
31/05/2025
पुण्यश्लोक राजमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की जी 300वीं जयंती पर सादर नमन 🌸
आज हम नमन करते हैं उस वीरांगना को, जो केवल एक शासिका नहीं, बल्कि आदर्श न्यायप्रियता, नारी शक्ति और धर्मपरायणता की मूर्त मिसाल थीं।
अहिल्याबाई होलकर — एक ऐसा नाम, जो इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। जब पुरुषों का ही दबदबा था, तब इस वीरांगना ने मर्यादा, संस्कृति और धर्म की रक्षा करते हुए एक संपूर्ण साम्राज्य को न केवल कुशलता से चलाया, बल्कि अपने कार्यों से जन-जन का दिल जीत लिया।
🛕 उन्होंने सैकड़ों मंदिरों का पुनर्निर्माण करवाया,
⚖️ अन्याय के विरुद्ध हमेशा खड़ी रहीं,
❤️ जनसेवा और परोपकार में उनका जीवन समर्पित रहा।
वह ‘राजमाता’ नहीं, ‘जननी’ थीं उस राज्य की, जिन्होंने अपनी ममता, दूरदर्शिता और तेजस्विता से होलकर वंश को स्वर्णिम ऊंचाइयों पर पहुँचाया।
आज, जब हम उनके जन्म के 300 गौरवशाली वर्षों का उत्सव मना रहे हैं, आइए प्रण लें कि हम भी उनके पदचिन्हों पर चलकर समाज में न्याय, सेवा और संस्कृति की भावना को बनाए रखें।
🙏 जय राजमाता अहिल्याबाई होलकर!
🌺 तेरी गाथा अमर रहे, तेरा यश हर युग में गूंजे! 🌺