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कांग्रेस IT सेल को कहा गया है कि वे मुख्य चुनाव आयुक्त के बेटी और दामाद पर हमला शुरू करें।
19/08/2025

कांग्रेस IT सेल को कहा गया है कि वे मुख्य चुनाव आयुक्त के बेटी और दामाद पर हमला शुरू करें।

राहुल गांधी, सीएसडीएस के संजय कुमार और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।आरोप है कि इन्होंने फेक न्यूज़ फैलाकर, जनता को...
19/08/2025

राहुल गांधी, सीएसडीएस के संजय कुमार और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।

आरोप है कि इन्होंने फेक न्यूज़ फैलाकर, जनता को भड़काने और भारत सरकार के खिलाफ साज़िश रचने का प्रयास किया है, साथ ही लोकसभा चुनावों से जुड़ा भ्रामक व झूठा डेटा प्रसारित किया।

यह शिकायत अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता विनीत जिंदल द्वारा दिल्ली पुलिस आयुक्त को दी गई है।

राहुल गांधी ने जिस CSDS डेटा का हवाला देते हुए PPT बना के हुशियार बनने की कोशिश की थी उस डेटा को तैयार करने वाले CSDS ने...
19/08/2025

राहुल गांधी ने जिस CSDS डेटा का हवाला देते हुए PPT बना के हुशियार बनने की कोशिश की थी उस डेटा को तैयार करने वाले CSDS ने डेटा में अपनी गलती मान ली है,

इसी के साथ राहुल एंड कंपनी और उनके विदेशी हैंडलर्स का भारत को बांग्लादेश बनाने का सपना गधे की पवन खेड़ा में घुस गया है 😄

"राहुल गांधी का असली खेल समझो ..अगर देश के लिए सोचते हो ,जैसा वो दिखता है बोलता है वैसा वो है नहीं , 🔥 अब आगे ध्यान से स...
19/08/2025

"राहुल गांधी का असली खेल समझो ..अगर देश के लिए सोचते हो ,जैसा वो दिखता है बोलता है वैसा वो है नहीं ,

🔥 अब आगे ध्यान से सुनो ...🙏

राहुल गांधी को देखकर अब किसी को भी समझने में देर नहीं लगनी चाहिए कि उनका असली एजेंडा क्या है.

वे लगातार भारतीय चुनाव प्रक्रिया को बदनाम करने में लगे हैं. कभी लोकतंत्र ख़त्म ..कभी संविधान ख़त्म ..
कभी ईवीएम पर सवाल, कभी चुनाव आयोग की नीयत पर शक असल में यह एक सोची समझी रणनीति है.

उनका मकसद साफ है ;

देश के भीतर यह माहौल बनाना कि भारत का लोकतंत्र "खराब" हो चुका है, ताकि पश्चिमी सरकारें और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं “चिंता” जताने के बहाने हमारे आंतरिक मामलों में दखल दें.

इतिहास गवाह है कि जब किसी देश की चुनावी प्रक्रिया को लेकर लगातार शक पैदा किया जाता है, तो बाहर के खिलाड़ी “लोकतंत्र बचाने” के नाम पर घुस आते हैं. उस देश में अपने किसी एजेंट को उस देश पर हुकूमत के लिए रखते हैं .. और बदले में उस देश से अपना फ़ायदा और उस देश की बर्बादी यही इतिहास रहा है … पता करके देख लो ..

-अभी बांग्लादेश का क़िस्सा ही याद कर लो .. अच्छी ख़ासी तरक़्क़ी कर रहा था … वहाँ लोकतंत्र और चुनाव प्रकिया का बहाना बनाकर अराजकता फैलाया और अपने एजेंट को बैठाकर .. बंगलादेश की बर्बादी वाली कहानी चल पड़ी …

दरअसल बात यह है कि भारत में, कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अलावा, राहुल गांधी की इन बातों को कोई गंभीरता से नहीं लेता. गांव, कस्बे, शहर आम आदमी के लिए यह सिर्फ एक और राजनीतिक ड्रामा है.

लेकिन राहुल का खेल मैदान देश के भीतर नहीं है.

वह असल में पश्चिमी राजधानियों को संदेश दे रहे हैं

👉"देखो, मैं यहां विपक्ष का चेहरा हूं, मैं आपके नैरेटिव को आगे बढ़ा सकता हूं." इसीलिए उनके भाषण, इंटरव्यू और विदेश यात्राओं में बार बार एक ही लाइन सुनाई देती है, भारत में लोकतंत्र खतरे में है.

राहुल गांधी जानते हैं कि भारतीय मतदाता 2024 में भी उन्हें नकार चुके हैं, लेकिन पश्चिमी ताकतों के लिए वह अभी भी एक ‘प्रॉजेक्ट’ हैं.

सवाल यह है कि क्या देशवासी इस खेल को समय रहते पहचानेंगे, या फिर इतिहास में एक और “विदेशी हस्तक्षेप” की कहानी लिखी जाएगी?

