12/05/2024
बहुत सी किताबें पढ़ी है इसी सिलसिले में पढ़ने को मिली कैलाश जी की लिखी किताब कलेक्टर साहिबा ! बहुत सुंदर रचना जिसे पढ़ते वक्त मन उतावला होने लगता है की रचना की आखिर तक जल्दी से पहुंच जाओ और सारा रस बटोर लूं।
गांव और शहरों के लडके लडकियां कैसे संघर्ष करते हैं?और कैसे एक दूसरे को करते हैं एडजस्ट यूपीएससी की यात्रा में यह बखूबी से बताया है लेखक ने।
यूपीएससी की यात्रा एक लंबी और अस्थाई मंजिल वाली यात्रा है जिसमें ऐसा कहना मुश्किल है की ' चलते रहो एक दिन मंजिल पा जाओगे ' ।
कैलाश जी उन अभियार्थियों के बारे में भी गहन रुचि के साथ बात करतें है जो असफल हो गए। हालांकि कुछ जगह कहानी अधिक काल्पनिक और अतिश्योक्ति भी नज़र आती है परंतु लेखक के अनेक गुण इस कमी को छुपा लेते हैं।
प्रेम का सुंदर वर्णन और भावों से भरे संवाद आंखों के सामने प्रतिबिंब बना देते हैं।
संवाद की जीवत्ता हमें एक नई दुनियां में ले जाति है और हम कुछ पल के लिए भूल जाते हैं यह दुनियां।
सभी लोगों को यह किताब एकबार जरूर पढ़नी चाहिए।
ईश्वर से प्रार्थना करते हैं की लेखक जी आगे भी ऐसी शानदार रचनाएं करते रहें व अपनी भूमि का मान बढ़ाते रहें।