Savita Bhabhi story

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06/09/2025

Emotional Audio story || Full hindi Audio Story Savita bhabhi

























04/09/2025

Emotional Audio story || Full hindi Audio Story Savita bhabhi Part-2

























02/09/2025

Emotional Audio story || Full hindi Audio Story Savita bhabhi Part-1

























01/09/2025

Emotional Audio story || Full hindi Audio Story Savita bhabhi Part-4

























यह रहा एक रोमांचक और दिलचस्प हिंदी कहानी:  --- # # # **रहस्यमयी हवेली का राज**  शहर से दूर, घने जंगलों के बीच एक पुरानी,...
01/09/2025

यह रहा एक रोमांचक और दिलचस्प हिंदी कहानी:
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# # # **रहस्यमयी हवेली का राज**
शहर से दूर, घने जंगलों के बीच एक पुरानी, खंडहर जैसी हवेली खड़ी थी। लोग कहते थे कि वहाँ अजीब घटनाएँ होती हैं। कुछ ने वहाँ से डरावनी आवाज़ें सुनी थीं, तो कुछ ने दावा किया था कि उन्होंने हवेली की खिड़कियों से परछाइयाँ देखी थीं।
# # # **राहुल और उसकी जिज्ञासा**
राहुल को रहस्यमयी जगहों के बारे में जानने का बहुत शौक था। जब उसने हवेली के बारे में सुना, तो उसकी उत्सुकता बढ़ गई। उसके दोस्त चेतन, पायल और समीर ने उसे समझाने की बहुत कोशिश की कि वहाँ जाना खतरे से खाली नहीं है, पर राहुल ने ठान लिया था कि वह इस रहस्य से पर्दा उठाकर रहेगा।
एक दिन, बिना किसी को बताए, राहुल ने हवेली में जाने की योजना बनाई। आधी रात को, एक टॉर्च और मोबाइल लेकर वह जंगल की तरफ निकल पड़ा।
# # # **हवेली के अंदर**
हवेली के पास पहुँचते ही उसे ठंडी हवा का झोंका महसूस हुआ। चारों ओर अजीब-सा सन्नाटा था। दरवाजा हल्के से धक्का देते ही चरमराने की आवाज़ के साथ खुल गया। अंदर घुप्प अंधेरा था। उसने टॉर्च जलाकर इधर-उधर देखा।
हॉल में पुरानी पेंटिंग्स टंगी थीं, जिन पर धूल जमी थी। दीवारों पर मकड़ी के जाले थे और फर्श पर टूटी हुई लकड़ियाँ बिखरी थीं। अचानक, उसे एक हल्की सरसराहट सुनाई दी। वह चौंका, लेकिन खुद को संभालते हुए आगे बढ़ा।
# # # **रहस्यमयी परछाई**
राहुल धीरे-धीरे सीढ़ियों से ऊपर चढ़ने लगा। तभी उसे एक परछाई दिखी जो तेजी से एक कमरे में चली गई। राहुल की धड़कन तेज हो गई, पर उसने हिम्मत नहीं हारी। वह उस कमरे की ओर बढ़ा और दरवाजा खोला।
कमरे में एक पुरानी अलमारी थी, एक टूटा हुआ झूला और दीवार पर एक पुरानी तस्वीर टंगी थी। तस्वीर में एक परिवार था—एक आदमी, एक औरत और एक बच्चा। अचानक, हवा का एक झोंका आया और तस्वीर ज़मीन पर गिर गई।
राहुल ने अलमारी खोलने की कोशिश की, लेकिन वह जाम थी। तभी उसे पीछे से किसी के सांस लेने की आवाज़ सुनाई दी। उसने तुरंत मुड़कर देखा, पर वहाँ कोई नहीं था।
