25/08/2024
**अवैध शराब माफिया: देश के भविष्य को अंधकार में धकेलता नशे का व्यापार**
**लेखक: ओमपाल प्रसाद**
दिल्ली की गलियों और मोहल्लों में फैला अवैध नशे का व्यापार हमारे समाज के ताने-बाने को बर्बाद कर रहा है। यह माफिया न केवल कानून और व्यवस्था के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुका है, बल्कि यह हमारे युवाओं के जीवन को भी नष्ट कर रहा है। जिस तेजी से यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है, उससे यह स्पष्ट होता है कि नशे के ये व्यापारी समाज में गहरी जड़ें जमा चुके हैं और उनके पीछे एक मजबूत संरचना काम कर रही है।
# # # **युवाओं के जीवन से खिलवाड़**
विशेष रूप से 18 वर्ष से कम आयु के युवक, जो अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण दौर में होते हैं, इस नशे के कारोबार का शिकार बन रहे हैं। युवा मन बहुत ही संवेदनशील और जिज्ञासु होता है, और इन अवैध नशे के कारोबारियों ने इसी कमजोरी का फायदा उठाकर उन्हें नशे की लत में फंसा दिया है। यह नशा न केवल उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को खराब कर रहा है, बल्कि उनके भविष्य को भी अंधकार में धकेल रहा है।
इन नशा कारोबारियों का उद्देश्य स्पष्ट है: वे अपने मुनाफे के लिए समाज के कमजोर वर्गों को लक्ष्य बनाते हैं। अवैध शराब और अन्य नशीले पदार्थों की आसान उपलब्धता ने युवाओं के जीवन में जहर घोल दिया है। जिन युवाओं को देश का भविष्य माना जाता है, वे आज नशे की गिरफ्त में फंसकर अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं।
# # # **कानून की आँखों पर पट्टी**
सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस गंभीर समस्या के बावजूद, कानून और प्रशासन इस पर काबू पाने में पूरी तरह से असफल साबित हो रहे हैं। चाहे कारण भ्रष्टाचार हो, राजनीतिक दबाव हो, या प्रशासनिक ढिलाई—इसका खामियाजा समाज को भुगतना पड़ रहा है।
नशे का यह अवैध कारोबार केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय समस्या बन चुकी है। बड़े शहरों से लेकर छोटे गांवों तक, यह माफिया हर जगह अपने पैर पसार चुका है। कानून लागू करने वाली एजेंसियों की निष्क्रियता ने इस समस्या को और भी गंभीर बना दिया है। प्रशासन की आँखों पर बंधी इस पट्टी ने समाज के उन हिस्सों को बर्बाद कर दिया है, जिन्हें बचाने की सबसे अधिक आवश्यकता थी।
# # # **समाज की जिम्मेदारी और उम्मीद की किरण**
इस भयावह स्थिति में, समाज के सभी वर्गों—चाहे वह अभिभावक हों, शिक्षक हों, या सामाजिक कार्यकर्ता—को एकजुट होकर इस समस्या के खिलाफ आवाज उठानी होगी। नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने और युवाओं को इस जाल से बचाने के लिए सामुदायिक प्रयासों की जरूरत है। स्कूलों और कॉलेजों में नशे के खतरों के बारे में जानकारी देना और वैकल्पिक गतिविधियों में युवाओं को संलग्न करना बेहद जरूरी है।
इसके साथ ही, सरकार और प्रशासन को अपनी जिम्मेदारी निभाने की जरूरत है। नशे के इन अवैध व्यापारियों पर कड़ी निगरानी और कार्रवाई करना अनिवार्य है। भ्रष्टाचार पर लगाम कसने और कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रभावी उपाय अपनाने की जरूरत है।
कानून को जागने की जरूरत है, और इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। यदि समय रहते इन नशा कारोबारियों पर शिकंजा नहीं कसा गया, तो इसका खामियाजा पूरा समाज भुगतेगा, और हमारा देश अपने भविष्य को बचाने में विफल हो जाएगा।
# # # **निष्कर्ष**
अवैध नशे के इस फैलते साम्राज्य को खत्म करने के लिए समाज और कानून को मिलकर काम करना होगा। यह समय है जब हम सब मिलकर इस समस्या के खिलाफ आवाज उठाएं और अपने देश के भविष्य को इस अंधकार से बाहर निकालने के लिए प्रयास करें। केवल तभी हम एक स्वस्थ, सुरक्षित और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकेंगे, जहां हमारे युवा नशे की गिरफ्त से बाहर रहकर अपने सपनों को साकार कर सकें।