PSSS NGO

PSSS NGO PRAVEEN SOCIAL SECURITY SAMITI ®
Regd No. S/W/15/8901589
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OUR PROJECT :-
एक सुर

S/W/15/8901589
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OUR PROJECT :-
एक सुरक्षित समाज निर्माण की और कदम__________
1.पर्यावरण सुरक्षा
2.शांति पुर्ण मेलों उत्सव आदि की व्यवस्था
3.गरिब व अनाथ बच्चों की सहायता
4. अच्छे कार्यो के लिए लोगों को प्रेरित करना
5.ग्रामीण ईलाको में सरकारी योजनाओ की जानकारी पहुँचाना
6.भारतीय संस्कृति नैतिक मुल्यों आदर्शो ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा
7.कुरुतियों और कुप्रथाओं का विरोध
8.गरीब और

अनाथ बच्चों को रोजगार परीक्षा की निशुल्क कोचिंग करवाना
9.शिक्षा से वंचिंत बालकों को शिक्षा से जोडना
10.एकता तथा भाईचारे की भावना विकसित KARNA

उल्लिकल, कन्नूर के दिल से निकली एक करुणा भरी कहानी ने साबित कर दिया कि जब एकजुटता हो, तो एक छोटा सा गांव भी बड़ा फर्क ला...
07/07/2025

उल्लिकल, कन्नूर के दिल से निकली एक करुणा भरी कहानी ने साबित कर दिया कि जब एकजुटता हो, तो एक छोटा सा गांव भी बड़ा फर्क ला सकता है।

एक छोटे से घर गौरैया की जान बचाने के लिए गांववालों ने जो किया, वो किसी मिसाल से कम नहीं था। तीन दिनों तक एक गौरैया एक बंद टेक्सटाइल दुकान की शीशे की दीवारों के पीछे फंसी रही, बाहर निकलने का रास्ता ढूंढते-ढूंढते थक गई। उसकी नन्ही पंखों की फड़फड़ाहट ने गांव की खामोशी को तोड़ा और लोगों के दिलों को छू लिया।
8 अप्रैल को मिस्त्री मनोज कुमार ने सबसे पहले गौरैया को देखा। वह पाइप के एक छोटे से छेद से दुकान में घुस गई थी, लेकिन बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिल पाया।

स्थानीय लोग, फायर ब्रिगेड, गांव अधिकारी और यहां तक कि ज़िलाधिकारी ने भी कोशिश की, लेकिन दुकान एक संपत्ति विवाद के चलते कोर्ट के आदेश से सील थी, इसलिए कोई अंदर नहीं जा सका।
लेकिन गांववाले कहां हार मानने वाले थे। ऑटो चालकों से लेकर दुकानदारों तक, सभी ने मिलकर गौरैया को ज़िंदा रखने के लिए छोटे से छेद से उसे दाना-पानी पहुंचाया।

जैसे-जैसे समय बीत रहा था, गौरैया की हालत बिगड़ती जा रही थी। तब गांववालों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। और फिर हुआ कुछ अभूतपूर्व — प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज के.टी. निसार अहमद खुद वहां पहुंचे और दुकान खोलने की अनुमति दी।

आख़िरकार, 10 अप्रैल को, तीन दिन की अथक कोशिशों के बाद, गौरैया को आज़ादी मिली और वो खुले आसमान में पंख फैलाकर उड़ गई।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
21/06/2025

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

शाबाश बिटिया!लंदन में आयोजित World Team Blitz Championship के सेमीफाइनल के दूसरे चरण में विश्व नंबर 1 रैंकिंग की खिलाड़ी...
19/06/2025

शाबाश बिटिया!

लंदन में आयोजित World Team Blitz Championship के सेमीफाइनल के दूसरे चरण में विश्व नंबर 1 रैंकिंग की खिलाड़ी होउ यिफान को पराजित करने पर दिव्या देशमुख जी को बहुत-बहुत बधाई।

यह शानदार उपलब्धि न केवल आपकी प्रतिभा और संघर्षशीलता का प्रतीक है, बल्कि देशभर के युवा शतरंज खिलाड़ियों के लिए एक सशक्त प्रेरणा भी है।

आप इसी समर्पण और उत्कृष्टता के साथ भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर रोशन करती रहें। आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए ढेरों शुभकामनाएँ!

राजस्थान की रेतीली धरती पर, थार के मरुस्थल के किनारे बसे एक छोटे से गाँव में, दादा भैरूसिंह और उनकी पोती रानी की कहानी प...
10/06/2025

राजस्थान की रेतीली धरती पर, थार के मरुस्थल के किनारे बसे एक छोटे से गाँव में, दादा भैरूसिंह और उनकी पोती रानी की कहानी प्रेरणा की मिसाल है। भैरूसिंह, एक 70 वर्षीय रिटायर्ड स्कूल शिक्षक, अपने गाँव की मिट्टी से गहरा जुड़ाव रखते थे। उनकी पोती रानी, 14 साल की, चंचल और सपनों से भरी थी, लेकिन गाँव की रूढ़ियों ने उसे स्कूल जाने से रोक रखा था।

भैरूसिंह ने देखा कि रानी की आँखों में पढ़ने की ललक है। गाँव में लड़कियों की शिक्षा को लेकर उदासीनता थी, लेकिन दादा ने ठान लिया कि रानी को शिक्षित करेंगे। हर सुबह, जब सूरज रेगिस्तान को सुनहरा करता, दादा रानी को बरगद के पेड़ के नीचे पढ़ाते। पुरानी किताबों और अपनी स्मृतियों से, उन्होंने रानी को गणित, हिंदी, और राजस्थान की लोककथाएँ सिखाईं। रानी की जिज्ञासा बढ़ती गई, और वह गाँव की पहली लड़की बनी जिसने दादा के मार्गदर्शन में बोर्ड परीक्षा पास की।

