भावना आरोही : Bhawana Arohi - Poetic Portrait of Dr. Bhawana Chopra

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भावों का अभिनंदन कविता!
आत्मा का स्पंदन कविता!
अनुभूति के शब्द लपेटे
महका-महका चंदन कविता!
~ भावना आरोही
चिकित्सक | लेखिका | कवयित्री | गीतकार
________________________________
स्वरचित एवम् कॉपीराइट ©® [email protected]

🌸 शुभ प्रभात मित्रो! 🌸आज ग्वालियर ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनकोलॉजिकल सोसाइटटी द्वारा मनाए गए गरबा महोत्सव के कुछ झलकियाँ आप...
26/09/2025

🌸 शुभ प्रभात मित्रो! 🌸
आज ग्वालियर ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनकोलॉजिकल सोसाइटटी द्वारा मनाए गए गरबा महोत्सव के कुछ झलकियाँ आपके साथ साझा कर रही हूँ।

🪔 जैसे माँ दुर्गा शक्ति-स्वरूप हैं, वैसे ही हमारा पेशा भी सेवा और साधना का रूप है—जो मानवता को ऊँचाई देता, प्रेरित करता और पोषण करता है।
“स्त्रीणां शक्तिः परमं दैवतं” — नारी की शक्ति परम दिव्यता है। 🙏✨️

#नवरात्र हमारे धर्म और संस्कृति का पावन पर्व है, जो माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना और आंतरिक शक्ति, साहस, स्वास्थ्य और अच्छे कर्मों का प्रतीक है। यह हमें आत्मसंतुलन, मानसिक शांति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भरने का संदेश देता है।

आज GOGS के सदस्यों ने इस पावन अवसर पर #गरबा के माध्यम से न केवल नृत्य और उत्सव का आनंद लिया, बल्कि एकता, सहयोग और सौहार्द का संदेश भी साझा किया। रंग-बिरंगे परिधान, डांडिया की थाप और उत्साह के बीच, हमारे डॉक्टरों ने याद किया कि जैसे हम अपने मरीजों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए समर्पित रहते हैं, वैसे ही जीवन में आनंद, उमंग और सकारात्मकता बनाए रखना भी उतना ही आवश्यक है।

✨ कुछ खास पल, हमारे गरबा उत्सव की जीवंत झलकियाँ 🌸

~ भावना आरोही Poetic Portrait of Dr. Bhawana Chopra

#नवरात्र2025 #भारतीयसंस्कृति

आज रात, यानी 7 सितंबर 2025 को, हमें भारत में एक लाल चाँद या ब्लड मून देखने को मिलेगा; यह एक कुल ग्रहण (Total Lunar Eclip...
07/09/2025

आज रात, यानी 7 सितंबर 2025 को, हमें भारत में एक लाल चाँद या ब्लड मून देखने को मिलेगा; यह एक कुल ग्रहण (Total Lunar Eclipse) है! यह एक दुर्लभ प्राकृतिक घटना है और इसे देखने का अनुभव वाकई अद्भुत होगा!

जब पृथ्वी सूरज और चाँद के बीच में आ जाती है, तब पृथ्वी की छाया चाँद पर पड़ती है; इस समय सूरज की रोशनी पृथ्वी के वायुमंडल से होकर चाँद तक पहुँचती है; इस रोशनी में लाल रंग का प्रभाव ज्यादा होता है, इसलिए चाँद लाल दिखाई देता है; यह घटना वैज्ञानिक दृष्टि से बेहद रोमांचक है और देखने में मन को मंत्रमुग्ध कर देने वाली है!

इस बार का ग्रहण लगभग 82 मिनट तक चलेगा, जो इसे इस दशक के सबसे लंबे कुल चंद्र ग्रहणों में से एक बनाता है; भारत में इसे रात 11 बजे से लेकर 12:22 बजे तक देखा जा सकेगा; दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बैंगलोर, चेन्नई, लखनऊ, जयपुर, भोपाल और अन्य बड़े शहरों में इसे आसानी से देखा जा सकेगा!

अब सवाल यह उठता है कि क्या इसे सीधे देखना सुरक्षित है?
हाँ! यह पूरी तरह से सुरक्षित है; आप इसे नंगी आँखों से देख सकते हैं; कोई भी विशेष चश्मा या सुरक्षा उपकरण की जरूरत नहीं है; याद रखिए, केवल सूर्य ग्रहण देखते समय ही आँखों की सुरक्षा जरूरी होती है!

