26/01/2025
Republic Day Parade : देश की सैन्य शक्ति और समृद्धि की झलक, कर्तव्य पथ पर दिखा विकसित भारत के संकल्प का नजारा
नई दिल्ली । भारत के 76वे गणतंत्र दिवस पर रविवार को आयोजित भव्य परेड में कर्तव्य पथ पर देश की सैन्य शक्ति के साथ ही सांस्कृतिक विविधता, सरकारी योजनाओं की सफलता और महिला सशक्तीकरण की झलक देखने को मिली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और मुख्य अतिथि के रूप में पधारे इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो पारंपरिक बग्गी में सवार होकर कर्तव्य स्थल से रवाना हुए और इसके साथ ही परेड का औपचारिक रूप से समापन हो गया।
गणतंत्र दिवस परेड में फ्लाईपास्ट के दौरान इंडिया गेट के ठीक ऊपर त्रिशूल संरचना में अलग होने से पहले 900 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गर्जना करते हुए तीन सुखोई-30 लड़ाकू विमानों ने साहसिक हवाई कलाबाजियां दिखाईं।
देश गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस दौरान कर्तव्य पथ पर परेड का आयोजन किया गया। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने तिरंगा फहराया और फिर राष्ट्रगान की धुन बजाई गई। मुर्मू, प्रधानमंत्री मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सहित वहां मौजूद सभी गणमान्य लोगों ने झंडे को सलामी दी। इस दौरान 21 तोपों की सलामी भी दी गई।
राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दिए जाने के बाद कर्तव्य पथ पर परेड की शुरुआत हुई। भारतीय वायुसेना की 129 हेलीकॉप्टर यूनिट के एमआई-17 हेलिकॉप्टरों ने कर्तव्य पथ पर उपस्थित अतिथियों और दर्शकों पर पुष्प वर्षा की। परेड में इंडोनेशिया का 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड दस्ता भी भाग लिया। औपचारिक परेड की शुरुआत 300 सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाले वाद्ययंत्रों पर ‘सारे जहां से अच्छा’ की धुन बजाकर की गई।
दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार परेड कमांडर थे, जबकि परेड सेकेंड-इन-कमान, दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ (सीओएस) मेजर जनरल सुमित मेहता थे। परमवीर चक्र और अशोक चक्र सहित सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों के विजेता भी परेड का हिस्सा थे। इनमें परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेन्द्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार (सेवानिवृत्त) और अशोक चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल जस राम सिंह (सेवानिवृत्त) शामिल थे।
आंध्र प्रदेश की झांकी ने बटोरी दर्शकों की प्रशंसा
पर्यावरण के अनुकूल खिलौनों पर आधारित आंध्र प्रदेश की झांकी ने रविवार को 76वें गणतंत्र दिवस पर आयोजित परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर दर्शकों से जमकर प्रशंसा बटोरी। ‘एटिकोप्पका बोम्मालू’ के नाम से मशहूर उत्तम लकड़ी के बने खिलौने राज्य के एटिकोप्पका गांव में तैयार किए जाते हैं। यह लगातार तीसरा साल है जब 26 जनवरी पर आंध्र प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत गणतंत्र दिवस परेड में दिखाई दी।
ये खिलौने बेहद खूबसूरत होते हैं और इन पर प्राकृतिक रंग किया जाता है। एटिकोप्पका के इन खिलौनों को दुनियाभर में खूब पंसद किया जाता है। विशाखापत्तनम जिले में एटिकोप्पका गांव के कारीगर इन खिलौनों को तैयार करते हैं। इन्हें भौगोलिक संकेतक (जीआई) का दर्जा और गैर-हानिकारक का प्रमाणन मिल चुका है। इससे इसकी प्रामाणिकता और पंसद और बढ़ गई है।
उत्तर प्रदेश की झांकी की थीम महाकुंभ
उत्तर प्रदेश की झांकी की थीम महाकुंभ पर आधारित रही। 76वें गणतंत्र दिवस की परेड में उत्तर प्रदेश की 'स्वर्णिम भारत- विरासत और विकास' की झांकी ने कर्त्तव्य पथ पर मार्च किया। इस झांकी में महाकुंभ 2025 की झलक दिखाई गई।
