
10/10/2022
Kindly register yourself for to be held from 20-22 October 2022 at Indira Gandhi National Centre for the Arts.
Link: https://rb.gy/u8s2tw
भारतीय संस्कृति में पर्व और त्यौहार सामाजिक जीवन के प्रवाह से पैदा होते रहे हैं। इन पर्व-त्यौहारों से जुड़ी लोक-कथाओं को काल-खंड में नहीं बांधा जा सकता। भारतीय परंपरा में पर्व 'साधना' है, तो त्यौहार 'उत्सव' । लंका विजय के बाद भगवान राम जिस दिन वापस अयोध्या लौटे, तो नगरवासियों ने खुशी में दीप जलाये। उत्सव मनाया। वही उत्सव दीपावली के रूप में प्रसिद्ध हुआ। देश के अलग अलग भागों में दीपावली का त्यौहार अलग-अलग मान्यताओं व स्वरूपों में मनाया जाता है। दीपावली के अनुष्ठान का अर्थ है, अपने संकल्प को दोहराते रहना, यानी सत्य की सिद्ध के लिये निरंतर प्रकाश की तरफ बढ़ते रहना। दीप से निकला प्रकाश संपन्नता की कामना को समर्पित है। यह उत्सव हमें स्मरण कराता है कि समाज की संपन्नता को उसके सभी रूपों में सिद्ध करते रहने का आवश्यक प्रयास होते रहना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसी दिशा में उन्मुख हैं। उनके प्रयास से हम सांस्कृतिक पुनर्जागरण की बेला में प्रवेश कर रहे हैं। वैसे भी ज्ञान और शौर्य की कमी हो जाए, तो संपन्नता नहीं रह सकती। भगवान राम 'ज्ञान और शौर्य' की प्रतिमूर्ती हैं। इसलिए उनका स्मरण आवश्यक है। दीपोत्सव यह अवसर देता है।
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