02/10/2025
✨ आरएसएस के 100 वर्ष : राष्ट्र निर्माण की यात्रा ✨
1925 में विजयादशमी के पावन दिन नागपुर में डॉ. हेडगेवार जी द्वारा स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) आज अपनी 100 वर्ष की ऐतिहासिक यात्रा पूर्ण कर रहा है। यह केवल एक संगठन नहीं बल्कि राष्ट्र को संगठित करने का अभियान है।
🔹 स्थापना और उद्देश्य
1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ की नींव रखी।
मूल उद्देश्य था – भारत माता को पुनः विश्वगुरु बनाना, समाज में एकता, अनुशासन और राष्ट्रप्रेम जगाना।
🔹 विचारधारा
"सर्वे भवन्तु सुखिनः" की भावना पर आधारित।
जाति, भाषा और क्षेत्रीय भेद मिटाकर संगठित समाज की कल्पना।
भारतीय संस्कृति और सनातन जीवन मूल्यों का संरक्षण।
🔹 प्रमुख योगदान
1. सामाजिक कार्य – शिक्षा, स्वास्थ्य, सेवा बस्तियों में कार्य।
2. राष्ट्रभक्ति – विभिन्न आंदोलनों व स्वतंत्रता संग्राम में सहभागिता।
3. संगठन निर्माण – विश्व हिंदू परिषद, विद्यार्थी परिषद, सेवा भारती, वनवासी कल्याण आश्रम जैसे अनेक संगठन।
4. आपदा सेवा – बाढ़, भूकंप, महामारी जैसे संकटों में सेवा।
🔹 100 वर्षों की उपलब्धि
आज संघ 60,000 से अधिक शाखाओं के साथ विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है।
संघ के कार्यकर्ता साधना, अनुशासन और समर्पण के प्रतीक बने हैं।
समाज में शिक्षा, संस्कृति, सेवा और राष्ट्रीय एकता के क्षेत्र में निरंतर योगदान।
🔹 100 वर्ष का संदेश
आरएसएस की शताब्दी केवल संगठन का उत्सव नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की नई ऊर्जा का संकल्प है।
> "एक संगठित, आत्मनिर्भर और सशक्त भारत ही विश्व का मार्गदर्शक बनेगा।"
🌸 100 वर्षों की इस अद्भुत यात्रा को नमन, और आने वाले शताब्दियों तक राष्ट्रसेवा का यह दीपक प्रज्वलित रहे। 🌸
पूजनीय सरसंघचालक मोहन भागवत जी का संबोधन
अवश्य सुनें ..
भारत माता की जय 🚩
जय जय संघ 🙋🙋🙋
Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS)