Haas Haryana

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* निदेशक ने आश्वासन दिया कि रेशनलाइजेशन (rationalization) का काम पूरा होने के 15 दिनों के भीतर ट्रांसफर ड्राइव शुरू कर द...
30/10/2025

* निदेशक ने आश्वासन दिया कि रेशनलाइजेशन (rationalization) का काम पूरा होने के 15 दिनों के भीतर ट्रांसफर ड्राइव शुरू कर दी जाएगी और शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से भी मुक्त किया जाएगा।
* इस आश्वासन के बाद, Hsla ने'' अपना राज्यव्यापी आंदोलन और नारेबाजी का कार्यक्रम फिलहाल के लिए टाल दिया है.
* खाली पद भरना: स्कूलों में शिक्षकों और अन्य स्टाफ के खाली पड़े पदों को जल्द से जल्द भरने की मांग की गई।
20 वर्षों से कार्यरत अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने की मांग भी कई संघठन कर चुके हैं,
हरियाणा में 28256 नियमित स्कूल लेक्चरर है और 1500 गेस्ट लेक्चरर और 1100 HKRN के माध्यम से लगे लेक्चरर है.
है सभी विषयों के.

📰 भारत में वेतन आयोग: पहले से सातवें तक का सफर1️⃣ पहला वेतन आयोग (First Pay Commission) * गठन: 1946 (श्रीनिवास वरादाचारी...
29/10/2025

