24/11/2025
अलविदा ही-मैन: धर्मेंद्र — एक युग का अंत और हिंदी सिनेमा का वो सितारा जो कभी नहीं बुझेगा
आज सुबह जब यह खबर आई, तो मानो समय एक पल के लिए थम सा गया। हिंदी सिनेमा के 'ही-मैन', हम सबके प्यारे 'धरम पाजी' अब हमारे बीच नहीं रहे। 89 वर्ष की उम्र में धर्मेंद्र जी का जाना सिर्फ बॉलीवुड के लिए ही नहीं, बल्कि भारत के हर उस घर के लिए एक व्यक्तिगत क्षति है, जहाँ उनकी फिल्में देखकर पीढ़ियां बड़ी हुई हैं।
आज, जब हम उन्हें अंतिम विदाई दे रहे हैं, तो दिल भारी है, लेकिन होंठों पर उनकी फिल्मों के वो संवाद हैं जिन्होंने हमें हंसना, रोना और यारी निभाना सिखाया।
सादगी और अपनापन: जो उन्हें सबसे अलग बनाता था
पंजाब के खेतों से मुंबई के दिलों तक का सफर
धर्मेंद्र जी का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं था। पंजाब के साहनेवाल गांव का एक सीधा-सादा नौजवान, आँखों में सपने लेकर मुंबई आया और पूरी दुनिया पर छा गया। वो अक्सर कहते थे कि वो हीरो बनने नहीं आए थे, वो बस लोगों के दिलों में बसने आए थे—और उन्होंने बिल्कुल यही किया।
1960 में जब उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की, तब किसे पता था कि यह लड़का एक दिन ‘भारतीय सिनेमा का ही-मैन’ कहलाएगा? फिल्म 'फूल और पत्थर' में जब उन्होंने अपनी शर्ट उतारी, तो देश ने पहली बार अपना एक्शन हीरो देखा। लेकिन उनकी खूबसूरती यह थी कि वो सिर्फ एक्शन तक सीमित नहीं रहे।
दोस्तों, धर्मेंद्र जी की कौन सी फिल्म या डायलॉग आपके दिल के सबसे करीब है? कमेंट बॉक्स में लिखकर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करें।