05/08/2025
🔱 क्या कांवड़ यात्रा शास्त्रसम्मत है? संत रामपाल जी महाराज का स्पष्ट विचार 🔱
हर साल सावन में करोड़ों लोग कांवड़ यात्रा करते हैं — गंगाजल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं, यह सोचकर कि भगवान शिव प्रसन्न होंगे। लेकिन क्या यह साधना वास्तव में शास्त्रानुसार है? वेद, उपनिषद, गीता और शिवपुराण जैसे किसी भी प्रामाणिक ग्रंथ में "कांवड़ यात्रा" का कोई आदेश या प्रमाण नहीं मिलता। बल्कि, संत रामपाल जी महाराज जी स्पष्ट रूप से बताते हैं कि — "जो भी साधना शास्त्रविरुद्ध होती है, वह निरर्थक और हानिकारक होती है।" भगवान गीता अध्याय 16 श्लोक 23-24 में स्वयं श्रीकृष्ण ने कहा है कि जो मनमानी भक्ति करता है, वह न तो सिद्धि को प्राप्त कर सकता है, न सुख और न ही मोक्ष।
संत रामपाल जी महाराज जी ने बताया कि ईश्वर को पाने का एकमात्र रास्ता शास्त्रसम्मत भक्ति है, जो सत्यगुरु से दीक्षा लेने के बाद की जाती है। गंगाजल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाने से न तो पाप मिटते हैं और न ही भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। इसीलिए उन्होंने समाज से अपील की है कि "भीड़ के पीछे नहीं, ज्ञान के पीछे चलो।"
👉 अब समय आ गया है कि हम आँखें खोलें और शास्त्रों के आधार पर सही साधना करें।
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