# # # **छुपा हुआ दरवाजा**
राहुल अलमारी के पास गया और ज़ोर से धक्का दिया। तभी अलमारी के पीछे एक गुप्त दरवाजा दिखा। राहुल ने उसे खोला और अंदर झाँका।
कमरा एक तहखाने में खुलता था। वहाँ कुछ पुराने सामान रखे थे और एक मेज पर ढेर सारे कागज़ फैले थे। एक डायरी पड़ी थी, जिस पर धूल की मोटी परत जमी थी।
राहुल ने उसे उठाया और पहला पन्ना खोला। लिखा था:
*"यदि कोई यह डायरी पढ़ रहा है, तो उसे यह जान लेना चाहिए कि इस हवेली में कुछ रहस्य छुपे हैं। मैं इसे उजागर करना चाहता था, पर शायद अब मैं यह कभी नहीं कर पाऊँगा।"*
राहुल ने पन्ने पलटने शुरू किए। डायरी के अनुसार, यह हवेली कभी राजा विक्रम सिंह की थी। उनके पास एक बहुमूल्य हीरा था, जिसे ‘नवरत्न मणि’ कहा जाता था। कहा जाता था कि वह हीरा इतना शक्तिशाली था कि जो भी उसे छूता, उसकी किस्मत बदल जाती। लेकिन एक दिन वह हीरा रहस्यमय तरीके से गायब हो गया, और उसी के बाद राजा भी लापता हो गए।
# # # **भूत या कोई और?**
राहुल जब डायरी पढ़ रहा था, तभी अचानक किसी के पैरों की आहट सुनाई दी। वह तेजी से मुड़ा, लेकिन कुछ नहीं दिखा। अचानक दरवाजा खुद-ब-खुद बंद हो गया। राहुल ने दरवाजा खोलने की कोशिश की, पर वह अंदर से लॉक हो चुका था।
तभी एक धीमी आवाज़ आई, "तुम्हें यहाँ नहीं आना चाहिए था!"
राहुल का दिल तेज़ी से धड़कने लगा। उसने टॉर्च चारों ओर घुमाई। तभी एक छाया उसके सामने आई। वह डर के मारे पीछे हट गया।
"क-कौन हो तुम?" राहुल ने डरते हुए पूछा।
परछाई धीरे-धीरे पास आई, और अब राहुल को स्पष्ट दिखा—यह कोई भूत नहीं बल्कि एक बूढ़ा आदमी था।
# # # **राज़ का पर्दाफाश**
बूढ़े आदमी ने धीरे से कहा, "मैं इस हवेली का चौकीदार हूँ। सालों पहले, राजा विक्रम सिंह ने इस हीरे को बचाने के लिए इसे तहखाने में छिपा दिया था। लेकिन कुछ चोर इसे चुराने आ गए। राजा ने उन्हें रोकने की कोशिश की, पर वह खुद ही इस तहखाने में फँस गए। तभी से यह हवेली सुनसान पड़ी है।"
"लेकिन लोग कहते हैं कि यहाँ भूत हैं?" राहुल ने पूछा।
बूढ़ा हँसा, "यह सिर्फ अफवाहें हैं। लोगों को डराने के लिए ही ये कहानियाँ फैलाई गई हैं, ताकि कोई इस हीरे तक न पहुँचे।"
राहुल ने चारों ओर देखा। उसे एक पुरानी तिजोरी दिखी। बूढ़े आदमी ने एक चाबी निकाली और तिजोरी खोली। अंदर एक छोटा-सा डिब्बा रखा था। जब बूढ़े ने उसे खोला, तो अंदर चमचमाता हुआ 'नवरत्न मणि' रखा था।
"अब यह क्या होगा?" राहुल ने पूछा।
"इसे सरकार को सौंपा जाएगा, ताकि यह सही हाथों में रहे," बूढ़े ने कहा।
राहुल मुस्कुराया। उसने हवेली के सबसे बड़े रहस्य से पर्दा उठा दिया था। अगली सुबह, उसने पुलिस को सूचना दी, और 'नवरत्न मणि' को संग्रहालय में सुरक्षित रख दिया गया।
राहुल ने साबित कर दिया कि कभी-कभी डर सिर्फ मन का वहम होता है, और हिम्मत से हर रहस्य सुलझाया जा सकता है।
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**समाप्त!** 😊


























