पर कोई भी जगह दिखाइए, हम आपको वहां तक पहुंचाएंगे. फिर आया सस्ती विमानन सर्विस शुरू करने का आइडिया कैप्टन गोपीनाथ को सस्ती विमानन सर्विस शुरू करने का ख्याल साल 2000 में उस वक्त आया, जब वह अमेरिका में छुट्टियां मनाने गए थे. फीनिक्स में उन्होंने एक स्थानीय एयरपोर्ट देखा, जहां से लगभग एक हजार उड़ानें संचालित होती थीं और जो हर दिन करीब एक लाख यात्रियों को सर्विस देती थीं. ऐसा तब था जब फीनिक्स एयरपोर्ट अमेरिका के टॉप एयरपोर्ट में शामिल भी नहीं था. उस वक्त भारत के 40 एयरपोर्ट मिलकर भी इतनी उड़ानें संचालित नहीं कर पा रहे थे. पूरे भारत में केवल 420 कमर्शियल उड़ानें संचालित हो रही थीं. अमेरिका से कैप्टन गोपीनाथ जब लौटे तो उन्होंने ठान लिया था कि वह देश में आम आदमी को हवाई जहाज में बैठने की सुविधा उपलब्ध कराएंगे.
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Akshay Kumar