Mera Deoria & Kushinagar Uttar Pradesh India

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Hata kushinagar Sugar mill
11/11/2024

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Hata kushinagar Uttar Pradesh
11/11/2024

Hata kushinagar Uttar Pradesh

19/10/2024
महाराणा कुम्भामेवाड़ के सिसोदिया वंश के प्रतापी शासक.......      शासनावधि1433 - 1468राज्याभिषेक1433पूर्ववर्ती[मोकल]]उत्त...
31/08/2024

महाराणा कुम्भा
मेवाड़ के सिसोदिया वंश के प्रतापी शासक.......
शासनावधि
1433 - 1468
राज्याभिषेक
1433
पूर्ववर्ती
[मोकल]]
उत्तरवर्ती
ऊदा सिंह (उदयसिंह प्रथम)
जन्म
1423
संतान
ऊदा सिंह, राणा रायमल, रमाबाई (वागीश्वरी)
राजवंश
सिसोदिया राजवंश
पिता
राणा मोकल, मेवाड़
माता
सौभाग्यवती परमार.

महाराणा कुम्भा या महाराणा कुम्भकर्ण (मृत्यु 1468 ई.) सन 1433 से 1468 तक मेवाड़ के राजा थे। भारत के राजाओं में उनका बहुत ऊँचा स्थान है। उनसे पूर्व राजपूत केवल अपनी स्वतंत्रता की जहाँ-तहाँ रक्षा कर सके थे। कुंभकर्ण ने मुसलमानों को अपने-अपने स्थानों पर हराकर राजपूती राजनीति को एक दोहरा रूप दिया। इतिहास में ये 'राणा कुंभा' के नाम से अधिक प्रसिद्ध हैं। महाराणा कुुुम्भा को चित्तौड़ दुर्ग का आधुुुनिक निर्माता भी कहते हैं क्योंकि इन्होंने चित्तौड़ दुर्ग के अधिकांश वर्तमान भाग का निर्माण कराया।

महाराणा कुंभा राजस्थान के शासकों में सर्वश्रेष्ठ थे। मेवाड़ के आसपास जो उद्धत राज्य थे, उन पर उन्होंने अपना आधिपत्य स्थापित किया। 35 वर्ष की अल्पायु में उनके द्वारा बनवाए गए बत्तीस दुर्गों में चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़, अचलगढ़ जहां सशक्त स्थापत्य में शीर्षस्थ हैं, वहीं इन पर्वत-दुर्गों में चमत्कृत करने वाले देवालय भी हैं। उनकी विजयों का गुणगान करता विश्वविख्यात विजय स्तंभ भारत की अमूल्य धरोहर है। कुंभा का इतिहास केवल युद्धों में विजय तक सीमित नहीं थी बल्कि उनकी शक्ति और संगठन क्षमता के साथ-साथ उनकी रचनात्मकता भी आश्चर्यजनक थी। ‘संगीत राज’ उनकी महान रचना है जिसे साहित्य का कीर्ति स्तंभ माना जाता है।

महाराणा कुम्भा कि उपाधियाँ :- अभिनवभृताचार्य, राणेराय, रावराय, हालगुरू, शैलगुरु, दानगुरु, छापगुरु, नरपति, परपति, गजपति, अश्वपति, हिन्दू सुरतान, नन्दीकेशवर, परम भागवत, आदिll.

परिचय....
महाराणा कुम्भकर्ण, महाराणा मोकल के पुत्र थे और उनकी हत्या के बाद गद्दी पर बैठे। उन्होंने अपने पिता के मामा रणमल राठौड़ की सहायता से शीघ्र ही अपने पिता के हत्यारों से बदला लिया। इनके तीन संताने थी जिसमें दो पुत्र उदा सिंह , राणा रायमल तथा राणा एक पुुत्री रमाबाई (वागीश्वरी) थे |[उद्धरण चाहिए] 1437 ई. में मालवा के सुलतान महमूद खिलजी को भी उन्होंने उसी साल सारंगपुर के पास बुरी तरह से हराया और इस विजय के स्मारक स्वरूप चित्तौड़ का विख्यात विजय स्तम्भ बनवाया। राठौडों के बढ़ते प्रभाव और हस्तक्षेप से आशंकित होकर चुण्डा को वापस बुलवाया गया, जिसने रणमल को मरवा दिया और फिर कुछ समय के लिए मंडोर का राज्य भी मेवाड़ के अधिकार में आ गया। राज्यारूढ़ होने के सात वर्षों के भीतर ही उन्होंने सारंगपुर, नागौर, नराणा, अजमेर, मंडोर, मांडलगढ़, बूंदी, खाटू, चाटूस आदि के सुदृढ़ किलों को जीत लिया और दिल्ली के सुलतान सैयद मुहम्मद शाह और गुजरात के सुलतान अहमदशाह को भी परास्त किया। उनके शत्रुओं ने अपनी पराजयों का बदला लेने का बार-बार प्रयत्न किया, किंतु उन्हें सफलता न मिली। मालवा के सुलतान ने पांच बार मेवाड़ पर आक्रमण किया। नागौर के स्वामी शम्स खाँ ने गुजरात की सहायता से स्वतंत्र होने का विफल प्रयत्न किया। यही दशा आबू के देवड़ों की भी हुई। मालवा और गुजरात के सुलतानों ने मिलकर महाराणा पर आक्रमण किया किंतु मुसलमानी सेनाएँ फिर परास्त हुई। महाराणा ने अन्य अनेक विजय भी प्राप्त किए। उसने डीडवाना(नागौर) की नमक की खान से कर लिया और खंडेला, आमेर, रणथंभोर, डूँगरपुर, सीहारे आदि स्थानों को जीता। इस प्रकार राजस्थान का अधिकांश और गुजरात, मालवा और दिल्ली के कुछ भाग जीतकर उसने मेवाड़ को महाराज्य बना दिया।

