26/06/2024
सोनाक्षी की शादी का मातम माननेवाले गरम-दल के सोशल-वारियर्स ये मान लें कि सोनाक्षी के सिर्फ बंगले का नाम "रामायण" और बाप, चाचा ताऊ के नाम राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न हैं.. बाकी उसके आचरण या संस्कारो में उतना ही हिंदुत्व है जितनी देश के नेताओं में समाजसेवा की भावना है।
फिल्मी दुनिया से जुड़े किसी भी कलाकार का मकसद धर्मरक्षा नहीं बल्कि सिर्फ फेम और पैसे कमाना है, भले वो धार्मिक भावनाओं का फायदा उठाते हुए आदिपुरुष, पृथ्वीराज और कल्कि जैसी फिल्में हों या दूसरी तरफ़ मुगले-आज़म और टीपू सुल्तान जैसी व्यसायिक रचनाएं हों।
तुम ज़हीर इक़बाल, अली फ़ज़ल, फहद अहमद जैसे मुस्लिम पतियों को लेकर दूसरे वर्ग पर तंज़ करोगे तो उधर से कुणाल खेमू, आयुष शर्मा, नूपुर शिखरे को तुम्हारा जीजा बताया जाएगा..
इन फिल्मी-जोड़ों के रिश्ते क्षणिक आकर्षण या व्यावसायिक मुनाफे को मद्देनजर रखते हुए ज्यादा होते है, आम निब्बे-निब्बियों की तरह "मेले बाबू ने थाना थाया" वाली डेडली मुहब्बत नहीं होती..
इसलिए इन्हें भईया-भाभी और दीदी-जीजाजी मानने से बेहतर है, कल सब्जी क्या बनेगी या सिलेंडर कैसे आएगा. इसकी चिंता की जाए तो बेहतर होगा!
बाकी सलमान के दोनों जीजा अतुल अग्निहोत्री और आयुष शर्मा सलमान के नाम से मलाई काट रहे हैं तो इधर ज़हीर इक़बाल "रामायण" में दामाद बनकर दावतें उड़ाएगा, जबकि हम-आप अपने जैसे ही फुकरों को माँ-बहन के अलंकारों से सोशल-मीडिया पर ट्रोल करते रहे जाएंगे। Highlight
🙏🙏🚩🇮🇳🙏🙏सोनाक्षी की शादी का मातम माननेवाले गरम-दल के सोशल-वारियर्स ये मान लें कि सोनाक्षी के सिर्फ बंगले का नाम "रामायण" और बाप, चाचा ताऊ के नाम राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न हैं.. बाकी उसके आचरण या संस्कारो में उतना ही हिंदुत्व है जितनी देश के नेताओं में समाजसेवा की भावना है।
फिल्मी दुनिया से जुड़े किसी भी कलाकार का मकसद धर्मरक्षा नहीं बल्कि सिर्फ फेम और पैसे कमाना है, भले वो धार्मिक भावनाओं का फायदा उठाते हुए आदिपुरुष, पृथ्वीराज और कल्कि जैसी फिल्में हों या दूसरी तरफ़ मुगले-आज़म और टीपू सुल्तान जैसी व्यसायिक रचनाएं हों।
तुम ज़हीर इक़बाल, अली फ़ज़ल, फहद अहमद जैसे मुस्लिम पतियों को लेकर दूसरे वर्ग पर तंज़ करोगे तो उधर से कुणाल खेमू, आयुष शर्मा, नूपुर शिखरे को तुम्हारा जीजा बताया जाएगा..
इन फिल्मी-जोड़ों के रिश्ते क्षणिक आकर्षण या व्यावसायिक मुनाफे को मद्देनजर रखते हुए ज्यादा होते है, आम निब्बे-निब्बियों की तरह "मेले बाबू ने थाना थाया" वाली डेडली मुहब्बत नहीं होती..
इसलिए इन्हें भईया-भाभी और दीदी-जीजाजी मानने से बेहतर है, कल सब्जी क्या बनेगी या सिलेंडर कैसे आएगा. इसकी चिंता की जाए तो बेहतर होगा!
बाकी सलमान के दोनों जीजा अतुल अग्निहोत्री और आयुष शर्मा सलमान के नाम से मलाई काट रहे हैं तो इधर ज़हीर इक़बाल "रामायण" में दामाद बनकर दावतें उड़ाएगा, जबकि हम-आप अपने जैसे ही फुकरों को माँ-बहन के अलंकारों से सोशल-मीडिया पर ट्रोल करते रहे जाएंगे। Highlight
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