19/08/2025
कितना खौफ़नाक समय है
जब बच्चे इतने ख़तरनाक सवाल पूछते हैं
कि उनका जवाब देने के लिए
हम इस हताश ढंग से
निरुत्तर हो जाते हैं
कि उन्हें पीटने लगते हैं
जबकि हम जानते हैं
किसी को पीटना
मारना
किसी सवाल का जवाब नहीं
बच्चे तो हमेशा
नए-नए सवाल पूछते आए हैं
और भविष्य में भी पूछते जाएँगे
जैसे
मछलियाँ चश्मे क्यों नहीं पहन लेतीं
ताकि मछेरों को देख पाएँ
और उनके जालों से भाग जाएँ
हमारी चिंता तो यह है
हमारे बच्चे खिलौनों की बातें क्यों नहीं करते
दादी माँ से कहानियाँ नहीं सुनना चाहते
वे जानना चाहते हैं
लोकल बस में
जिस अँकल के प्लास्टिक-डिब्बे में
दो सूखी रोटियाँ
और थोड़ा-सा अचार था
उसकी पुलिस ने तलाशी क्यों ली
पुलिस ने उसे क्यों पीटा
क्यों मारा...
..माँ, जिन लोगों से तुम नफ़रत करती हो
क्यों हमें
वे अक्सर
अपनी साइकिलों पर स्कूल से घर छोड़ जाते हैं
क्यों हमें
वे आइसक्रीम खिलाते हैं
हमारे गालों को चूमते हैं
बालों को सहलाते हैं...
..पिता,
'कर्फ़्यू' कहाँ से आता है
कितनी अच्छी चीज़ है यह कर्फ़्यू
हमें स्कूल नहीं जाना पड़ता
और तुम्हें काम पर...
..ओ माँ!
ओ पिता!
इतने अच्छे दिनों में भी
तुम दोनों दुःखी-दुःखी क्यों रहते हो?
जब हम बच्चे सवाल पूछते हैं
तुम इस हताश ढंग से
निरुत्तर हो जाते हो
कि अपने-आपको
हमें पीटता हुआ पाते हो
जबकि तुम जानते हो
किसी को पीटना
मारना
किसी सवाल का जवाब नहीं।