📰 भारत में वेतन आयोग: पहले से सातवें तक का सफर

1️⃣ पहला वेतन आयोग (First Pay Commission)
* गठन: 1946 (श्रीनिवास वरादाचारी की अध्यक्षता में)
* लागू: 1947
* प्रमुख सिफारिशें:
* इस आयोग ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक संरचित वेतनमान (Structured Pay Scale) की नींव रखी।
* 'समान काम के लिए समान वेतन' (Equal pay for equal work) के सिद्धांत पर जोर दिया गया।
* महंगाई भत्ता (Dearness Allowance - DA) और मकान किराया भत्ता (House Rent Allowance - HRA) जैसी महत्वपूर्ण अवधारणाओं को पेश किया गया।
* न्यूनतम मूल वेतन ₹30 और महंगाई भत्ते के साथ कुल ₹55 प्रति माह निर्धारित किया गया।
2️⃣ दूसरा वेतन आयोग (Second Pay Commission)
* गठन: 1957 (जगन्नाथ दास की अध्यक्षता में)
* लागू: 1959
* प्रमुख सिफारिशें:
* इसने पहले आयोग की सिफारिशों को परिष्कृत किया और वेतनमानों में वृद्धि की।
* न्यूनतम वेतन बढ़ाकर ₹80 प्रति माह किया गया।
* महंगाई भत्ते को जीवन निर्वाह सूचकांक (Cost of Living Index) से जोड़ने पर बल दिया गया।
* सेवा के दौरान मृत्यु होने पर पारिवारिक पेंशन (Family Pension) की शुरुआत की गई।
3️⃣ तीसरा वेतन आयोग (Third Pay Commission)
* गठन: 1970 (रघुबर दयाल की अध्यक्षता में)
* लागू: 1973
* प्रमुख सिफारिशें:
* इस आयोग ने बढ़ती महंगाई को देखते हुए वेतनमानों में महत्वपूर्ण सुधार किए।
* न्यूनतम वेतन ₹185 प्रति माह निर्धारित किया गया।
* कामकाजी घंटों और छुट्टियों के संबंध में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया।
* पहली बार, आयोग ने अंतरिम राहत (Interim Relief) की सिफारिश की।
4️⃣ चौथा वेतन आयोग (Fourth Pay Commission)
* गठन: 1983 (पी. एन. सिंघल की अध्यक्षता में)
* लागू: 1986
* प्रमुख सिफारिशें:
* इस आयोग ने वेतनमानों की संख्या को बहुत कम कर दिया, जिससे संरचना सरल हुई (153 से घटाकर 36)।
* न्यूनतम वेतन को बढ़ाकर ₹750 प्रति माह किया गया।
* पेंशन और ग्रेच्युटी नियमों में बड़े सुधार किए गए, जिससे सेवानिवृत्त कर्मचारियों को लाभ हुआ।
* चिकित्सा भत्ते (Medical Allowance) की शुरुआत की गई।
5️⃣ पाँचवाँ वेतन आयोग (Fifth Pay Commission)
* गठन: 1994 (न्यायमूर्ति एस. रत्नावेल पांडियन की अध्यक्षता में)
* लागू: 1996
* प्रमुख सिफारिशें:
* यह आयोग उदारीकरण के बाद के युग में आया और इसने वेतन में अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि की।
* न्यूनतम वेतन ₹2,550 प्रति माह हो गया।
* वेतनमानों को और सरल बनाया गया।
* सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी गई।
* महंगाई भत्ते की गणना के फॉर्मूले को संशोधित किया गया।
6️⃣ छठा वेतन आयोग (Sixth Pay Commission)
* गठन: 2006 (न्यायमूर्ति बी. एन. श्रीकृष्ण की अध्यक्षता में)
* लागू: 2006 (1 जनवरी 2006 से)
* प्रमुख सिफारिशें:
* यह एक क्रांतिकारी आयोग था जिसने 'पे बैंड' (Pay Bands) और 'ग्रेड पे' (Grade Pay) की एक नई प्रणाली शुरू की। इसने पुरानी वेतनमान प्रणाली को पूरी तरह बदल दिया।
* न्यूनतम वेतन (पे बैंड-1 में) ₹7,000 (बेसिक ₹5,200 + ग्रेड पे ₹1,800) निर्धारित किया गया।
* सभी कर्मचारियों के लिए 'मॉडिफाइड एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन' (MACP) योजना लागू की गई।
* वेतन वृद्धि की दर को 3% प्रति वर्ष तय किया गया।
7️⃣ सातवाँ वेतन आयोग (Seventh Pay Commission)
* गठन: 2014 (न्यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर की अध्यक्षता में)
* लागू: 2016 (1 जनवरी 2016 से)
* प्रमुख सिफारिशें:
* इस आयोग ने छठे वेतन आयोग द्वारा शुरू किए गए 'पे बैंड' और 'ग्रेड पे' सिस्टम को खत्म कर दिया।
* एक नई, सरल और पारदर्शी 'पे मैट्रिक्स' (Pay Matrix) प्रणाली लागू की गई।
* सभी कर्मचारियों के लिए एक समान 'फिटमेंट फैक्टर' (Fitment Factor) 2.57 लागू किया गया (यानी पुराने बेसिक पे + ग्रेड पे का 2.57 गुना)।
* न्यूनतम वेतन ₹18,000 प्रति माह और उच्चतम वेतन (कैबिनेट सचिव) ₹2,50,000 प्रति माह निर्धारित किया गया।
* HRA को शहरों के वर्गीकरण (X, Y, Z) के आधार पर 24%, 16% और 8% निर्धारित किया गया।

📰 खबर के मुख्य बिंदु * बड़ा फैसला: सरकार ने 8वें वेतन आयोग के लिए नियम-शर्तों को मंजूरी दे दी है। * आयोग की अध्यक्ष: सुप...
29/10/2025

📰 खबर के मुख्य बिंदु
* बड़ा फैसला: सरकार ने 8वें वेतन आयोग के लिए नियम-शर्तों को मंजूरी दे दी है।
* आयोग की अध्यक्ष: सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई को इस आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
* रिपोर्ट की समय सीमा: आयोग को अपनी सिफारिशें सौंपने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है।
* लागू होने की तारीख: ये सिफारिशें 1 जनवरी, 2026 से लागू मानी जाएँगी।
* भुगतान: बढ़े हुए वेतन का भुगतान 2027 के अंत तक होने की संभावना है।

📈 गणना का विस्तृत विश्लेषण

1. फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) क्या है?
यह एक मल्टीप्लायर (गुणक) होता है, जिससे मौजूदा मूल वेतन (Basic Pay) को गुणा करके नया मूल वेतन तय किया जाता है। 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 गुना था (हालांकि आपके उदाहरण में 2.86 का उपयोग किया गया है, जो संभवतः DA मर्जर के बाद का अनुमानित आंकड़ा हो सकता है, या एक अलग अपेक्षित आंकड़ा हो सकता है)।