और पप्पू में मूर्ख समर्थक जो पप्पू के सिवा भारत या अपने देश को भी नही देख रहे हैं .. वो भारत की बर्बादी की कहानी अपने पागलपन और सनक में लिख देंगे …

👉आख़िर होश कभी जब आएगा तब तक सब लूट पिट चुका होगा … क्यूँकि नफ़रत में भरे इन मानसिक विकृत लोगों को मोदी मतलब ..भारत का विरोध ही समझ आने लगा है …😐😑

खुल गई पोल, फट गई ढोल- राहुल गांधी झूठ मत बोल।जिस आंकड़े के आधार पर राहुल गांधी ने अपना पूरा का पूरा फर्जी प्रेस कॉन्फ्र...
19/08/2025

खुल गई पोल, फट गई ढोल- राहुल गांधी झूठ मत बोल।

जिस आंकड़े के आधार पर राहुल गांधी ने अपना पूरा का पूरा फर्जी प्रेस कॉन्फ्रेंस SIR के ख़िलाफ़ किया था, वह आंकड़ा देने वाली एजेंसी ने ही उसे अपनी गलती मानकर डिलीट कर दिया है।

एजेंसी CSDS के हेड ने तो माफ़ी माँग कर पोस्ट डिलीट कर दी, राहुल गांधी कब माफ़ी माँगेंगे ? एक ग़लत और फर्जी डाटा के आधार पर खड़ा किया गया कांग्रेस का पूरा SIR के ख़िलाफ़ कैंपेन ही फर्जीवाड़ा साबित हुआ।

ये अपनी जान बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं 😜 लोकतंत्र वोट चोरी तो सिर्फ बहाना है
19/08/2025

ये अपनी जान बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं 😜
लोकतंत्र वोट चोरी तो सिर्फ बहाना है

CSDS और नैरेटिव बनाने का ख़तरनाक खेल!Centre for the Study of Developing Societies (CSDS) स्वयं को शोध संस्थान बताता है, ...
19/08/2025

CSDS और नैरेटिव बनाने का ख़तरनाक खेल!

Centre for the Study of Developing Societies (CSDS) स्वयं को शोध संस्थान बताता है, लेकिन इसके फंडिंग स्रोत, सर्वे पद्धति और नतीजों को देखें तो तस्वीर कुछ और ही सामने आती है।

1. विदेशी फंडिंग, साफ़ एजेंडा
सीएसडीएस को बार-बार फंड मिला है फोर्ड फ़ाउंडेशन और आईडीआरसी (कनाडा) जैसे संस्थानों से, जिनके पीछे गेट्स फ़ाउंडेशन, डीएफ़आईडी (यूके), नॉराड (नॉर्वे), ह्यूलेट फ़ाउंडेशन और डच एजेंसियां जैसी वैश्विक थिंक टैंक हैं। ये कोई निष्पक्ष दाता नहीं हैं। इनका इतिहास साफ़ बताता है—भारत में उन संस्थाओं को पैसा दो, जो समाज को भीतर से तोड़ने का काम करें, ख़ासकर जाति और समुदाय के आधार पर।

2. जाति का चश्मा केवल हिंदुओं पर
सीएसडीएस का ज़्यादातर काम, खासकर लोकनीति प्रोग्राम के तहत, हिंदू समाज को टुकड़ों में बाँटने पर टिका है, ओबीसी, ईबीसी, दलित, सवर्ण और फिर चुनावों में इनके वोट पैटर्न पर तथाकथित डेटा जारी करना। हर चुनाव में यही तथाकथित “विश्लेषण” द हिन्दू और इंडियन एक्सप्रेस जैसे अख़बारों में बड़े-बड़े शीर्षकों के साथ छपता है। मक़सद साफ़ है: हिंदू समाज के भीतर जातीय दरारों को और गहरा करना।

3. मुसलमानों की अंदरूनी दरारों पर चुप्पी
हैरानी की बात है कि जहाँ हिंदू वोटर को लगातार जाति के आधार पर बाँटा जाता है, वहीं मुसलमानों को एक ब्लॉक की तरह पेश किया जाता है। दलित मुसलमान, अशरफ़, अज्लाफ़, अरज़ल जैसी हक़ीक़तों पर कोई शोध नहीं होता। सीएसडीएस के सर्वे मुसलमानों को एकजुट दिखाते हैं, जबकि हिंदू समाज की हर छोटी दरार को उभार-उभार कर सामने रखते हैं।

4. वैज्ञानिक आधार नहीं फिर भी वैधता!
भारतीय सर्वेक्षणों में किसी उत्तरदाता की जाति को वैज्ञानिक सटीकता से कभी दर्ज नहीं किया जाता। यह महज़ अनुमान होता है, लेकिन सीएसडीएस इसे पुख़्ता “साइंस” बनाकर पेश करता है। और यही अधपका डेटा बड़े अख़बारों में छपता है। सवाल उठता है: यह शोध है या फिर एजेंडा को शोध का लिबास पहनाना?