31/08/2025

Emotional Audio story || Full hindi Audio Story Savita bhabhi Part-3

























यह रहा एक रोमांचक और दिलचस्प हिंदी कहानी: हाय मैं शेखर आपके लिए एक स्टोरी लेकर आया हूँ मेरी उम्र २६ साल है मेरे घर में म...
31/08/2025

यह रहा एक रोमांचक और दिलचस्प हिंदी कहानी:

हाय मैं शेखर आपके लिए एक स्टोरी लेकर आया हूँ मेरी उम्र २६ साल है मेरे घर में माँ एक छोटा भाई और दो बहन है मेरे पिताजी के देहांत के बाद मैंने १२वीं पास करके पढाई छोड़ दी और घर के पालन पोषण में जुट गया मेरी बहन की शादी हमने एक अच्छे खानदान में पक्की कर दी मगर उन्होंने पहले दो लाख रुपये दहेज़ माँगा था.

मैं एक छोटे से करखाने में काम करता था कारखाने का मालिक ५५ साल का बुड्डा और एक अमीर आदमी था परन्तु उसकी बीवी एक सुंदर, सु्शील, और बेहद खूबसूरत लड़की थी वह उसकी पत्नी नहीं बल्कि उसकी रखैल थी। वह पहले एक हाई प्रोफाइल कॉलगर्ल थी और अभी भी वह लड़कियों से जिस्मफरोशी का धंधा करवाती थी हमारे मालिक ने उसे सारी पॉवर दे रखी थी और खुद उसकी हिप के पीछे दुम हिलाता फिरता था।

मैंने उसे पटाने के बारे में सोचा क्यूंकि अगर वह पट गयी तो मुझे इस कारखाने का मैंनेजर बना देगी एक दिन वह ऊपर खड़ी देख रही थी तो मैंने उसे देखकर एक प्यारी सी स्माइल दे दी। वह भी मुझे देकर हंस पड़ी। अब रोज़ ऐसा ही चलता एक दिन जब मैं खाना खा रहा तो वह मुझे देख रही थी तो मैंने उसे दूर से ही खाने का न्योता दिया तो वह मुझे न कहकर थैंक्स करके चली गयी।

एक दिन उसने मुझे रोककर मेरा नाम पूछा तो मैंने शेखर कह दिया इस पर उसने अपना नाम शबनम बताया और अपना पता देकर चली गयी और रात को १० बजे बाद आने को कहा मैं रात को ठीक १० बजे पहुच मैंने डोर बेल बजायी तो उसने दरवाजा खोला और मेरा स्वागत करते हुए मुझे अपने लिविंग रूम में ले गयी मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे पति कहाँ है तो वह बोली की उन्हें तो मैंने खाने में नींद की गोली देकर सुला दिया है अब वे सुबह तक नहीं उठेंगे।

वहां पर उसने मुझे एक बढ़िया सी वाईन पिलाई। वाईन पीकर मेरी हिम्मत बढ गयी और मैंने उसके गाल पर किस कर दिया। किस करने के बाद वोह खड़ी हुयी और दौड़कर अपने बेडरूम में चली गयी और दरवाजा बंद कर दिया्। मेरी लाख मिन्नतें करने के बाद आधे घंटे बाद उसने जब दरवाजा खोला तो मैं उसे देख कर स्तब्ध रह गया क्यूंकि उसके सरीर पर पेंटी नाम का भी वस्त्र नहीं था।

यह देख मैं उसके होंठों को जोर जोर से चूसने लगा और जैसे ही मैंने उसे बेड पर ले जाना चाहा तो वह बोली ऐसे नहीं जानेमन एक एक करके अपने कपडे उतारो और एक एक कदम बढाओ मुझे उसका आईडिया बड़ा ही रोमांटिक लगा मैं उससे अब मात्र एक कदम की दूरी पर था अब मैंने एक अंडरवियर बची थी उसे भी उतर फेका और मुझे अपने सामान पर शर्म आ रही थी कि कहीं वह इसे गधे का न कहने लगे पर वह मेरे सामान को देखते ही मुस्कुराई और बोली कितना बड़ा और प्यारा है यह सुनकर मुझे मेरे सामान पर अब गर्व महसूस होने लगा।