2. वेतन गणना (Salary Calculation)
* मौजूदा मूल वेतन (Basic Pay): ₹25,000
* फिटमेंट फैक्टर: 2.86 (आपके उदाहरण के अनुसार)
* नया मूल वेतन: ₹25,000 x 2.86 = ₹71,500
* स्पष्टीकरण: जब नया वेतन आयोग लागू होता है, तो उस तारीख तक का सारा महंगाई भत्ता (DA) शून्य हो जाता है और उसे मूल वेतन में मिला दिया जाता है। इसलिए, नया 'बेसिक पे' इतना अधिक हो जाता है।
* महंगाई भत्ता (DA): ₹0
* स्पष्टीकरण: जैसा कि ऊपर बताया गया है, DA नए मूल वेतन में विलीन हो जाता है और नए आयोग के लागू होने के बाद से इसकी गणना 0 से शुरू होती है।
* मकान किराया भत्ता (HRA): ₹19,305
* स्पष्टीकरण: HRA की गणना हमेशा नए मूल वेतन पर की जाती है। मेट्रो शहरों (X-Category) के लिए यह दर 27% है (यह दर 7वें वेतन आयोग के अनुसार है)।
* गणना: ₹71,500 का 27% = ₹19,305
* कुल न्यूनतम मासिक वेतन (Total Salary):
* नया मूल वेतन + DA + HRA
* ₹71,500 + ₹0 + ₹19,305 = ₹90,805
* (नोट: इसमें ट्रांसपोर्ट अलाउंस (TA) और अन्य भत्ते शामिल नहीं हैं, जिन्हें जोड़ने पर कुल वेतन और अधिक हो जाएगा।)
3. पेंशन गणना (Pension Calculation)
पेंशनभोगियों के लिए भी वही फिटमेंट फैक्टर लागू होता है।
* मौजूदा मूल पेंशन (Basic Pension): ₹9,000
* फिटमेंट फैक्टर: 2.86
* नई मूल पेंशन: ₹9,000 x 2.86 = ₹25,740


हरियाणा के 54 युवाओं को अमेरिका से "डिपोर्ट 2.0" के तहत एक विशेष चार्टर्ड विमान से हथकड़ी लगाकर दिल्ली लाया गया। रविवार ...
27/10/2025

