31/07/2025
#मोहम्मद_अजहरुद्दीन — भारतीय क्रिकेट में इतिहास रचने वाले करिश्माई क्रिकेटर! 31 दिसंबर 1984 को कोलकाता के ईडन गार्डन्स में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया, और फिर जो हुआ, वो इतिहास बन गया। अजहर ने अपने पहले तीन टेस्ट मैचों में लगातार तीन शतक लगाए — एक ऐसा विश्व रिकॉर्ड जो आज भी क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में ज़िंदा है।
1990 में उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम की कमान सौंपी गई। उन्होंने 47 टेस्ट मैचों में कप्तानी की, जिसमें 14 जीत भारत के नाम रहीं। वनडे में उनका रिकॉर्ड और भी मज़बूत रहा — 174 मैचों में कप्तानी और 90 जीतें। वे 1992, 1996 और 1999 के तीन विश्व कप में भारत के कप्तान भी रहे।
8 फरवरी 1963 को हैदराबाद में जन्मे अजहर बचपन से ही क्रिकेट के दीवाने थे। उन्होंने ऑल सेंट्स हाई स्कूल और निज़ाम कॉलेज से पढ़ाई की, और वहीं उनकी क्रिकेटिंग प्रतिभा को उनके कोच सैयद अब्बास अली बख्त ने तराशा।उनकी बल्लेबाज़ी में जो बात सबसे अलग है, वो है उनकी 'कलाइयों की जादूगरी'। वे न सिर्फ़ रन बनाते , बल्कि उन्हें देखने का अनुभव दिलचस्प है।
2000 में उनका नाम विवादों से जुड़ा, जिसने उनके करियर पर इफेक्ट पड़ा। एक समय ऐसा भी आया जब इस क्रिकेट सितारे पर शक की परछाइयाँ पड़ गईं। हालांकि सालों बाद कुछ आरोपों से उन्हें राहत मिली, लेकिन दाग़ की छाप रह गई।
अजहरुद्दीन का निजी जीवन भी कम जटिल नहीं रहा। उन्होंने पहले नौरीन से शादी की, जिससे उन्हें दो बेटे — अयाजुद्दीन और असदुद्दीन हुए। बाद में उनकी जिंदगी में आईं अभिनेत्री संगीता बिजलानी। 2011 में बेटे अयाजुद्दीन का निधन हो गया — यह उनके जीवन की सबसे दुखद घटनाओं में से एक थी। उनके छोटे बेटे असद क्रिकेट और मॉडलिंग दोनों में किस्मत आजमा चुके हैं।
मोहम्मद अजहरुद्दीन की कहानी सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं — ये एक इंसान की कहानी है जिसने दौलत, शोहरत, विवाद — सब कुछ जिया। उनका करियर भले ही विवादों की धूल में धुंधला हुआ, लेकिन उनका खेल आज भी लाखों क्रिकेट प्रेमियों के दिल में चमकता है।