02/05/2025
इस्लाम मे शुक्रवार, ईसाइयत में रविवार औऱ यहूदियों में शनिवार का दिन पवित्र है। जबकिं सनातन हिन्दुओ के सातों दिन पवित्र है। रविवार सूर्यदेव का से लेकर शनिवार शनिदेव तक... सब पवित्र। और एकदूसरे को ये समझाने में इन तीनो ने करोडो लोगो का खून बहा दिया।
ईसाइयों के लिए वेटिकन, मुस्लिम के लिए मक्का और यहूदियों के लिए इसराइल पवित्र स्थान है जबकि हमारे लिए पूरी भारत भूमि पवित्र है। उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम एक भी स्थान अपवित्र नही। चाहे मेरे मालवा उज्जैन के महाकाल हो या दक्षिण का कन्याकुमारी या पूरे भारत का कोई भी राज्य.. यहां तक की चीन का मानसरोवर कम्बोडिया का अंगोरवाट, इंडोनेशिया, मलेशिया , श्री लंका,नेपाल, अफगान, पाकिस्तान, बंग्लादेश इत्यादि सब पवित्र स्थान हमारे लिए पूजनीय है।
किसी को हरा रंग पसंद है तो किसी को सफेद... किन्तु हमारे यहां सफेद, काला, भगवा, गुलाबी, लाल सब चलता है.... हमारे यहां 2-4 किताबे नही बल्कि 2 लाख ग्रंथ है.... हमारे यहाँ ईश्वर निराकार साकार दोनों रूपों में व्यक्त है........
किसी ने रमज़ान को पवित्र महीना घोषित कर दिया तो किसी ने दिसम्बर को... हमारे लिए दामोदर मास से लेकर पुरुषोत्तम मास तक सभी 12 महीने पवित्र है.....
कहने का अर्थ ये की जब मनुष्य कोई पन्थ बनाता है तो वो पन्थ सीमित होता है किंतु जब प्रकृति स्वयं किसी पन्थ की रचना करती है तो उसे "धर्म" कहते है.... उसमें सबकुछ असीमित होता है... उसे तलवार की धार पर या लोभ लालच से फैलाने की जरूरत नही पड़ती बल्कि वो स्वयं फैलता है.. उसके प्रमाण जर्रे जर्रे में मिलते है....
उसे प्रचार की जरूरत नही होती...!!
ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्ण मेवावशिष्यते.....
जयति सनातन 🙏💕