किंतु महाराणा कुंभकर्ण की महत्ता विजय से अधिक उनके सांस्कृतिक कार्यों के कारण है। उन्होंने अनेक दुर्ग, मंदिर और तालाब बनवाए तथा चित्तौड़ को अनेक प्रकार से सुसंस्कृत किया। कुंभलगढ़ का प्रसिद्ध किला उनकी कृति है। बंसतपुर को उन्होंने पुनः बसाया और श्री एकलिंग के मंदिर का जीर्णोंद्वार किया। चित्तौड़ का कीर्तिस्तम्भ तो संसार की अद्वितीय कृतियों में एक है। इसके एक-एक पत्थर पर उनके शिल्पानुराग, वैदुष्य और व्यक्तित्व की छाप है। अपनी पुत्री रमाबाई ( वागीश्वरी ) के विवाह स्थल के लिए चित्तौड़ दुर्ग मेंं श्रृंगार चंवरी का निर्माण कराया तथा चित्तौड़ दुर्ग में ही विष्णु को समर्पित कुम्भश्याम जी मन्दिर का निर्माण कराया।

मेवाड़ के राणा कुुुम्भा का स्थापत्य युग स्वर्णकाल के नाम से जाना जाता है, क्योंकि कुुुम्भा ने अपने शासनकाल में अनेक दुर्गों, मन्दिरों एंव विशाल राजप्रसादों का निर्माण कराया, कुम्भा ने अपनी विजयों के लिए भी अनेक ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण कराया, वीर-विनोद के लेखक श्यामलदस के अनुसार कुुुम्भा ने कुल 32 दुर्गों का निर्माण कराया था जिसमें कुभलगढ़, अलचगढ़, मचान दुर्ग, भौसठ दुर्ग, बसन्तगढ़ आदि मुख्य माने जाते हैं तथा कुुुम्भा के काल में धरणशाह नामक व्यापारी ने देपाक नामक शिल्पी के निर्देशन मे रणकपुर के जैन मदिंरो का निर्माण करवाया था।l.
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Er Amit Singh

