14/07/2025
☘️🌵Acidity treatment by homoeopathic medicine
कुछ दवाओं मे
🤔 पल्सेटिला प्रेटेंसिस,
सल्फ्यूरिकम एसिडम,
अर्जेन्टम नाइट्रिकम,
नक्स वोमिका,
कैल्केरिया कार्बोनिका,
आईरिस वर्सिकलर,
कार्बो वेजिटेबिलिस,
रोमानिया स्यूडो एकेसिया,
एट्रोपिनम,
लाइकोपोडियम क्लेवेटम
और नैट्रम कार्बोनिकम
भी शामिल हैं।
👍उपरोक्त होम्योपैथिक दवाईयाँ एसिडिटी और इससे जुड़े कई लक्षण जैसे - सीने में जलन, पेट दर्द, सोने में परेशानी, मतली और उल्टी के लिए भी उपयोगी हैं। होम्योपैथिक दवाओं को इस स्तर तक पतला किया जाता है जहां वे अपने औषधीय गुणों को तो बरकरार रखती हैं लेकिन किसी भी तरह के दुष्प्रभाव का कारण नहीं बनती और सभी आयु वर्ग के व्यक्तियों में इसका इस्तेमाल करना सुरक्षित माना जाता है।
👍कई क्लिनिकल अध्ययनों में यह साबित हुआ है की होम्योपैथिक दवाईयाँ एसिडिटी और हाइपरसिटी के इलाज के लिए प्रभावशाली और सुरक्षित है। गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) एक ऐसी बीमारी है जो हाइपरएसिडिक स्थितियों को जन्म दे सकती है। अन्नप्रणाली में पेट के एसिड का प्रवाह मतली, उल्टी, अत्यधिक चिड़चिड़ापन और असामान्य रूप से तनाव जैसे लक्षण पैदा कर सकता है। क्लिनिकल अध्ययनों से पता चला है कि कुछ आहार और जीवन शैली संबंधी बदलाव के साथ होम्योपैथिक दवाईयाँ जीईआरडी के उपचार में मदद कर सकती हैं और इसके कारण होने वाली एसिडिटी को भी ठीक कर सकती है।