
25/08/2025
हजारों मेहनती युवा और शिक्षक , जो दिन-रात पसीना बहाकर SSC जैसी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, जब अपने हक़ और न्याय की माँग लेकर रामलीला मैदान पहुँचे तो उन्हें आवाज़ उठाने की सज़ा लाठी और ज़ुल्म के रूप में दी गई।
भारत के भविष्य पर चोट की गई है। बेरोज़गारी चरम पर है , पेपर लीक का बाज़ार गर्म है , भर्ती प्रक्रिया धाँधली से भरी हुई है – और जब युवा इंसाफ माँगते हैं तो सत्ता उन्हें लाठीतंत्र का स्वाद चखाती है।
यह कायराना हमला निंदनीय ही नहीं , बल्कि शर्मनाक है।