19/08/2024

*पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्व एवं उनके कार्य!*

👉🏻 पौधे जडो द्वारा भूमि से पानी एवं पोषक तत्व, वायु से कार्बन डाई आक्साइड तथा सूर्य से प्रकाश ऊर्जा लेकर अपने विभिन्न भागों का निर्माण करते है। 👉🏻 पोषक तत्वों को पौधों की आवश्यकतानुसार निम्न प्रकार वर्गीकृत किया गया है।
*मुख्य पोषक तत्व-* नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश।
*गौण पोषक तत्व-* कैलशियम, मैग्नीशियम एवं गन्धक।
*सूक्ष्म पोषक तत्व-* लोहा, जिंक, कापर, मैग्नीज, मालिब्डेनम, बोरान एवं क्लोरीन। पौधों में आवश्यक पोषक तत्व एवं उनके कार्य 👉🏻 पौधों के सामान्य विकास एवं वृद्धि हेतु कुल 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इनमें से किसी एक पोषक तत्व की कमी होने पर पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और भरपूर फसल नहीं मिलती। पोषक तत्वों के कार्य
*नाइट्रोजन* 👉🏻 सभी जीवित ऊतकों यानि जड़, तना, पत्ति की वृद्दि और विकास में सहायक है। 👉🏻 क्लोरोफिल, प्रोटोप्लाज्मा प्रोटीन और न्यूक्लिक अम्लों का एक महत्वपूर्ण अवयव है। 👉🏻 पत्ती वाली सब्जियों और चारे की गुणवत्ता में सुधार करता है।
*फास्फोरस* 👉🏻 पौधों के वर्धनशील अग्रभाग, बीज और फलों के विकास हेतु आवश्यक है। पुष्प विकास में सहायक है। 👉🏻 कोशिका विभाजन के लिए आवश्यक है। जड़ों के विकास में सहायक होता है। न्यूक्लिक अम्लों, प्रोटीन, फास्फोलिपिड और सहविकारों का अवयव है। 👉🏻 अमीनों अम्लों का अवयव है।
*पोटेशियम* 👉🏻 एंजाइमों की क्रियाशीलता बढाता है।
👉🏻 ठण्डे और बादलयुक्त मौसम में पौधों द्वारा प्रकाश के उपयोग में वृद्धि करता है, जिससे पौधों में ठण्डक और अन्य प्रतिकूल परिस्थितियों को सहन करने की क्षमता बढ़ जाती है। 👉🏻 कार्बोहाइड्रेट के स्थानांतरण, प्रोटीन संश्लेषण और इनकी स्थिरता बनाये रखने में मदद करता है। 👉🏻 पौधों की रोग प्रतिरोधी क्षमता में वृद्धि होती है। 👉🏻 इसके उपयोग से दाने आकार में बड़े हो जाते है और फलों और सब्जियों की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।

*कैल्शियम* 👉🏻 कोशिका भित्ति का एक प्रमुख अवयव है, जो कि सामान्य कोशिका विभाजन के लिए आवश्यक होता है। 👉🏻 कोशिका झिल्ली की स्थिरता बनाये रखने में सहायक होता है। 👉🏻 एंजाइमों की क्रियाशीलता में वृद्धि करता है। 👉🏻 पौधों में जैविक अम्लों को उदासीन बनाकर उनके विषाक्त प्रभाव को समाप्त करता है। 👉🏻 कार्बोहाइट्रेड के स्थानांतरण में मदद करता है।

*मैग्नीशिम* 👉🏻 क्लोरोफिल का प्रमुख तत्व है, जिसके बिना प्रकाश संश्लेषण (भोजन निर्माण) संभव नहीं है। 👉🏻 कार्बोहाइट्रेड-उपापचय, न्यूक्लिक अम्लों के संश्लेषण आदि में भाग लेने वाले अनेक एंजाइमों की क्रियाशीलता में वृद्धि करता है। 👉🏻 फास्फोरस के अवशोषण और स्थानांतरण में वृद्दि करता है।

*गंधक* 👉🏻 प्रोटीन संरचना को स्थिर रखने में सहायता करता है। 👉🏻 तेल संश्लेषण और क्लोरोफिल निर्माण में मदद करता है।
👉🏻 विटामिन के उपापचय क्रिया में योगदान करता है।
जस्ता 👉🏻 पौधों द्वारा फास्फोरस और नाइट्रोजन के उपयोग में सहायक होता है 👉🏻 न्यूक्लिक अम्ल और प्रोटीन-संश्लेषण में मदद करता है।
👉🏻 हार्मोनों के जैव संश्लेषण में योगदान करता है।
👉🏻 अनेक प्रकार के खनिज एंजाइमों का आवश्यक अंग है।

*तांबा* 👉🏻 पौधों में विटामिन ‘ए’ के निर्माण में वृद्दि करता है।
👉🏻 अनेक एंजाइमों का घटक है।

*लोहा* 👉🏻 पौधों में क्लोरोफिल के संश्लेषण और रख रखाव के लिए आवश्यक होता है।
👉🏻 न्यूक्लिक अम्ल के उपापचय में एक आवश्यक भूमिका निभाता है।
👉🏻 अनेक एंजाइमों का आवश्यक अवयव है।

*मैगनीज* 👉🏻 प्रकाश और अन्धेरे की अवस्था में पादप कोशिकाओं में होने वाली क्रियाओं को नियंत्रित करता है।
👉🏻 नाइट्रोजन के उपापचय और क्लोरोफिल के संश्लेषण में भाग लेने वाले एंजाइमों की क्रियाशीलता बढ़ा देता है।
👉🏻 पौधों में होने वाली अनेक महत्वपूर्ण एंजाइमयुक्त और कोशिकीय प्रतिक्रियओं के संचालन में सहायक है।
👉🏻 कार्बोहाइट्रेड के आक्सीकरण के फलस्वरूप कार्बन आक्साइड और जल का निर्माण करता है।