मैं आपसे कहना चाहूँगी कि आज रात, अपने परिवार और दोस्तों के साथ बाहर निकलें; किसी खुले और अंधेरे स्थान पर जाएँ जहाँ शहर की रोशनी कम हो; एक आरामदायक कुर्सी या चादर ले जाएँ और इस अद्भुत दृश्य का आनंद लें; आप चाहें तो इसे कैमरे या बाइनोक्युलर के जरिए भी कैप्चर कर सकते हैं!
भावना आरोही

कभी-कभी ज़िंदगी भी क्या मज़ेदार मोड़ ले आती है .......जब गाँव में पोस्टिंग थी ..... महिलाओं से कहती थी .......अपने घर के...
05/09/2025

कभी-कभी ज़िंदगी भी क्या मज़ेदार मोड़ ले आती है .......

जब गाँव में पोस्टिंग थी ..... महिलाओं से कहती थी .......
अपने घर के पुरुषों को बोलिए, क्लिनिक के बाहर बीड़ी मत पीएं !

लेकिन थोड़ी देर बाद देखती ...... वही सास, वही अटेंडन्ट
बीड़ी पीते हुए आराम से बैठी हैं ..........

मैं पूछती ......."अरे, आप क्यों पी रही हैं? अभी तो कहा था घरवालों को मना करो” तो हँसकर जवाब देतीं ........
“डॉक्टर दीदी, घर के पुरुष तो सुनते नहीं, ऊपर से काम का ढेर, खेत-खलिहान, घर-परिवार… थोड़ा बीड़ी पी लें तो क्या हो गया?”

मैं डॉक्टर हूँ, मुझे पता है स्मोकिंग कितनी ख़तरनाक है ...... मेडिकल कॉलेज में खुद काले कोलतार जैसे फेफड़े ( lungs ) देखे हैं, इसलिए तो हर किसी को रोकती-टोकती रहती हूँ।

अब #अरुंधति_राय का बीड़ी पीते हुए फ़ोटो वायरल हुआ तो वही दिन याद आ गए!

दुनिया गोल है… बीड़ी घूम-फिर कर फिर वहीँ! 😜
हम रोकते रह गए, आदतें मुस्कुरा कर कह गईं ; चलो ज़रा सुलग जाएं!” 😏

~ भावना आरोही

भावना आरोही : Bhawana Arohi - Poetic Portrait of Dr. Bhawana Chopra

#धूम्रपान_से_सावधान #ग्रामीण_कहानियाँ #सेहत_सबसे_ज़रूरी #तंबाकू_त्यागो

क्षमा कीजिए, परन्तु किसी के शिक्षक, चिकित्सक अथवा किसी अन्य पद पर आसीन हो जाने मात्र से मेरे मन में उसके प्रति सम्मान तभ...
05/09/2025

क्षमा कीजिए, परन्तु किसी के शिक्षक, चिकित्सक अथवा किसी अन्य पद पर आसीन हो जाने मात्र से मेरे मन में उसके प्रति सम्मान तभी उपजता है जब वह वास्तव में एक श्रेष्ठ मानव भी हो।

दम्भ से भरे, विद्यार्थियों में भेदभाव करने वाले, उनकी स्वास्थ्य सम्बन्धी अथवा अन्य समस्याओं का उपहास उड़ाने वाले, झूठा अनुशासन दिखाकर कोमल बच्चों को कष्ट देने वाले, और यह सोचे बिना कि विद्यार्थियों को कुछ समझ में आ भी रहा है या नहीं, केवल औपचारिकताएँ निभाने वाले तथा शिक्षा देने के योग्य न होने पर भी अध्यापन करने वाले सभी शिक्षकों को छोड़कर, सभी कर्त्तव्यनिष्ठ, परिश्रमी एवं प्रतिभाशाली शिक्षकों को मेरा सादर प्रणाम है। ऐसे शिक्षक मेरे जीवन में भी आए, और मैं जीवनपर्यन्त उनकी कृतज्ञ रहूँगी।

