Lallan Bhojpuri

Lallan Bhojpuri Siêu Băng Keo Nhật Bản

Lallan Bhojpuri अब आपके मोबाइल, टैबलेट के अलावा वेब पर भी उपलब्ध है. एप्लिकेशन जल्द ही एंड्राइड व आईओएस के लिए उपलब्ध हो...
23/04/2024

Lallan Bhojpuri अब आपके मोबाइल, टैबलेट के अलावा वेब पर भी उपलब्ध है. एप्लिकेशन जल्द ही एंड्राइड व आईओएस के लिए उपलब्ध होगा.

11/04/2024

तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक और झटका लगा है। सीएम के निजी सचिव बिभव कुमार के खिल.....

11/04/2024

दिल्ली के कथित शराब घोटाले मामले में CBI ने बीआरएस नेता के. कविता को गिरफ्तार कर लिया है. के कविता फिलहाल न्यायिक हिरा...

11/04/2024

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Union Defense Minister Rajnath Singh) ने गुरुवार को कांग्रेस पर हमला बोलते हुए खुलासा किया कि आपातकाल (...

केतनो रोई बाकिर अखिया लोरात नइखे !दुःख दईबा रे जिनगी से ओरात नईखे !कर देहलस बेभरम महंगाई आदमी के,बोझ जिनगी के ढोवले ढोवा...
10/04/2024

केतनो रोई बाकिर अखिया लोरात नइखे !
दुःख दईबा रे जिनगी से ओरात नईखे !

कर देहलस बेभरम महंगाई आदमी के,
बोझ जिनगी के ढोवले ढोवात नइखे !

कबो बाढ़ आईल त कबो सुखाड़ ले गईल,
अब खेत कौनो मन से बोवात नइखे !

खेतिहर मौसम के मार से टुअर-टॉपर भईल,
महल मड़ई पर तनको मोहात नइखे !

जहिया रहे जरूरत त तकबो न कईलेन,
आज बेमतलब के सटल सोहात नइखे !

नूरैन भीतर के मार लोग भीतर सहत बा,
सगरी बात पंच के आगे खोलात नइखे !





https://lallanbhojpuri.com/literature/ketno-roi-baaki-by-noorain-ansari/

कर देहलस बेभरम महंगाई आदमी के, बोझ जिनगी के ढोवले ढोवात नइखे !

बन्धन हई बड़का बंधनकरके देखीं रउओ मंथनबिन डुबले रउआ का पायेबबइठब तब रह जाएब ठनठनजे अगुताई सभ से जाईरह जाई अपने में ढ़नढ़...
07/04/2024

बन्धन हई बड़का बंधन
करके देखीं रउओ मंथन

बिन डुबले रउआ का पायेब
बइठब तब रह जाएब ठनठन

जे अगुताई सभ से जाई
रह जाई अपने में ढ़नढ़न

अन्तर आइल मत सहमत में
अझुराइल आपस में जन-जन

मजगर जे बूझल भरमन के
ओकरा ना केहू से अनबन

मनई जे मनई ना जीये
मानवता से भर दे कनकन




इस कविता में जीवन के गहरे बंधन और मुश्किलें व्यक्त की गई हैं। आत्म-विश्लेषण करे बिना इंसान को कुछ नहीं मिलता, और अहं...

उमरिया ई झंझट बेसाहे में लागलविविध लोग के चित्त थाहे में लागल।रहीं एगो नोकर मिलल खूब ठोकरभले दुष्ट लोके सराहे में लागल।स...
07/04/2024

उमरिया ई झंझट बेसाहे में लागल
विविध लोग के चित्त थाहे में लागल।
रहीं एगो नोकर मिलल खूब ठोकर
भले दुष्ट लोके सराहे में लागल।

सभा अउर संस्था में बीतल अवस्था
जिनगिया ई चंदा उगाहे में लागल।
सफलता विफलता कुछो ना बुझाइल
समय बाकिर बहुते कराहे में लागल।

मदत के भरोसा दियाईल खुशी से
मगर कुछ भला लोग डाहे में लागल।

रहल चाह लेकिन ई कमजोर जीवन
बहुत विघ्न के बान्ह ढाहे में लागल।
फकत जोश में काम जे जे नधाइल
फंसे से ही,से-से निबाहे में लागल।

चलल एक ई बैल कोल्हू के जब से
ठहर ना सकल जन्म राहे में लागल।
-आचार्य महेंद्र शास्त्री

1948 मे इनके संपादन मे भोजपुरी की पहली पत्रिका

रसे-रसे महुवा फुलाइल हो रामाउनुका से कहि दऽ।रस देखि भँवरा लोभाइल हो रामाउनुका से कहि दऽ।
07/04/2024

रसे-रसे महुवा फुलाइल हो रामा
उनुका से कहि दऽ।
रस देखि भँवरा लोभाइल हो रामा
उनुका से कहि दऽ।





रसे-रसे महुवा फुलाइल हो रामा उनुका से कहि दऽ। रस देखि भँवरा लोभाइल हो रामा उनुका से कहि दऽ।

05/04/2024

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भोजपुरिए में सबकुछ....

केहु साथ दी , केहु छलत रहीं.केहु खुश होई, केहु जलत रहीं.ई ज़िनगी ह, येही लेखा चलत रहीं.दुख – सुख तऽ जात आवत रहीकबो हँसाइ...
01/04/2024

केहु साथ दी , केहु छलत रहीं.
केहु खुश होई, केहु जलत रहीं.
ई ज़िनगी ह, येही लेखा चलत रहीं.

दुख – सुख तऽ जात आवत रही
कबो हँसाइ त कबो रूलावत रही
सूरज उगत रहीं ,सूरज ढलत रही
ई ज़िनगी ह ,येही लेखा चलत रहीं

Noorain Ansari





केहु साथ दी , केहु छलत रहीं., केहु खुश होई, केहु जलत रहीं., ई ज़िनगी ह, येही लेखा चलत रहीं.

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