एक दिन, गाँव में सूखा पड़ा। पानी की कमी ने सबको परेशान कर दिया। रानी, जो अब विज्ञान पढ़ रही थी, ने दादा के साथ मिलकर वर्षा जल संचय की एक छोटी योजना बनाई। उन्होंने गाँव वालों को प्रेरित किया और एक पुराने तालाब को पुनर्जनन किया। दादा की कहानियों और रानी की नई सोच ने गाँव को नई दिशा दी।

आज, रानी जयपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही है, और भैरूसिंह गाँव में बच्चों को मुफ्त पढ़ाते हैं। उनकी कहानी राजस्थान के रेगिस्तान में एक नन्हा सा बीज है, जो शिक्षा और दृढ़ संकल्प की छाया में फल-फूल रहा है।

Most Dangerous ODI innings Alltime 💥
08/06/2025

Most Dangerous ODI innings Alltime 💥

  2025 में इतिहास रचते हुए भारत के युवा ग्रैंडमास्टर और मौजूदा विश्व चैम्पियन डी. गुकेश ने विश्व नंबर 1 मैग्नस कार्लसन क...
02/06/2025

2025 में इतिहास रचते हुए भारत के युवा ग्रैंडमास्टर और मौजूदा विश्व चैम्पियन डी. गुकेश ने विश्व नंबर 1 मैग्नस कार्लसन को मात देकर पूरे देश को गौरवांवित किया है।

इस एतिहासिक उपलब्धी के लिए गुकेश को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं!

02/06/2025
"दुःखद सूचना 😭😭भारतीय सेना के अग्निवीर  #संजीव सैनी, पुत्र श्री रमेश सैनी, निवासी तिजारा, जो जम्मू में तैनात थे, शहीद हो...
02/06/2025

"दुःखद सूचना 😭😭भारतीय सेना के अग्निवीर #संजीव सैनी, पुत्र श्री रमेश सैनी, निवासी तिजारा, जो जम्मू में तैनात थे, शहीद हो गए हैं।
शहीद संजीव सैनी की शहादत को सलाम और उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं।"
ओम शांति🙏🏻🙏🏻

जय हिंद 🇮🇳

😢😢😢

सराहनीय कार्य
26/05/2025

सराहनीय कार्य

19/04/2025
हौसले की कहानी – करौली की कविताराजस्थान के करौली जिले की शांत, दोपहर भरी एक नदी। धूप की किरणें जल पर झिलमिला रही थीं, और...
19/04/2025

हौसले की कहानी – करौली की कविता

राजस्थान के करौली जिले की शांत, दोपहर भरी एक नदी। धूप की किरणें जल पर झिलमिला रही थीं, और दूर-दूर तक बस एक सुकून-सा पसरा था।

नदी किनारे कविता कपड़े धो रही थी। सिंदूर से सजा माथा, साड़ी का पल्लू कमर में खोंसा हुआ, चेहरे पर थकावट नहीं—बस दिनचर्या की एक लय। वहीं उसका पति, मदन, नदी में नहा रहा था। सब कुछ सामान्य था… पर अगले पल ने सब कुछ बदल दिया।

एक तेज़ चीख ने कविता के हाथों से कपड़ा गिरा दिया। मदन नदी में छटपटा रहा था—उसे एक मगरमच्छ ने दबोच लिया था। पानी लाल हो गया, और किनारे खड़े लोग भयभीत। कुछ कदम पीछे हटे, कुछ चुपचाप देखने लगे।

मगर कविता… वह रुकी नहीं।

उसने एक पल भी नहीं गंवाया। बिना सोचे नदी में कूद पड़ी। यह कोई नायिका नहीं थी किसी फिल्म की—यह थी करौली की एक आम, लेकिन असाधारण हिम्मत वाली महिला।

उसने पास पड़ा बाँस उठाया और मगरमच्छ पर वार करने लगी। उसका हर वार एक चीख थी—“मदन को छोड़ दे!” उसकी आँखों में आँसू नहीं, आग थी। शरीर थक रहा था, मगर हौसला अडिग था।

आखिरकार, मगरमच्छ ने हार मान ली। उसने मदन को छोड़ दिया और पानी में गायब हो गया।

कविता ने मदन को खींचते हुए किनारे तक पहुँचाया। लोग अब नज़रों में प्रशंसा और हैरानी लिए उनकी ओर भागे। मदन घायल था, लेकिन ज़िंदा था।

उस दिन, करौली ने देखा कि सिंदूर सिर्फ श्रृंगार नहीं, शक्ति का प्रतीक भी होता है। और कविता बन गई—हौसले की मिसाल।

ये कहानी सत्य घटना पर आधारित है जो वास्तव में करौली राजस्थान में घटित हुई थी और एक बहादुर सती सावित्री ने अपनी जान पर खेलकर अपने पति की जान बचाई थी
मैं दिल से सेल्यूट करता हूं उस बहन को जिसने इस कलयुगी जमाने में भी अपने धर्म फर्ज को ना भूलकर मां दूर्गा के रूप में एक मगरमच्छ से भिड़ गई 👏 👏

ड्रम वाली पोस्टों से फुर्सत मिले तो अच्छी बातें शेयर होनी चाहिए ताकि समाज में कुछ अच्छा देखने और सुनने को मिले 🙏🙏

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