14/05/2025
Turkey Boycott :पाकिस्तान का साथ देकर गलती कर बैठा तुर्की।
पूरी दुनिया के भारतीयों के द्वारा पूरे विश्व में तुर्की के बहिष्कार की मांग शुरू हो गई है।यहाँ तक की पाकिस्तान जैसे आतंकी देश के साथ खड़ा होने के बजह से भारत सरकार के द्वारा तुर्की से व्यापार खत्म करने की नौबत आ गयी है।इससे साफ़ पता चल रहा है की तुर्की का अब मालदीव जैसा हाल होने जा रहा है।
पाकिस्तान के द्वारा 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 लोगों का धर्म पूछकर नरसंहार करने के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम सीमा पर है।भारत ने आतंकी हमला का जवाब देते हुए पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद आतंक को पालने वाला पाकिस्तान तिलमिला गया और भारत पर ड्रोन और मिसाइल दागने लगा।पाकिस्तान ने तुर्की के ड्रोन से हमला किया। इन हमलों को भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने मुंहतोड़ जवाब दिया।इसके बाद पाकिस्तान घुटने पर आ गया और भारत से सीजफायर की गुहार लगायी ।10 मई को भारत ने सीजफायर का ऐलान किया।अब देशभर में तुर्की का विरोध शुरू हो गया है।सवाल यह भी उठने लगा है कि क्या राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन की हालत मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइजू की तरह ना हो जाए।
यह ऐसे ही नहीं कहा जा रहा है।भारत तुर्की से व्यापार खत्म करने की तैयारी में है क्योंकि वह पाकिस्तान जैसे आतंकी समर्थक देश के साथ खड़ा है।भरत में लोगों ने तुर्की के बहिष्कार की मांग शुरू कर दी है।
विशेष बात कि अब इस बहिष्कार अभियान की कमान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने संभाल ली है। आरएसएस के सहयोगी संगठन स्वदेशी जागरण मंच को पाकिस्तान को तुर्किये का सैन्य समर्थन नागवार गुजरा है और उसने तुर्किये पर आर्थिक प्रतिबंध, उड़ान प्रतिबंध और पर्यटन बहिष्कार का आह्वान किया है।
यह जानकर आश्चर्य होगा कि चीन के बाद पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश तुर्किये है, जिसने पाकिस्तान की नौसेना के आधुनिकीकरण और उसकी हवाई युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।
ऐसा लगता है कि तुर्किये संकट के समय में उसको भारत की उदार और समय पर की गई मानवीय सहायता को भूल गया है। भारत न केवल एक व्यापारिक साझेदार के रूप में बल्कि वसुधैव कुटुम्बकम का पालन करने वाली एक जिम्मेदार वैश्विक शक्ति के रूप में तुर्किये के साथ खड़ा रहा है।
फरवरी 2023 में आए विनाशकारी भूकंप के दौरान, भारत उन पहले देशों में से एक था जिसने आपरेशन दोस्त शुरू किया, जिसमें राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), सेना की मेडिकल टीमें, फील्ड अस्पताल और मेडिकल सप्लाई, जनरेटर, टेंट और कंबल सहित 100 टन से अधिक राहत सामग्री भेजी गई। भारत के राजनयिक मिशन और नागरिक समाज ने तुर्किये के लोगों के साथ समर्थन और एकजुटता बढ़ाने के लिए प्रयास किया।
संवाददाता चंदन सिंह
नेशनल एडवाइजर एंड रिपोर्टर
दिल्ली क्राइम प्रेस