विद्यालय और चिकित्सा महाविद्यालय के अतिरिक्त, मेरी सबसे महत्त्वपूर्ण शिक्षिका मेरी माता रहीं, जो अब इस लोक में नहीं हैं। विशेषतः हिन्दी भाषा के मार्गदर्शन में उनका अप्रतिम योगदान रहा। माँ! 🙏❤️

बचपन से ही मेरी सुयोग्य शिक्षिका रही हैं पुस्तकें, और अनुभव तो जीवन के पाठशाला में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक सिद्ध हुए हैं।

डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन, जो महान शिक्षक, दार्शनिक और भारत के द्वितीय राष्ट्रपति थे, उनका मत था कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान देना नहीं, अपितु चरित्र तथा मानवता का निर्माण करना है। उनकी जयंती, ५ सितम्बर, शिक्षक दिवस के रूप में मनाई जाती है ; प्रत्येक उस गुरु को प्रणाम, जो जीवन को प्रकाश देता है। 💛🙏

भावना आरोही

आज का यह पल,  गले से  लगाइए !जो हो चुका है कल, उसे भूल जाइए ! भावना आरोही
02/09/2025

आज का यह पल, गले से लगाइए !
जो हो चुका है कल, उसे भूल जाइए !
भावना आरोही

सुप्रभात ! 🙏✨️यथार्थ जिसे शब्दों में अभिव्यक्त न किया जा सके, मैं तन्मय होकर उस अव्यक्त भावसरणि की अनुभूति करती हूँ! कभी...
31/08/2025

सुप्रभात ! 🙏✨️
यथार्थ जिसे शब्दों में अभिव्यक्त न किया जा सके, मैं तन्मय होकर उस अव्यक्त भावसरणि की अनुभूति करती हूँ! कभी वह हल्की मुस्कान में विमर्शित होता है,कभी मौन की गहनतम तहों में छुपा होता है! मेरी कविता उसकी अनुभूति से अभिव्यक्त होती है ; मूल्यांकन के बिना!
यही मेरा प्रयास है कि जो प्रत्येक अनुभूत कथानक मेरे भीतर निर्बाध प्रवाहित होता है, उसे गीत बना कर गुनगुना सकूँ!
भावना आरोही : Bhawana Arohi - Poetic Portrait of Dr. Bhawana Chopra

Usually जब हम फ्लाइट से बाहर देखते हैं तो हमें या तो हल्के बादल, या फिर नीचे की ज़मीन का दृश्य दिखता है। लेकिन इस बार मै...
24/08/2025

Usually जब हम फ्लाइट से बाहर देखते हैं तो हमें या तो हल्के बादल, या फिर नीचे की ज़मीन का दृश्य दिखता है। लेकिन इस बार मैंने देखे गाढ़े, ऊँचे और रुई जैसे fluffy बादल, और ऊपर गहरा नीला आसमान। ये cumulus या cumulonimbus clouds हो सकते हैं, जो बड़े और टॉवर जैसी आकृति वाले होते हैं। ये सिर्फ़ तब दिखते हैं जब फ्लाइट बादलों की परतों के बीच या उसके ऊपर से गुजर रही हो।

ये नज़ारा मेरे कवि हृदय को एक पेंटिंग या ड्रीमस्केप जैसा लग रहा था! 🩷☁️✒️

Cumulus Clouds रुई जैसे, फूले-फूले, सफ़ेद बादल होते हैं जो अक्सर साफ़ मौसम में दिखते हैं। इनका निचला हिस्सा flat होता है और ऊपरी हिस्सा उभरा हुआ, जैसे cotton balls या cauliflower। ये तब बनते हैं जब गर्म हवा ऊपर उठती है (rising warm air / convection) और उसमें मौजूद जलवाष्प ठंडी होकर संघनित हो जाती है। प्रकार ;

1. Fair weather cumulus → छोटे, बिखरे हुए, धूप वाले दिन पर।
2. Cumulus congestus → ऊँचे और बड़े, जो कभी-कभी बरसात या आंधी ला सकते हैं।
3. Cumulonimbus → ये सबसे बड़े, तूफ़ानी बादल होते हैं (thunderstorm clouds), बिजली, बारिश और कभी-कभी ओले भी ला सकते हैं।

👉 आसान भाषा में: Cumulus clouds वो प्यारे-से “रुई के ढेर” जैसे बादल हैं, जिन्हें बच्चे भी आकाश में अलग-अलग आकारों में पहचानने की कोशिश करते हैं।

😍 इतने मोटे, कपास जैसे बादलों को इतनी नज़दीकी और इस angle से देखना............ मेरे लिए mesmerizing रहा........!!! 💙💙💙💙💙💙
छोटा-सा वीडियो भी बनाया !