तभी मैंने उसके संतरो को जोर जोर से दबाने लगा और वह ठोस हो गए फिर मैंने उनसे स्तनपान किया उसके बाद जब मैं उसकी गुफा पर हाथ फेरने लगा तो मुझसे वह कहने लगी डार्लिंग इसे चाटो ना। मैंने उससे कह दिया आपका हुक्म सर आँखों पर उसकी गुफा देखकर लग रहा था कि वह अनेको सामान की चोट झेल चुकी है फिर मैंने पोसिशन ६९ में आकर १५ मिनट तक उसकी गुफा और उसने मेरा चूसा फिर वह बोली कि जान अब रहा नहीं जाता

अब इस गुफा की प्यास बुझाओ। यह सुनते ही मैंने उसकी गुफा पर जोर से दो झटके मारे और पूरा उसकी गुफा में चला गया और मैं उसे कर रहा था तब वह मेरा कम ओन! कम ओन! कहकर मेरा साथ दे रही थी उस रात उसे ५ तरीको से करने के बाद अब वह मुझसे रोज़ करवाने लगी और उसने मुझे अपने धंधे का दलाल बना लिया और अपने कारखाने के मैंनेजर के पद पर नियुक्त कर लिया।

अब मैं दलाली में रोज़ १००० रूपये कमा लेता हूँ और कुछ दिनों में मैं अपनी बहन की शादी भी कर दूंगा।


























हाय मैं शेखर आपके लिए एक स्टोरी लेकर आया हूँ मेरी उम्र २६ साल है मेरे घर में माँ एक छोटा भाई और दो बहन है मेरे पिताजी के...
30/08/2025

हाय मैं शेखर आपके लिए एक स्टोरी लेकर आया हूँ मेरी उम्र २६ साल है मेरे घर में माँ एक छोटा भाई और दो बहन है मेरे पिताजी के देहांत के बाद मैंने १२वीं पास करके पढाई छोड़ दी और घर के पालन पोषण में जुट गया मेरी बहन की शादी हमने एक अच्छे खानदान में पक्की कर दी मगर उन्होंने पहले दो लाख रुपये दहेज़ माँगा था.

मैं एक छोटे से करखाने में काम करता था कारखाने का मालिक ५५ साल का बुड्डा और एक अमीर आदमी था परन्तु उसकी बीवी एक सुंदर, सु्शील, और बेहद खूबसूरत लड़की थी वह उसकी पत्नी नहीं बल्कि उसकी रखैल थी। वह पहले एक हाई प्रोफाइल कॉलगर्ल थी और अभी भी वह लड़कियों से जिस्मफरोशी का धंधा करवाती थी हमारे मालिक ने उसे सारी पॉवर दे रखी थी और खुद उसकी हिप के पीछे दुम हिलाता फिरता था।

मैंने उसे पटाने के बारे में सोचा क्यूंकि अगर वह पट गयी तो मुझे इस कारखाने का मैंनेजर बना देगी एक दिन वह ऊपर खड़ी देख रही थी तो मैंने उसे देखकर एक प्यारी सी स्माइल दे दी। वह भी मुझे देकर हंस पड़ी। अब रोज़ ऐसा ही चलता एक दिन जब मैं खाना खा रहा तो वह मुझे देख रही थी तो मैंने उसे दूर से ही खाने का न्योता दिया तो वह मुझे न कहकर थैंक्स करके चली गयी।

एक दिन उसने मुझे रोककर मेरा नाम पूछा तो मैंने शेखर कह दिया इस पर उसने अपना नाम शबनम बताया और अपना पता देकर चली गयी और रात को १० बजे बाद आने को कहा मैं रात को ठीक १० बजे पहुच मैंने डोर बेल बजायी तो उसने दरवाजा खोला और मेरा स्वागत करते हुए मुझे अपने लिविंग रूम में ले गयी मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे पति कहाँ है तो वह बोली की उन्हें तो मैंने खाने में नींद की गोली देकर सुला दिया है अब वे सुबह तक नहीं उठेंगे।