हरियाणा के 54 युवाओं को अमेरिका से "डिपोर्ट 2.0" के तहत एक विशेष चार्टर्ड विमान से हथकड़ी लगाकर दिल्ली लाया गया। रविवार सुबह दिल्ली पहुंचने के बाद, पुलिस ने जरूरी कार्रवाई पूरी कर उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया। ये युवा "डोंकी रूट" (अवैध तरीके) से अमेरिका पहुंचे थे, जिसके लिए इनके परिवारों ने 40 से 60 लाख रुपए तक खर्च किए थे।
युवाओं ने बयां की दर्दनाक आपबीती
वापस लौटे युवाओं ने आरोप लगाया कि उन्हें अमेरिकी डिटेंशन कैंपों और जेलों में जानवरों की तरह रखा गया और उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
* टॉर्चर के आरोप: युवाओं ने बताया कि उन्हें टॉर्चर करने के लिए गर्मी के मौसम में हीटर चलाए जाते थे और कड़ाके की सर्दी में एसी (एयर कंडीशनर) चलाए जाते थे।
* अमानवीय हालात: उन्हें 20-25 दिनों तक नहाने नहीं दिया जाता था। दो लोगों को एक कंबल दिया जाता था।
* खराब खाना: खाने के नाम पर उन्हें कभी ठंडे पानी में भिगोई हुई ब्रेड दी जाती थी, तो कभी दाल-चावल दिए जाते थे जो जानवरों के खाने लायक भी नहीं थे।
* अज्ञात इंजेक्शन: युवाओं ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें जांघ पर अज्ञात इंजेक्शन लगाए जाते थे, जिससे 8-10 दिनों तक दर्द रहता था। शिकायत करने पर उन्हें धमकाया जाता था।
* लंबी कैद: इन युवाओं को 3 महीने से लेकर 1.5 साल तक अमेरिका की अलग-अलग जेलों और कैंपों में बंद रखा गया।
"डोंकी रूट" का कड़वा सच
* लाखों रुपए डूबे: इन युवाओं ने एजेंटों को 40 से 50 लाख रुपए दिए थे। इसके लिए कई परिवारों ने अपनी जमीन बेची या भारी कर्ज लिया।
* कैथल के युवाओं का दर्द: कैथल के तिगांव निवासी 20 वर्षीय शुभम ने फरवरी 2023 में 40 लाख रुपए देकर डोंकी रूट पकड़ा था। वह 10 महीने बाद पकड़ा गया और 4 महीने जेल में रहा। एक अन्य युवक संदीप ने 54 लाख रुपए खर्च किए; वह डेढ़ साल बाद पकड़ा गया और 3 महीने कैंप में रहा।
* जिलेवार आंकड़े: डिपोर्ट किए गए युवाओं में सबसे ज्यादा करनाल (16) और कैथल (14) से हैं। इसके अलावा अंबाला (5), कुरुक्षेत्र (5), यमुनानगर (3), जींद (3), सिरसा (2), फतेहाबाद (1), पानीपत (1) और गुहला (1) और इंद्री (3) के युवा भी शामिल हैं।
परिवारों का दर्द और युवाओं की चेतावनी
* भावुक पल: कुरुक्षेत्र बस स्टैंड पर जब युवा अपने परिवार वालों से मिले तो माहौल भावुक हो गया। माता-पिता ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनका बेटा सही सलामत घर लौट आया, भले ही उनका सब कुछ लुट गया हो। कई माता-पिता तो अपने बेटों को पहचान भी नहीं पाए।
* युवाओं की अपील: लौटे हुए युवाओं ने अपील की है कि कोई भी एजेंटों के बहकावे में आकर "डोंकी रूट" से विदेश जाने की कोशिश न करे, क्योंकि वहां के हालात बहुत बुरे हैं।
अन्य संबंधित खबरें
* जसबीर कौर लौटीं, बेटा फंसा: फतेहाबाद की 40 वर्षीय जसबीर कौर को भी डिपोर्ट किया गया है, लेकिन उनका 20 वर्षीय बेटा गुरप्रीत अभी भी अमेरिकी कैंप में बंद है।

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के स्कूलों में कार्यरत 1443 संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) शिक्षकों के लिए एक बड़ी खबर है। इन शिक्षकों को ...
25/10/2025

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के स्कूलों में कार्यरत 1443 संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) शिक्षकों के लिए एक बड़ी खबर है। इन शिक्षकों को जल्द ही 7वें वेतन आयोग के अनुसार नियमित 'स्पेशल टीचर' का पे-स्केल (Pay Scale) और भविष्य की भर्तियों में उम्र में छूट मिल सकती हैं,
क्या है पूरा मामला?
दस्तावेज़ों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने 23 सितंबर 2025 को एक आदेश जारी कर दिल्ली सरकार (NCT) से एक "बेहतर हलफनामा" दाखिल करने को कहा था। कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि:

* नियमित पे-स्केल: जो संविदा/गेस्ट टीचर स्क्रीनिंग में सक्षम और योग्य पाए जाते हैं, उन्हें उनके पिछले अनुभव के आधार पर 7वें वेतन आयोग के तहत स्पेशल टीचर का न्यूनतम पे-स्केल (बेसिक पे + डीए) दिया जाए। इसमें TGT के लिए लेवल-7 और PGT के लिए लेवल-8 का प्रस्ताव है।
* आयु में छूट: भविष्य में होने वाली स्थायी शिक्षक भर्तियों के लिए, इन शिक्षकों को उनके द्वारा दी गई सेवा के वर्षों के बराबर आयु में छूट (Age Relaxation) दी जाए. ( decision के बाकी पेज comment में है. )

हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी, महंगाई भत्ते में 3% की बढ़ोतरीहरियाणा सरकार ने 7वें वेतन आ...
24/10/2025

हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी, महंगाई भत्ते में 3% की बढ़ोतरी
हरियाणा सरकार ने 7वें वेतन आयोग के ढांचे के तहत वेतन/पेंशन प्राप्त कर रहे अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) की दरों में संशोधन किया है।
सरकार ने महंगाई भत्ते और महंगाई राहत को मूल वेतन/पेंशन के 55% से बढ़ाकर 58% करने की मंजूरी दे दी है। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई, 2025 से लागू मानी जाएगी।
कब मिलेगा पैसा?
* बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अक्टूबर 2025 के वेतन और पेंशन के साथ भुगतान किया जाएगा।

* मामला क्या है: हाईकोर्ट ने एक मामले में स्पष्ट किया है कि यदि कोई उम्मीदवार 30 दिन की निर्धारित समय सीमा के भीतर अपनी ...
24/10/2025

* मामला क्या है: हाईकोर्ट ने एक मामले में स्पष्ट किया है कि यदि कोई उम्मीदवार 30 दिन की निर्धारित समय सीमा के भीतर अपनी नौकरी ज्वॉइन नहीं कर पाता है, तो उसे नौकरी से वंचित नहीं किया जा सकता, खासकर तब जब यह देरी उम्मीदवार की अपनी गलती के बजाय नियुक्ति प्रक्रिया में हुई देरी के कारण हुई हो।
* कोर्ट का तर्क: जस्टिस जसमोहन बंसल ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि नियुक्ति के आदेशों को रद्द करते हुए निर्देशों को कठोर नियम की तरह नहीं, बल्कि व्यावहारिक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए।
* पृष्ठभूमि: याचिकाकर्ता ने वीएलडीए (VLDA) की पोस्ट पर ज्वॉइनिंग के लिए समय सीमा बढ़ाने की मांग की थी। जिला परिषद अंबाला ने 8 सितंबर 2025 को यह कहते हुए उसकी मांग ठुकरा दी थी कि सरकारी निर्देशों के अनुसार नियुक्ति के बाद 30 दिन से अधिक का विलंब स्वीकार नहीं किया जा सकता।
* कोर्ट का निर्देश: हाईकोर्ट ने इस तर्क को अस्वीकार कर दिया और कहा कि इसे सरकारी निष्क्रियता या तकनीकी देरी मानकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने हरियाणा पुलिस नियम का भी हवाला दिया, जो कुछ मामलों में पुलिस महानिदेशक को ज्वॉइनिंग में देरी के लिए रियायत देने की शक्ति प्रदान करते हैं, भले ही इसमें 30 दिन की कठोर समय सीमा निर्धारित नहीं है।
* याचिकाकर्ता का पक्ष: याचिकाकर्ता ने 28 जून 2024 को जारी विज्ञापन के तहत कांस्टेबल पद के लिए आवेदन किया था। उसने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET), फिजिकल परीक्षण और फिजिकल स्क्रीनिंग टेस्ट सफलतापूर्वक पास कर लिए थे। परिणाम 17 अक्टूबर 2024 को घोषित हुआ और उसे 20 नवंबर 2024 को शामिल होने के लिए पत्र भेजा गया।
* विवाद: इसी अवधि में, उम्मीदवार के गांव में राजनीतिक रंजिश के चलते एक झगड़ा हुआ, जिसमें एक एफआईआर (FIR) दर्ज की गई और उम्मीदवार का नाम भी शामिल था। इसके चलते वह न्यायिक हिरासत में चला गया। बाद में मामला आपसी समझौते से सुलझ गया और हाईकोर्ट ने 19 मई 2025 को उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया।
* अंतिम फैसला: हाईकोर्ट ने हरियाणा पुलिस विभाग को आदेश दिया कि वे याचिकाकर्ता को भर्ती हुए मानकर उसे सेवा में शामिल करें, बशर्ते वह अन्य औपचारिकताओं का पालन करता हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रशासनिक निर्देश कोर्ट पर बाध्यकारी नहीं होते; न्याय और निष्पक्षता सर्वोपरि है।

वर्तमान में, केवल 92,493 कर्मचारी ही इन पदों पर कार्यरत हैं। इस कार्यबल में 81,388 नियमित (Regular) शिक्षक और 11,105 अति...
24/10/2025