भावना आरोही : Bhawana Arohi - Poetic Portrait of Dr. Bhawana Chopra

हे कुत्तो! आपसे एक प्रार्थना है! काटने का दिल करे तो अपने lovers को ही काटें क्योंकि आपके प्रेमियों के लिए dogbite एक प्...
22/08/2025

हे कुत्तो! आपसे एक प्रार्थना है!

काटने का दिल करे तो अपने lovers को ही काटें क्योंकि आपके प्रेमियों के लिए dogbite एक प्यारी-सी dog-kiss ही होगी, कोई bite-vite नहीं!!! और-तो-और, आपकी एक लवर कुत्ता-समाज-सेविका के अनुसार उनके लिए rabies virus भी delicate होता है जो साबुन से धो कर मर "जाएगी"!

Please अपने non-lovers ( to be noted: not haters) को बख़्श दो! उन्होंने आपका क्या बिगाड़ा है? वे बेचारे मासूम बच्चों और बड़ों के आपके द्वारा काटे जाने के वीडियो देखकर अत्यंत डरे हुए हैं, वे तो आपसे वैसे ही दूर-दूर रहना चाहते हैं! आप उनके पीछे भागते हो, उन्हें चोट लगती है, आप काट लेते हो और उनको साबुन से धोने के बाद वैक्सीन लगानी पड़ती है जो बहुत महँगी होती है!

हे कुत्तो! हम में से कुछ बहुत गरीब होते हैं और सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन की उपलब्धता आप ख़ुद ही जाकर देख लो या अपने लवर्स से कहो कि गरीबों के लिए अपनी जेब से कुछ धन वैक्सीन के लिए भी दान करें!

हे कुत्तो ! आप में ऐसा क्या है कि ये dog-lovers आपसे इतनी मोहब्बत करते हैं कि आपकी ही प्रजाति के लोग मासूम बच्चों को नोच-नोच कर खाते हैं तो भी इनको दया नहीं आती! आपके lovers इंसानों से नफ़रत क्यों करते हैं ??????

हे कुत्तो! हमें आपसे कोई नफ़रत नहीं लेकिन कई बार आपने हमारे ही परिवार वालों को बेवजह काट लिया है और वो भी बुरी तरह से और वो दर्द हम भूल नहीं सकते! Sorry कुत्तो! हमें आपसे डर लगना स्वाभाविक ही है!

हे कुत्तो! आपके लवर्स विचित्र दलीलें रखते हैं! कभी प्यार से आपके सिर पर हाथ फेरो तो कभी नहीं काटेंगे! हम आपको रोटी, केक, बिस्किट, चिकन खिलाएं तो आप कभी नहीं काटेंगे! लेकिन तमाम वीडियो हमने देखे हैं कि ऐसा करने पर भी काट लिया! आपके लवर्स की अगली दलीलें सुनिए; कुत्तों को भी इंसानों ने सताया है, पिछले जन्म के कर्म होंगे!

हे कुत्तो! कृपया किसी और के द्वारा सताये जाने का बदला हमसे नहीं लें और रही पिछले जन्म की बात तो हमें ख़ुद याद नहीं!

अच्छा, एक बात कहूं?
आपके अधिकतर लवर्स मुझे सच्चे लवर्स नहीं लगते! अपने घर में आपके विदेशी दोस्तों को पालते हैं और उनके इंसानी नाम रखकर उन्हें कुत्ता कहलवाना भी पसंद नहीं करते! ये आपको क्यों नहीं गोद लेते? ये बचा हुआ खाना आपको खिलाते हैं, ना कि pedigree! ज़्यादातर dog-lovers को आपकी कोई चिंता नहीं, ये कुछ भी आपको खिला देते हैं, ये नहीं सोचते कि आपको उस फूड से कहीं नुक़सान तो नहीं होता है?

