12/10/2025
कर की दर समान बनी रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए केंद्र तंबाकू, पान मसाला, सिगरेट पर अतिरिक्त शुल्क लगाएगा: सीबीआईसी अध्यक्ष
नई दिल्ली।
भारत सरकार तंबाकू, पान मसाला और सिगरेट उद्योग पर एक बार फिर से नजर गड़ाए हुए है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के अध्यक्ष संजीव खजूरिया ने संकेत दिए हैं कि इन उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क या सेस लगाए जाने की योजना पर विचार चल रहा है, ताकि कर की दरें समान और स्थिर बनी रहें।
सीबीआईसी अध्यक्ष ने कहा कि मंत्रालय द्वारा इस प्रस्ताव पर अगले बजट सत्र (फरवरी 2026) तक निर्णय लिए जाने की संभावना है। इस पर वित्त मंत्रालय और जीएसटी परिषद (GST Council) के स्तर पर चर्चा चल रही है।
> “हमारा लक्ष्य कर दरों को स्थिर रखना और उद्योग में भ्रम की स्थिति से बचना है। कुछ श्रेणियों में टैक्स की दरें अलग-अलग हैं, जिन्हें संतुलित करने की आवश्यकता है,”
सीबीआईसी अध्यक्ष ने कहा।
उद्योग पर संभावित प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह अतिरिक्त शुल्क अगले वित्त वर्ष 2026-27 से लागू होता है, तो इसका असर उत्पादन लागत और उपभोक्ता मूल्य दोनों पर पड़ेगा। पहले से ही ऊँचे टैक्स बोझ के चलते उद्योग दबाव में है, ऐसे में नया सेस छोटे निर्माताओं के लिए चुनौती साबित हो सकता है।
राजस्व और स्वास्थ्य — दोहरी रणनीति
सरकार के इस कदम के पीछे दो प्रमुख उद्देश्य हैं —
1. राजस्व में वृद्धि, और
2. जनस्वास्थ्य संरक्षण।
वित्त मंत्रालय का मानना है कि पान मसाला, सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर उच्च कर लगाकर इनकी खपत पर नियंत्रण रखा जा सकता है।
पृष्ठभूमि
इन उत्पादों पर पहले से ही 28% जीएसटी और कंपेंसेशन सेस लागू है। अब केंद्र सरकार इस सेस संरचना की समीक्षा करते हुए इसे और “व्यवस्थित एवं समान” बनाने की दिशा में काम कर रही है।
संभावना है कि अगले वर्ष की पहली तिमाही तक संशोधित सेस दरों की घोषणा की जा सकती है।