11/07/2025
ये लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार दिलीप सिन्हा की अंतिम तस्वीर है, आज लखनऊ लोहिया पथ पर सिन्हा साहब की स्कूटी में बस ने टक्कर मार दी। हादसे में उनकी मौत हो गई। शिनाख्त के लिए पुलिस ने उनकी जामा तलाशी ली तो उनकी जेब में कलम, आईकार्ड और डायरी के सिवाय कुछ नहीं निकला। उनके पास पैसा नहीं निकला, मंहगा मोबाइल नहीं निकला, स्मार्ट वॉच नहीं निकली, सोने की चेन और अंगूठी नहीं निकली। सिर्फ कलम निकली। ये दर्शाता है सिन्हा साहब ईमानदारी के साथ उसूलों वाली पत्रकारिता कर रहे थे। मैं उनको व्यक्तिगत रूप से तो नहीं जानता हूँ, मगर उनकी मौत के बाद उनके व्यवहार और मिलनसारी को लेकर जो कुछ किस्से सामने आए उससे ये तो साफ है सिन्हा साहब एक शानदार और ईमानदार पत्रकार थे। उनकी रगों में पत्रकारिता रचती और बसती थी। वे पत्रकार और पत्रकारिता के उसूलों पर अड़े रहे। इसी वजह से उनकी जेब में सिर्फ कलम थी पैसा नहीं।
दिलीप सिन्हा लखनऊ में पत्रकारपुरम में रहते थे। सिन्हा जी ने लंबे समय पत्रकारिता की.. अभी अपना डिजिटल प्लेटफार्म लांच करने की तैयारी कर रहे थे। पत्रकारों के हितों के लिए दिलीप साहब हमेशा तत्पर रहते थे। पत्रकारों को चिकित्सकीय सुविधा मिले, इसके लिए प्रयास कर रहे थे.
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।.. 🙏🏻🙏🏻💐