वर्तमान में, केवल 92,493 कर्मचारी ही इन पदों पर कार्यरत हैं। इस कार्यबल में 81,388 नियमित (Regular) शिक्षक और 11,105 अतिथि अध्यापक (Guest Teachers) शामिल हैं।
TGT कैडर में सबसे बड़ा संकट:
शिक्षकों की कमी का सबसे बुरा असर ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स (TGT) कैडर पर पड़ा है।
* TGT के कुल 42,067 स्वीकृत पदों में से 14,187 पद खाली हैं, जो कुल रिक्तियों का लगभग आधा हिस्सा है।
अन्य कैडरों की स्थिति:
* PGT (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स): कुल 38,861 पदों में से 9,818 पद रिक्त हैं।
* PRT/JBT और हेड टीचर: कुल 37,940 पदों में से 5,461 पद खाली हैं।
अस्थायी कर्मचारियों पर निर्भरता:
स्कूलों की व्यवस्था काफी हद तक अस्थायी कर्मचारियों पर निर्भर है। 11,105 गेस्ट टीचर्स के अलावा, 6,667 कर्मचारी हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के माध्यम से कार्यरत हैं, जिनमें से TGT (5,538) और PGT (1,129) कैडर में हैं।
कुछ विषयों में विशेष रूप से भारी कमी:
* हेड मास्टर (हाई स्कूल): स्थिति सबसे चिंताजनक यहाँ है, जहाँ 916 स्वीकृत पदों में से 823 पद खाली हैं, यानी लगभग 90% पद रिक्त हैं।
* PGT कंप्यूटर साइंस: 2,230 स्वीकृत पदों में से 1,859 पद खाली हैं।
* TGT साइंस: 6,056 पदों में से 1,743 पद रिक्त हैं।
* TGT ड्राइंग: 5,317 पदों में से 1,359 पद रिक्त हैं।
* TGT इंग्लिश: 4,172 पदों में से 1,315 पद रिक्त हैं।
* TGT सोशल स्टडीज: 4,826 पदों में से 1,116 पद रिक्त हैं।

हरियाणा सरकार ने राज्य के हज़ारों अनुबंध कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए उनकी सेवा अवधि बढ़ाने का फैसला किया है। सरकार...
23/10/2025

हरियाणा सरकार ने राज्य के हज़ारों अनुबंध कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए उनकी सेवा अवधि बढ़ाने का फैसला किया है। सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRNL) और आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-II के तहत लगे कर्मचारियों के अनुबंध को 30 नवंबर, 2025 तक के लिए बढ़ा दिया है।

* परीक्षा खत्म होते ही विद्यार्थियों की छुट्टी कर दी जाएगी, शिक्षक मूल्यांकन कार्य शुरू करेंगे।पंचकूला, निदेशालय द्वारा ...
23/10/2025

* परीक्षा खत्म होते ही विद्यार्थियों की छुट्टी कर दी जाएगी, शिक्षक मूल्यांकन कार्य शुरू करेंगे।
पंचकूला,

निदेशालय द्वारा जारी पत्र क्रमांक 16/4-2025 ACD (15) के अनुसार, सबसे बड़ा बदलाव यह किया गया है कि विद्यार्थियों को परीक्षा के दिनों के बीच में कोई अवकाश नहीं दिया जाएगा।
गैर-परीक्षा वाले दिन भी स्कूल आना अनिवार्य
निर्देशों में स्पष्ट कहा गया है कि पूर्व में जारी डेटशीट के अनुसार, जिस दिन जिस कक्षा की परीक्षा नहीं होगी, उस दिन भी उस कक्षा के विद्यार्थियों का अवकाश नहीं रहेगा। उन्हें स्कूल आना होगा। यह कदम संभवतः स्कूलों में पढ़ाई की निरंतरता बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
परीक्षा का समय और मूल्यांकन
* परीक्षा का समय: विद्यार्थियों की अर्द्धवार्षिक परीक्षा मुख्य परीक्षा हॉल में सुबह 9:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक आयोजित की जाएगी।
* परीक्षा के बाद छुट्टी: प्रतिदिन परीक्षा समाप्त होने के तुरंत बाद विद्यार्थियों की छुट्टी कर दी जाएगी (उन्हें घर भेज दिया जाएगा)।
* मूल्यांकन कार्य: जैसे ही परीक्षा समाप्त होगी, शिक्षक तुरंत उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य आरंभ कर देंगे, .✍️✔️🙏

