08/08/2024
**न्यूज़ परिक्रमा**
👉🏼👉🏼संसद में पेश किए गए वक्फ संशोधन विधेयक पर सांसद इमरान मसूद ने कड़ा विरोध जताया है - बोले इमरान यह बिल मुसलमानों के अधिकारों का हनन करता है और उनके धार्मिक स्थलों के प्रबंधन पर सरकार का नियंत्रण बढ़ाता है...
✔️सहारनपुर : संसद में पेश किए गए वक्फ संशोधन बिल पर लोकसभा सांसद इमरान मसूद ने विरोध जताते हुये कहा कि यह हमारे संविधान में निहित मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है- यह विधेयक अपने वर्तमान स्वरूप में, संविधान के अनुच्छेद 15, 25, 26, 29 और 30 के तहंत गारंटीकृत समानता- धर्म की स्वतंत्रता और सांस्कृतिक अधिकारों के सिद्धांतों का गंभीर उल्लंघन करता है - इमरान मसूद ने कहा कि वक्फ बोर्ड का गठन मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों के प्रबंधन के लिए किया गया था, लेकिन इस बिल के माध्यम से वक्फ बोर्ड की शक्तियों को समाप्त कर के डीएम राज लाने कर काम कर रहे है और इसके तहत आने वाली 8 लाख से अधिक संपत्तियों को खुर्द बुर्द कर करने काम किया जायगा -मसूद ने आगे कहा कि यह बिल अनुच्छेद 15 का उल्लंघन करता है, जो धर्म, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करता है। उन्होंने कहा कि यह बिल मुसलमानों के अधिकारों का हनन करता है और उनके धार्मिक स्थलों के प्रबंधन पर सरकार का नियंत्रण बढ़ाता है...!!
*महत्वपूर्ण बिंदु*
कांग्रेस सांसद ने बताया की अनुच्छेद 26 और 30 धार्मिक संप्रदायों के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रबंधन के अधिकारों की रक्षा करते हैं।
यह विधेयक, वक्फ संपत्तियों के प्रबंध पर संभावित रूप से अतिक्रमण करके, जिसमें अक्सर शैक्षणिक संस्थान शामिल होते हैं, इन अधिकारों के लिए एक सीधा खतरा है-उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 29 नागरिकों के किसी भी वर्ग को अपनी विशिष्ट भाषा, लिपि या संस्कृति को संरक्षित करने के अधिकार की गारंटी देता है-वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन ढांचे में बदलाव करके, जो अक्सर मुस्लिम समुदाय की सांस्कृतिक विरासत के साथ गहराई से जुड़ी होती हैं, यह विधेयक उस अधिकार को भी कमजोर करता है!!ll
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