12/10/2024
सन 1925 विजयादशमी के दिन मैंने अपनी यात्रा प्रारंभ की और इस वर्ष विजयादशमी के दिन मैं अपनी यात्रा करते हुए शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा हूं...
मेरा यह मानना है की भारतमाता का हर सपूत मेरी प्राण वायु का एक हिस्सा है...
मेरा यह भी मानना है की संपूर्ण समाज की सेवा संकल्प के माध्यम से जुड़े हुए बंधुओं भगिनियों की आंतरिक शक्तियों में मैं विद्यमान हूं।
मैं कोई आपसे अलग नहीं हूं, मैं आप सब में ही तो हूं...
कोटि-कोटि जन से मिलकर मेरा निर्माण हुआ है, सज्जन शक्ति को बढ़ाने तथा दुर्जन शक्ति से सावधान करने ही तो मैं आप सब में विद्यमान हूं..
मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हूं।
# राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।🚩🙏