चुनावी बिसात के प्यादे: 'पहली कलम' के छलावे में फंसे संविदा कर्मचारीलेखक: एक विश्लेषकबिहार के चुनावी अखाड़े में एक बार फ...
23/10/2025

चुनावी बिसात के प्यादे: 'पहली कलम' के छलावे में फंसे संविदा कर्मचारी
लेखक: एक विश्लेषक
बिहार के चुनावी अखाड़े में एक बार फिर 'पहली कलम' का जिन्न बाहर आ गया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने यह ऐलान किया है कि अगर उनकी सरकार बनी, तो वे 'पहली कैबिनेट' में ही सभी संविदा कर्मियों और जीविका दीदियों को स्थायी कर देंगे। यह वादा सुनने में जितना आकर्षक लगता है, उतना ही यह भारत की राजनीति के उस कड़वे सच को भी उजागर करता है, जहाँ शिक्षक और अनुबंधित कर्मचारी राजनीतिक दलों के लिए सत्ता तक पहुँचने का एक 'चुनावी हथियार' मात्र बनकर रह गए हैं।
तेजस्वी के इस वादे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और इसे एक 'क्रूर मजाक' करार दिया। भाजपा का कहना है कि यह सिर्फ वोट के लिए किया जा रहा एक खोखला वादा है। लेकिन, यह विडंबना ही है कि जो भाजपा आज बिहार में इस वादे को 'क्रूर मजाक' बता रही है, वही भाजपा हरियाणा में लाखों कच्चे कर्मचारियों और अतिथि शिक्षकों को 'पहली कलम' से नियमित करने का लगभग ऐसा ही वादा करके सत्ता में आई थी।
आज हरियाणा के वे लाखों कर्मचारी ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, क्योंकि सत्ता मिलने के बाद वह 'पहली कलम' न जाने कहाँ खो गई। यह कहानी सिर्फ बिहार या हरियाणा की नहीं है, और न ही यह किसी एक दल तक सीमित है।
चाहे वह कांग्रेस हो, भाजपा हो, राजद हो या समाजवादी पार्टी, हर चुनाव से पहले इन दलों को देश के लाखों कच्चे कर्मचारियों का दर्द याद आने लगता है। उन्हें नियमित करने, वेतन बढ़ाने और स्थायी करने के लुभावने वादे किए जाते हैं। ये कर्मचारी, जो वर्षों से शोषण और अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहे होते हैं, इन वादों में अपनी मुक्ति देखते हैं और किसी एक दल को अपना कीमती वोट सौंप देते हैं।
लेकिन इतिहास गवाह है कि सत्ता में आने के बाद ये दल अपनी प्राथमिकताओं को बदल देते हैं। वे ही वादे, जो कभी उनकी जीत का आधार बने थे, ठंडे बस्ते में डाल दिए जाते हैं। कर्मचारियों के हाथ में रह जाता है तो सिर्फ लंबा इंतजार, प्रदर्शन और निराशा।
बिहार के भाइयों और देश भर के तमाम अनुबंधित कर्मचारियों को यह समझने की जरूरत है कि उनका इस्तेमाल सिर्फ वोट बैंक के रूप में किया जा रहा है। यह पार्टियाँ उन्हें रोजगार की सुरक्षा नहीं, बल्कि चुनावी लॉलीपॉप दे रही हैं।
अगर इन कर्मचारियों को वास्तव में न्याय चाहिए, तो उन्हें इन खोखले राजनीतिक वादों पर निर्भर रहने के बजाय संगठित होकर कानूनी लड़ाई लड़नी होगी। असली समाधान चुनावी रैलियों में नहीं, बल्कि न्यायालय के गलियारों में है। जब तक कर्मचारी अपनी लड़ाई को राजनीतिक मोह से अलग करके कानूनी और संवैधानिक अधिकारों की लड़ाई नहीं बनाएँगे, तब तक हर चुनाव में वे इसी तरह 'पहली कलम' के छलावे का शिकार होते रहेंगे।
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