*बोरोन* 👉🏻प्रोटीन-संश्लेषण के लिये आवश्यक है। 👉🏻 कोशिका –विभाजन को प्रभावित करता है।
👉🏻 कैल्शियम के अवशोषण और पौधों द्वारा उसके उपयोग को प्रभावित करता है। 👉🏻 कोशिका झिल्ली की पारगम्यता बढ़ाता हैl
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Er Amit Singh

29/06/2024

Server -
A server is a computer or device that provides services, resources, or data to other computers or devices over a network. Servers can:

1. Host websites and web applications
2. Manage databases
3. Store and share files
4. Provide email services
5. Authenticate users
6. Stream media content
7. Handle requests and responses

Common types of servers include:

1. Web servers
2. Database servers
3. File servers
4. Mail servers
5. Game servers
6. Print servers
7. Virtual private servers (VPS)

Servers can be:

1. Physical (hardware)
2. Virtual (software-based)
3. Cloud-based (hosted online)

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Amit Singh

29/06/2024

Phone -
A phone, or mobile phone, is a handheld device that allows users to make phone calls, send texts, and access the internet. Phones can also be used for various other purposes, such as:

1. _Taking photos and videos_
2. _Listening to music and podcasts_
3. _Playing games_
4. _Accessing social media and apps_
5. _Checking email and browsing the web_
6. _Using GPS navigation_
7. _Tracking fitness and health metrics_

There are different types of phones, including:

1. _Smartphones_ (e.g., iPhones, Android phones)
2. _Feature phones_ (basic phones with limited features)
3. _Flip phones_ (phones with a flip design)
4. _Foldable phones_ (phones with a foldable display)

When choosing a phone, consider:

1. _Operating System_ (e.g., iOS, Android)
2. _Display size and resolution_
3. _Camera quality_
4. _Battery life_
5. _Storage capacity_
6. _Durability and design_
7. _Price and carrier options_

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Amit Singh

29/06/2024

Charger -
A charger is a device that replenishes the energy in a battery by passing an electric current through it. Chargers come in various types, including:

1. *Wall charger*: Plugs into a wall outlet to charge devices.
2. *USB charger*: Uses a USB connection to charge devices.
3. *Car charger*: Plugs into a car's 12V outlet to charge devices.
4. *Wireless charger*: Charges devices without physical connection.
5. *Fast charger*: Quickly charges devices, often using higher currents.
6. *Travel charger*: Compact, portable chargers for on-the-go use.
7. *Solar charger*: Uses solar panels to generate electricity and charge devices.

Chargers are designed for specific battery types, such as:

1. *Lithium-ion (Li-ion) chargers*
2. *Nickel-metal hydride (NiMH) chargers*
3. *Lead-acid chargers*

When selecting a charger, consider:

1. *Compatibility* with your device
2. *Output voltage* and *current*
3. *Input voltage* (for travel or international use)
4. *Safety features* (e.g., overcharge protection)
5. *Portability* and size

Let me know if you have any specific questions about chargers.
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Amit Singh

29/06/2024

Battery -
A battery is a device that stores electrical energy in the form of chemical energy. It consists of one or more cells that produce electricity through chemical reactions.

Common types of batteries include:

1. _Alkaline batteries_ (e.g., AAA, AA, D)
2. _Nickel-cadmium (NiCd) batteries_
3. _Nickel-metal hydride (NiMH) batteries_
4. _Lithium-ion (Li-ion) batteries_ (common in portable electronics)
5. _Lead-acid batteries_ (used in cars and trucks)

Battery characteristics:

1. _Capacity_ (measured in Ah or mAh)
2. _Voltage_ (measured in V)
3. _Energy density_ (measured in Wh/kg)
4. _Cycle life_ (number of charge/discharge cycles)
5. _Self-discharge_ (loss of charge over time)

Batteries power many devices, including:

1. Smartphones
2. Laptops
3. Cars
4. Flashlights
5. Toys
6. Hearing aids
7. Wearable devices

Let me know if you have any specific questions about batteries.
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Amit Singh

29/06/2024

Laptop -
A laptop is a portable personal computer designed for mobility and convenience. Laptops offer:

- Processing power
- Storage
- Display
- Keyboard and touchpad
- Battery life

Laptops are popular for:

- Remote work
- Education
- Gaming
- Travel
- Productivity

Types of laptops include:

- Ultrabooks
- Chromebooks
- Gaming laptops
- 2-in-1 convertibles
- Budget-friendly options

When choosing a laptop, consider:

- Processor (CPU)
- Memory (RAM) and storage
- Display size and resolution
- Operating System (OS)
- Battery life and ports.
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Amit Singh

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Deoria
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