18/05/2025
गिरीश महाजन के नेतृत्व में जामनेर-भुसावल तिरंगा बाइक रैली: देशभक्ति से गूंज उठे रास्ते, राष्ट्रप्रेम का गूंजता एलान!
जामनेर से भुसावल तक आज एक भव्य और ऐतिहासिक "तिरंगा बाइक रैली" का आयोजन किया गया। खास बात यह रही कि महाराष्ट्र के जलसंपदा और आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीशभाऊ महाजन ने स्वयं बाइक चलाकर इस रैली का नेतृत्व किया और जनसमुदाय को भावविभोर कर दिया।
देशभक्ति, राष्ट्रनिष्ठा और सामाजिक एकता का संदेश देने वाली इस रैली में हजारों की संख्या में युवा, कार्यकर्ता, महिलाएं और नागरिक उत्साहपूर्वक शामिल हुए। पूरे मार्ग पर तिरंगों का सैलाब उमड़ पड़ा।
गिरीशभाऊ ने खुद संभाली कमान
रैली की शुरुआत में गिरीश महाजन ने खुद बुलेट पर सवार होकर नेतृत्व किया। उनके साथ बीजेपी नेत्री रक्षा खडसे, पूर्व मंत्री संजय सावकारे, भाजपा विधायक अमोल जावळे, जिलाध्यक्ष चंद्रकांत बाविस्कर, नंदू महाजन, उमेश नेमाडे, श्री रमेश मकासरे और अन्य पदाधिकारी भी रैली में शामिल हुए। इन सभी नेताओं की मौजूदगी से जनसमुदाय में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ।
रैली का मार्ग और भव्य स्वागत
यह रैली जामनेर शहर से शुरू होकर विभिन्न गांवों से गुजरती हुई भुसावल में संपन्न हुई। पूरे मार्ग में ग्रामीणों ने तिरंगा लगाकर, फूलों की वर्षा कर, ढोल-ताशों की धुन पर रैली का जोरदार स्वागत किया।
राष्ट्रप्रेम की भावना को जागृत करने का उद्देश्य
इस रैली का आयोजन राष्ट्रविरोधी और विघटनकारी शक्तियों को करारा जवाब देने और युवाओं में राष्ट्रनिष्ठा की भावना जागृत करने के उद्देश्य से किया गया था। 'भारत माता की जय', 'वंदे मातरम्' जैसे नारों से वातावरण गूंज उठा।
गिरीश महाजन के विचार
रैली के समापन पर गिरीशभाऊ महाजन ने कहा— "देशप्रेम केवल शब्दों में नहीं, बल्कि कर्मों में प्रकट होना चाहिए। आज जामनेर-भुसावल के रास्तों पर जो नज़ारा दिखा, वह जनता की तरफ से देश के लिए दिया गया एक स्पष्ट संदेश था। तिरंगा हमारी पहचान है, और जब हम इसके लिए एकजुट होते हैं, तो वही हमारी असली ताकत बन जाती है।"
उनके प्रेरणादायी शब्दों ने उपस्थित जनसमूह में देशभक्ति का नया जोश भर दिया।
यह रैली एक चलती-फिरती देशभक्ति की पाठशाला बन गई, जिसने युवाओं को नया दृष्टिकोण, उद्देश्य और प्रेरणा दी। मंत्री गिरीश महाजन के नेतृत्व में यह रैली केवल एक राजनीतिक कार्यक्रम न रहकर, एक राष्ट्रनिष्ठ सामाजिक आंदोलन बन गई।
जय हिंद! वंदे मातरम्!