मध्यप्रदेश की झांकी ‘चीता द प्राइड ऑफ इंडिया’ की थीम पर
गणतंत्र दिवस परेड मध्यप्रदेश की झांकी ‘चीता द प्राइड ऑफ इंडिया’ की थीम पर केंद्रित रही। झांकी में मध्यप्रदेश में चीतों की ऐतिहासिक वापसी की झलक दिखी। इस झांकी में चीते की वापसी की सफलता को खूबसूरत तरीके से दिखाया गया है। झांकी के सामने के हिस्से में दो चीते और उनके छोटे बच्चे नजर आ रहे हैं। बीच में कूनो नदी बह रही है, जो हरे-भरे जंगलों से घिरी हुई है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की झांकी में दिखी योजनाओं की झलक
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक झांकी के माध्यम से सरकार की प्रमुख योजनाओं की लाभार्थी महिलाओं और बच्चों की बहुमुखी यात्रा का जश्न मनाया गया। झांकी ‘मातृत्व, जीवन चक्र सातत्य दृष्टिकोण और महिला नेतृत्व वाले विकास’ पर आधारित थी, जिसमें सशक्तीकरण और प्रगति के अपने सम्मोहक संदेश निहित था। झांकी में सबसे आगे अपने बच्चे को गोद में लिए हुए एक मां की प्रेरक छवि थी, जो देखभाल, पोषण और बच्चे की पहली शिक्षक होने का प्रतीक थी। झांकी में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ पहल का लोगो प्रमुखता से दिखाया गया।
नौसेना की झांकी में तीन अग्रणी युद्धपोत
परेड में भारतीय नौसेना की झांकी में पिछले दिनों राष्ट्र को समर्पित किए गए तीन अग्रणी युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को प्रदर्शित किया गया। एक मिश्रित मार्चिंग दस्ते और नौसेना के एक बैंड ने कर्तव्य पथ पर परेड में भाग लिया। इस दल में शामिल सदस्यों की औसत आयु 25 वर्ष थी।
जनजातीय मंत्रालय की झांकी में जनजातीय गौरव वर्ष की उत्पत्ति की झलकियां प्रदर्शित की गईं
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने रविवार को कर्तव्य पथ पर आदिवासी नेता भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य पर मनाए जा रहे जनजाति गौरव वर्ष की उत्पत्ति की झलकियां पेश कीं। 76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर आयोजित मुख्य समारोह में मंत्रालय की गणतंत्र दिवस झांकी ने स्वतंत्रता संग्राम के साथ-साथ स्वतंत्रता के बाद से राष्ट्र-निर्माण में आदिवासी समुदायों के योगदान को प्रदर्शित किया।
झांकी में आदिवासी लोकाचार को प्रदर्शित किया गया, जिसे एक प्राचीन साल के पेड़ के माध्यम से चित्रित किया गया था। इस लोकाचार की गहरी जड़ें हरे-भरे जंगलों वाली भूमि में मजबूती से जमी हुई हैं। इसके केंद्र में बिरसा मुंडा थे। इस झांकी में आदिवासी ज्ञान को भी समाहित किया गया था, जो प्रकृति और मानव विकास के बीच एक सहजीवी संबंध में विश्वास करती है। झांकी के केंद्र में स्वतंत्रता संग्राम में बिरसा मुंडा के बलिदान को दर्शाया गया था।
गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुई इंडोनेशिया की सैन्य टुकड़ी और बैंड
इंडोनेशिया के एक मार्चिंग दल और बैंड ने अपने अनुशासन और राष्ट्रीय गौरव का प्रदर्शन करते हुए कर्तव्य पथ पर 76वें गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बना। यह पहली बार है कि भारत के गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया का कोई दस्ता परेड में शामिल हुआ। यह भी पहली बार है कि एक इंडोनेशियाई सैन्य बैंड और एक सैन्य दल ने विदेश में किसी परेड में भाग लिया।
इंडोनेशियाई राष्ट्रीय सशस्त्र बल (टीएनआई) के 152 कर्मियों की मार्चिंग टुकड़ी ने परेड के दौरान बेहतरीन अंदाज में मार्च किया और लोगों की खूब तालियां बटोरीं। इस टुकड़ी में सशस्त्र बलों की सभी शाखाओं-सेना, नौसेना और वायु सेना-के कर्मी शामिल थे। दल ने 'भिन्नेका तुंगगल इका' (विविधता में एकता) की भावना का प्रतिनिधित्व किया।