25/06/2025
काकी को भगा ले जाने वाले लड़के के पिता ने परिवार सहित खाया ज़हर। चारों की हुई मौत
मध्यप्रदेश के देवास जिले के अंतिम छोर उदयनगर के धोबघट्टा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक ही परिवार के चार लोगों ने कीटनाशक पी कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। गांव के ही राधेश्याम वा उनकी पत्नी रंगूबाई वा उनकी दोनों बालिकाएं रेखा और आशा ने ज़हर पीकर अपनी जान दे दी।
बताया जा रहा, राधेश्याम का बालक सोहन तीन बच्चों की मां अपनी ही काकी गायत्री को लेकर भाग गया था, जिसके बाद घरवालों ने उसका बहिष्कार कर दिया। सोहन के इस कदम से परिजनों में रोष व्याप्त था।
राधेश्याम के ही छोटे भाई कमल कन्नौजे ने बताया कि राधेश्याम पर कुछ लोगों द्वारा प्रेशर बनाया जा रहा था। जिसकी वजह से परिवार ने ये क़दम उठाया है।परिवार बहुत अच्छा था, सभी खेती-बाड़ी करते थे, दोनों लड़कियां भी खेती में ही परिवार का साथ देती थी। मृतक परिवार के पास दो बीघा जमीन गांव में ही है।
बता दे जहरीला पदार्थ पूरे परिवार ने खेत पर ही खाया था, जिसकी सूचना सूचना मिलने पर उनके परिजन सीधे उन्हें निजी अस्पताल इंडेक्स ले गए।जहां एक एक करके चारों की ही मौत हो गई।
गौरतलब है कि, ग्राम उदयनगर के धोबघट्टा गांव के एक परिवार ने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जान दे दी थी। राधेश्याम कन्नौजे का सोमवार को अंतिम संस्कार किया गया था। वहीं अगले दिन मंगलवार को जब ग्रामीणों ने माँ बेटियों की एक साथ चिता देखी तो सबके दिल पसीज गए और आंख भर आयी।
उदयनगर के इस छोटे से गांव में करीबन 800 लोग निवास करते है।अंतिम क्रियाक्रम में पूरा गांव उमड़ पड़ा। क्षेत्रीय विधायक मुरली भंवरा ने भी अंतिम यात्रा में पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। और परिजनों को सांतवा दी। परिजनों ने भड़काने वाले लोगों पर कड़ी कारवाई की मांग की है।
बता दे कि, सभी का अंतिम संस्कार लोहार नदी के किनारे किया गया है। जिसमें परिजनों के साथ समाज ने भी हिस्सा लिया।
मीडिया से बात करते हुए बागली विधायक मुरली भंवरा ने कहा कि, 4 लोगों की चिंताएं जली है, पहली बार ऐसी बड़ी घटना गांव में हुई है। जो की चिंता का विषय है। प्रशासन इसमें अपने स्तर पर जांच कर रहा है। जो भी दोषी उसमें कारवाई होगी।
सरपंच जितेंद्र सोलंकी ने कहा है कि, मैं पूरे समय परिवार के साथ रहा हूँ। पहले दिन जब घटना हुई, राधेश्याम को हम यहां से इंडेक्स अस्पताल लेकर गए जहां पर उसकी मृत्यु हो गई। उसके अगले दिन उनकी रंगुबाई पत्नी व बेटी रेखा की मृत्यु हो गई थी, वहीं आज चौथी बची हुई आशा की भी मृत्यु हो गई है। राधेश्याम अपनी बातें मुझे बताता था लेकिन इस तरह की बात उसने मुझे भी नहीं बताई। ओर इतना बड़ा कदम उठाया, इसका दुख है। इसमें जो दोषी है, प्रशासन को जांच करना चाहिए। सामाजिक स्तर पर या फिर किसी भी प्रकार से हो उसपर कार्रवाई होना चाहिए।