5. विदेशी हित और घरेलू मोहरे
साफ़ है कि फोर्ड फ़ाउंडेशन और वैश्विक थिंक टैंक भारत की सामाजिक एकता को तोड़ने में दिलचस्पी रखते हैं। सीएसडीएस को फंड देकर वे सुनिश्चित करते हैं कि हिंदू समाज की जातीय दरारें हमेशा राजनीतिक विमर्श में बनी रहें। पहले योगेंद्र यादव इसी एजेंडा को आगे बढ़ाते थे, अब संजय कुमार वही काम कर रहे हैं। कांग्रेस की राजनीति को सूट करने वाले नंबर और “डेटा” गढ़ना।

6. यह भूल नहीं, एजेंडा है।
जब सीएसडीएस के अनुमान चुनावों में बुरी तरह ग़लत साबित होते हैं, तो यह भूल नहीं होती। यह उनका एजेंडा बिगड़ जाना होता है। खेल साफ़ है: दरारें पैदा करो, समाज में इंजेक्ट करो और भारत को भीतर से कमज़ोर करो।

सीएसडीएस कोई सामान्य थिंक टैंक नहीं है। इसकी विदेशी फंडिंग, एकतरफ़ा जातीय नज़र और अधवैज्ञानिक पद्धति इसे खतरनाक बनाती है। इसका काम शोध नहीं, बल्कि रणनीति है। भारत को इस ख़तरे को पहचानना होगा।

जिस डेटा के आधार पर राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में वोट चोरी का आरोप लगाया था, उस डेटा को बनाने वाली कंपनी सीएसडीएस का कहन...
19/08/2025

जिस डेटा के आधार पर राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में वोट चोरी का आरोप लगाया था, उस डेटा को बनाने वाली कंपनी सीएसडीएस का कहना है कि वो डेटा ही गलत था।
एक बार फिर से पप्पू का पोपट हो गया।
🤣🤣🤣

रागुल गाँधी जिस डेटा को आधार बना कर पीपीटी दिखा रहा था, उस संस्था ने यह माना है कि उन्होंने गलत किया। बात यह नहीं है कि ...
19/08/2025

रागुल गाँधी जिस डेटा को आधार बना कर पीपीटी दिखा रहा था, उस संस्था ने यह माना है कि उन्होंने गलत किया। बात यह नहीं है कि अब उसने माफी माँगी, बात यह कि किया यह सोच-समझ कर किया गया?

संजय कुमार और राहुल गाँधी दोनों पर केस होना चाहिए कि उन्होंने जब इतना बड़ा ‘एटम बम’ फोड़ा तो यह सामान्य गलती क्या सच में गलती थी, या सनसनी फैला कर पर अविश्वास उत्पन्न करना ही उनका लक्ष्य था?

कांग्रेस की टूलकिट गैंग
19/08/2025

कांग्रेस की टूलकिट गैंग

CSDS के संजय कुमार ने आज़ अपने उस ट्वीट को लेकर माफ़ी माँग ली जिसका आधार बनाकर राहुल गांधी एंड कंपनी चुनाव आयोग पर आरोप ...
19/08/2025

CSDS के संजय कुमार ने आज़ अपने उस ट्वीट को लेकर माफ़ी माँग ली जिसका आधार बनाकर राहुल गांधी एंड कंपनी चुनाव आयोग पर आरोप लगा रही थी कि अंतिम क्षणों में अधिक वोट डलवाकर भाजपा को जिताया गया।

संजय कुमार ने कहा कि उनकी टीम ने डेटा को गलत पढ़कर अपडेट कर दिया था, इसलिए इस तरह की अफवाह फैली। संजय कुमार का यह कुकृत्य बिल्कुल कांग्रेस के पुराने पैटर्न से मिलता जुलता है जिसमें पहले वह किसी प्रमुख अखबार अथवा संस्थान से फ़र्ज़ी ख़बर चलवाते हैं, फिर बाक़ी स्थानीय अखबारों और चैनल के माध्यम से उस ख़बर का हवाला देकर उस झूठ को आग की तरह फैलाकर जनता को गुमराह किया जाता है। और फिर जब लोग बेवक़ूफ़ बन जाते हैं तो क़ानूनी कार्रवाई से बचने के लिए चुपके से जो मेन सोर्स होता है वह अपनी ख़बर को ग़लत बताकर माफ़ी माँग लेता है और किसी को पता भी नहीं चलता।

संजय कुमार ने बिल्कुल वही कारनामा दोहराया है जो पहले कई बार कांग्रेस के तमाम प्यादे अलग अलग जगह कर चुके हैं। इसमें कुछ भी नया नहीं। कांग्रेस धीरे धीरे हर संस्थान की इज़्ज़त नीलाम करके जाएगी। CSDS बामपंथियों का अड्डा है, यह सबको पता था लेकिन आज़ के बाद ये पूरी तरह नंगे हो गए।

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