वहां पर उसने मुझे एक बढ़िया सी वाईन पिलाई। वाईन पीकर मेरी हिम्मत बढ गयी और मैंने उसके गाल पर किस कर दिया। किस करने के बाद वोह खड़ी हुयी और दौड़कर अपने बेडरूम में चली गयी और दरवाजा बंद कर दिया्। मेरी लाख मिन्नतें करने के बाद आधे घंटे बाद उसने जब दरवाजा खोला तो मैं उसे देख कर स्तब्ध रह गया क्यूंकि उसके सरीर पर पेंटी नाम का भी वस्त्र नहीं था।

यह देख मैं उसके होंठों को जोर जोर से चूसने लगा और जैसे ही मैंने उसे बेड पर ले जाना चाहा तो वह बोली ऐसे नहीं जानेमन एक एक करके अपने कपडे उतारो और एक एक कदम बढाओ मुझे उसका आईडिया बड़ा ही रोमांटिक लगा मैं उससे अब मात्र एक कदम की दूरी पर था अब मैंने एक अंडरवियर बची थी उसे भी उतर फेका और मुझे अपने सामान पर शर्म आ रही थी कि कहीं वह इसे गधे का न कहने लगे पर वह मेरे सामान को देखते ही मुस्कुराई और बोली कितना बड़ा और प्यारा है यह सुनकर मुझे मेरे सामान पर अब गर्व महसूस होने लगा।

तभी मैंने उसके संतरो को जोर जोर से दबाने लगा और वह ठोस हो गए फिर मैंने उनसे स्तनपान किया उसके बाद जब मैं उसकी गुफा पर हाथ फेरने लगा तो मुझसे वह कहने लगी डार्लिंग इसे चाटो ना। मैंने उससे कह दिया आपका हुक्म सर आँखों पर उसकी गुफा देखकर लग रहा था कि वह अनेको सामान की चोट झेल चुकी है फिर मैंने पोसिशन ६९ में आकर १५ मिनट तक उसकी गुफा और उसने मेरा चूसा फिर वह बोली कि जान अब रहा नहीं जाता

अब इस गुफा की प्यास बुझाओ। यह सुनते ही मैंने उसकी गुफा पर जोर से दो झटके मारे और पूरा उसकी गुफा में चला गया और मैं उसे कर रहा था तब वह मेरा कम ओन! कम ओन! कहकर मेरा साथ दे रही थी उस रात उसे ५ तरीको से करने के बाद अब वह मुझसे रोज़ करवाने लगी और उसने मुझे अपने धंधे का दलाल बना लिया और अपने कारखाने के मैंनेजर के पद पर नियुक्त कर लिया।

अब मैं दलाली में रोज़ १००० रूपये कमा लेता हूँ और कुछ दिनों में मैं अपनी बहन की शादी भी कर दूंगा।

यह रहा एक रोमांचक और दिलचस्प हिंदी कहानी: मेरा नाम अरुण है, मैं 19 साल का हूँ.. स्टूडेंट हूँ, मैं जयपुर में अपने मामा के...
30/08/2025

यह रहा एक रोमांचक और दिलचस्प हिंदी कहानी:

मेरा नाम अरुण है, मैं 19 साल का हूँ.. स्टूडेंट हूँ, मैं जयपुर में अपने मामा के घर रहता हूँ। इस कहानी की हीरोइन मेरी मस्त नयी नवेली मामी है। सच बताऊँ दोस्तों, क्या मस्त मखमली बदन है उनका, जब से उनको करीब से देखने का मौका मिला है, बस पागल हो गया हूँ। ..