ये आपके fake lovers कभी किसी veterinary doctor को invite करते हैं गली में? आप खाज-खुजली और ज़ख्म ले कर जब सड़कों पर घूमते हो तो सच बोलें तो हमें दया आती है, आप पर लेकिन आपसे बहुत डर बैठा हुआ है, सच्ची!!!!

लेकिन आपके लवर्स क्या करते हैं? सिर्फ़ दिखावा? सरकार आपके vaccination और sterilization को लेकर अभी तक कितनी गंभीर थी?

हे कुत्तो! आज जब आदमी कुत्तानियत दिखा रहा है तो शायद आपमें से भी कुछ कुत्ते इंसानियत का परिचय दें! समझाएं एक-दूसरे को, कुछ परिचर्चा करें आपस में क्योंकि मैंने आपके लवर्स से ये सुना है कि आप इंसान से भी अधिक समझदार हैं!

आप अपने आतंकवादी दोस्तों का बहिष्कार करें!
आप vaccination के लिए सभी कुत्तों को प्रेरित करें!
आप अपने लवर्स से appropriate food की माँग करें और बचा हुए, आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक खाने का एकदम बहिष्कार करें!

थोड़ा तो जागरूक आपको भी बनना ही होगा, ताकि आपके fake lovers आपके नाम का फ़ायदा उठा कर अपना "फ़ायदा" ही नहीं करते रहें !

हे कुत्तो! अच्छी health, अच्छे food, सही vaccination और अच्छी परवरिश का तो आपको भी अधिकार है! अपने लवर्स से अपने अधिकारों की माँग करें ताकि आप खुश रहें....और किसी और का गुस्सा हम पर ना निकालें!

हे कुत्तो! अब आपसे ही इन्सानियत की उम्मीद है! 🙏

~ भावना आरोही ©️®️
भावना आरोही : Bhawana Arohi - Poetic Portrait of Dr. Bhawana Chopra

तुम कविता नहीं सुनना चाहते !तुम सुनना चाहते हो .....अपनी प्रतिध्वनि !!!!!भावना आरोही :   Bhawana Arohi - Poetic Portrait...
14/08/2025

तुम कविता नहीं सुनना चाहते !
तुम सुनना चाहते हो .....
अपनी प्रतिध्वनि !!!!!
भावना आरोही : Bhawana Arohi - Poetic Portrait of Dr. Bhawana Chopra

वे स्त्रियाँ,जिन्हें प्रेम  के स्थान परथमा दिया गया .....छल का विषपात्र !जिनकी आस्था कोचूर कर दिया गया ......काँच-सा !  ...
12/08/2025

वे स्त्रियाँ,
जिन्हें प्रेम के स्थान पर
थमा दिया गया .....
छल का विषपात्र !
जिनकी आस्था को
चूर कर दिया गया ......
काँच-सा !
वे स्त्रियाँ सहारा नहीं खोजतीं .....
किसी परछाईं का!
वे अपने ही आँसुओं को
माणिक्य-से पिरोकर
रचती हैं ........
मौन का एक गुप्त आभूषण!
वे स्त्रियाँ चल देती हैं उस पथ पर
जहाँ न वचनों की जंजीर है,
न आलिंगनों का प्रपंच !
वहाँ बस उनका अपना
अंतरालोक है ......
जो आकाश-सा अनंत है !
~भावना आरोही
- Poetic Portrait of Dr. Bhawana Chopra
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रात में क्यों लिखती हूँ कविता?शायद इसलिए कि रात में सुनाई देता है .......शब्दों के बीच का सन्नाटा भी ! शायद इसलिए कि रात...
11/08/2025

रात में क्यों लिखती हूँ कविता?

शायद इसलिए कि रात में
सुनाई देता है .......
शब्दों के बीच का सन्नाटा भी !

शायद इसलिए कि रात में
चुप हो जाता है .......
दिन का शोर और जिम्मेदारियों का बोझ !

शायद इसलिए कि रात में
मन खोल देता है .......
अपना दरवाज़ा, भीतर की ओर !

शायद इसलिए कि रात में
काग़ज़ पर आकर बैठ जाती हैं .......
यादें, संवेदनाएँ और अधूरी बातें !

शायद इसलिए रात में
बुनने लगती है कविता .......
कल्पना, स्मृति और सपनों के रेशमी धागों से !

~ भावना आरोही
Arohi - Poetic Portrait of Dr. Bhawana Chopra

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