आज मैं जो आपको कहानी सुनाने जा रहा हूँ वो 100% एकदम सही है.. यह घटना अभी कुछ 2 महीने पहले की ही है।
मेरे घर में एक पूजा थी.. तो मुझे पूजा में शामिल होने के लिए अपने घर अलवर जाना था। दिन में मॉम का फोन आ गया था कि मामी को भी ले आना।
मैंने मामाजी को बोला- मॉम बोल रही हैं कि मामी जी को साथ ले आना।
मामा जी बोले- ठीक है 2 दिन में वापिस आ जाना..
मामा जी की शादी अभी 3 महीने पहले ही हुई थी.. मामाजी की उम्र 26 के करीब थी मैं मामाजी के साथ ही रहता था और मामी मेरी अच्छी दोस्त बन गई थीं। लेकिन मैंने उन्हें कभी बुरी नज़र से नहीं देखा था।
हम बस स्टैंड पहुँचे.. मामाजी हम दोनों को छोड़ने आए थे। मामाजी ने एक डबल बर्थ बुक करा दी और हम बस में बैठ गए। बस 7:30 पर जयपुर से निकल गई और सुबह 7 बजे अलवर पहुँचना था।
रास्ते भर मैं और मामी बात करते रहे मामी ने सफ़ेद रंग का सूट पहन रखा था और अभी नई शादी हुई थी तो मामी एकदम मस्त लग रही थीं। उनके गाल भरे-भरे थे और बहुत खूबसूरत थीं। उन्हें देख कर ऐसा लगता था कि मानो कोई परी हों। हम बात करते रहे.. इस वक्त गर्मी का मौसम था.. तो गर्मी लग रही थी। मामी बोलीं- अरुण गर्मी बहुत है.. एक काम करो.. तुम थोड़ी देर के लिए नीचे उतर जाओ.. मैं गाउन पहन लेती हूँ..

मैं नीचे उतर गया और मामी ने थोड़ी देर बाद आवाज दी.. तो फिर ऊपर चला गया। मामी को देखकर मैं परेशान हो गया.. वो क्रीम रंग की गाउन पहने हुए थीं क्योंकि गाउन बहुत पतली था और बदन साफ-साफ दिख रहा था। मामी यही गाउन घर पर भी पहनती थीं लेकिन अन्दर ब्लाउज पहनती थीं, मामी ने अन्दर ब्रा भी नहीं पहनी थी.. बस चुनरी ओढ़ रखी थी.. गाउन में ब्रा भी नहीं थी.. तो मामी के संतरे साफ दिख रहे थे, मैं कुछ नहीं बोला।

हम बात करते रहे.. मामी लेट गईं और मैं फोन में -फिल्म देखने लगा.. क्योंकि मामी सो चुकी थीं।
अब मामी की चुन्नी भी खिसक गई.. पूरा बदन दिख रहा था, मामी की पैन्टी पूरी साफ-साफ दिख रही थी, संतरे कुछ ज़्यादा बड़े नहीं थे.. मुश्किल से एक सेब के बराबर होंगे तो लटक नहीं रहे थे.. एकदम उठे हुए थे। उनके संतरो की नोक साफ गाउन के ऊपर से दिख रही थी।

मामी सो रही थीं.. उन्हें देख-देख कर मेरा दिमाग खराब हो रहा था और मैं -फिल्म भी देख रहा था। मैंने मोबाइल बंद कर दिया और लेट गया। मामी मेरी तरफ करवट लिए हुई थीं तो मुझे उनके संतरे गले के नीचे से साफ दिख रहे थे।

अब मैंने मामी को करने का प्लान बना लिया.. लेकिन मन में डर था.. क्योंकि मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था। मेरा खड़ा था.. अब मैंने अपना पैन्ट उतारकर साइड में रख दिया और अंडरवियर में ही लेट गया और सो गया। मुझे नींद नहीं आ रही थी.. क्योंकि मामी की लाल रंग की पैन्टी दिख रही थी।
अब मैंने सोचा कि कुछ करते हैं। मैंने धीरे से मामी के ऊपर हाथ रखा.. तो मामी ने करवट लेकर दूसरी तरफ मुँह कर लिया। मैं तो डर ही गया कि मामी शायद जान चुकी हैं।

मैं थोड़ी देर लेट गया और नींद तो आ नहीं रही थी सो मैंने धीरे से अपने पैर से मामी के गाउन को ऊपर करने लगा। मेरी थोड़ी सी कोशिश से ही गाउन मामी के घुटनों तक आ गया और मैं उनसे चिपक कर लेट गया।

मामी ने कुछ भी ऐतराज नहीं किया.. तो मैंने मामी के गाउन को हाथ से कमर के ऊपर तक ले आया। मामी अब भी कुछ नहीं बोलीं। अब मामी की गोरी-गोरी हिप उनकी लाल रंग की पैन्टी में से साफ दिख रही थी।

अब मेरा दिमाग खराब हो गया। मैंने अपना
निकाला और मामी की पैन्टी में लगा कर सोने का नाटक करने लगा। बस झटके से चल रही थी.. तो दोनों हिल रहे थे। मामी को भी मेरा महसूस होने लगा.. पर वो कुछ बोल नहीं रही थीं।

रात हो चुकी थी.. सब लोग सो रहे थे। तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई और मैंने मामी की पैन्टी धीरे से नीची को खिसका दी और घुटनों तक कर दी।
इतने में मामी उठ गईं.. मेरा तो दम निकल गया। मैं सोने का नाटक करने लगा। मामी ने देखा कि मेरा खड़ा है और उनकी पैन्टी भी नीचे है.. लेकिन वो फिर से सो गईं।
अब मुझे डर लग रहा था लेकिन खड़ा था। फिर मेरी हिम्मत ही नहीं हुई कि मामी को हाथ लगाऊँ। मैं वैसे ही लेटा रहा.. करीब 10 मिनट बाद मामी ने मेरी तरफ करवट ले ली और मेरा हाथ में पकड़ लिया।

मेरी जान निकल गई.. मामी भी ठुकना चाहती थीं। मेरा 8 इंच का था.. लेकिन मोटा बहुत था.. जो मामी के हाथ में नहीं बन रहा था।
मामी धीरे से बोलीं- अरुण .. इतना मोटा मैंने पहली बार देखा है..
मैं कुछ नहीं बोला और लेटा रहा। मामी मेरा सहलाने लगीं। अब मैं पूरे जोश में आ गया था लेकिन सकुचा रहा था। मामी ने मुँह में की कोशिश की लेकिन मोटा होने के कारण उनके मुँह में नहीं जा रहा था।
मामी मेरे ऊपर आकर बैठ गईं और बोलीं- अरुण अब नाटक नहीं करो.. मुझे तुम्हारा बहुत अच्छा लगा। तुम मेरा साथ दो..

मामी के बोलने पर मैं जाग गया मामी मेरे ऊपर चढ़ी थीं.. लेकिन गुफा में जा ही नहीं रहा था।
करीब 3-4 मिनट हो गए.. मामी की गुफा में नहीं गया.. फिर मामी ने अपने मुँह से थूक निकाल कर मेरे पर मला और जब अब उन्होंने पर बैठ कर दबाव बनाया तो एकदम से अन्दर चला गया। मामी चिल्लाईं और झट से उन्होंने बाहर निकाल दिया।

मैंने बोला- क्या हुआ?
तो मामी ने बोला- अरुण मुझसे सहन नहीं होगा तुम्हारा बहुत मोटा है।
लेकिन मेरा अभी तना हुआ था, मैंने मामी को बोला- तुम नीचे आ जाओ।
फिर मामी मेरे नीचे आ गईं और मैंने धीरे-धीरे मामी की गुफा में डाल दिया।

मामी को दिक्कत हो रही थी.. इसलिए मैं धीरे-धीरे हिल रहा था। थोड़ी देर बाद मामी पानी-पानी हो गईं और अब आराम से मामी की गुफा में शंटिंग कर रहा था।
करीब 7-8 मिनट बाद मैंने मामी की गुफा में अपना माल झड़ा दिया। मामी को भी मज़ा आ गया और बोलीं- तुम तो लड़कियों को मार डालोगे और कोई भी लड़की तुम्हारा देखकर आराम से l तैयार हो जाएगी।

बस के सफ़र के बाद हम घर पहुँच गए और दूसरे दिन फिर बस से ही उसी तरह आए और इस बार मैं मामी को 3 बार किया ।
इसके बाद तो जब भी मामा जी घर पर नहीं होते.. तो मामी को खूब करता था।

यह मेरी मामी और मेरी ठुकाई की एकदम सच्ची दास्तान है..



























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