15/07/2025
लोयाबाद बांसजोड़ा 12 नंबर में एक बार फिर भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है।सोमवार शाम को संतोष भुईयां के आंगन में बने गोफ से गैस का भारी रिसाव शुरू हो गया,जिसकी लपटें दूर से ही दिखाई देने लगीं।अचानक हुए इस रिसाव से इलाके में हड़कंप मच गया है और ग्रामीण दहशत में जीने को मजबूर हैं।गैस का रिसाव उसी गोफ से हो रहा है जो 28 जून को संतोष भुईयां के आंगन में बना था। बीसीसीएल प्रबंधन द्वारा इसे भरने की कोशिश की गई थी,लेकिन स्थानीय लोगों ने केवल खानापूर्ति का आरोप लगाते हुए विरोध किया। तब से यह गोफ जस का तस बना हुआ है,और अब वह गंभीर खतरे में बदल गया है।
रोजाना जहरीली हवा में सांस ले रहे लोग,,,
संतोष भुईयां के अलावा महेन्द्र भुईयां,झगरू भुईयां,सुनील कुमार, चंदन कुमार,नरेश चौहान,कौशल्या देवी,देवनाथ राम,राधेश्याम भुईयां शम्भूनाथ भुईयां,बैजनाथ कुमार राम समेत कई परिवार गोफ से महज दस मीटर की दूरी पर रह रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे पिछले चार वर्षों से गैस रिसाव और जलती आग की समस्या झेल रहे हैं। जहरीली गैस से कई लोग सांस, दमा और खांसी जैसी बीमारियों के शिकार हो चुके हैं।ग्रामीणों का आरोप है कि बीसीसीएल प्रबंधन केवल औपचारिकता निभा रहा है और पुनर्वास की बातें केवल कागजों तक सीमित हैं।ग्रामीणों का कहना है,ऐसे हालातों में हमारे परिवार और बच्चों की जान लेना तय है।
विद्यालय को किया गया शिफ्ट,,
गैस और आग के लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए बांसजोड़ा प्राथमिक विद्यालय को पांच दिन पहले सेन्द्रा 10 नंबर में स्थानांतरित कर दिया गया है।लगभग 30 बच्चों की पढ़ाई अब दूसरे स्थान पर हो रही है। स्कूल पर खतरा मंडरा रहा था,जिससे बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए यह कदम उठाया गया।
प्रबंधन ने माना चूक,,,
बांसजोड़ा प्रबंधन ने माना है कि गोफ को भरने नहीं देना एक गंभीर चूक थी।अधिकारियों का कहना है कि गोफ खुला रहने से उसमें ऑक्सीजन पहुंच रही है,जिससे आग और अधिक भड़क रही है। यदि समय रहते गोफ की भराई कर दी गई होती तो स्थिति इतनी भयावह नहीं होती। ग्रामीणों की मांग थी कि गोफ को मिट्टी नहीं बल्कि बालू से भरा जाए,ताकि आग पर नियंत्रण पाया जा सके।
कोयला मंत्रालय तक जा चुकी है बात, समाधान अधर में,,,
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कोयला मंत्रालय तक के अधिकारी यहां का दौरा कर चुके हैं,लेकिन समाधान अब तक अधर में लटका है।क्षेत्र के लोगों की मांग है कि उन्हें अविलंब सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित किया जाए और इलाके में स्थायी समाधान सुनिश्चित किया जाए। बताया जा रहा कि यह कोई सामान्य हादसा नहीं,यह एक धीमी मौत का इलाका बनता जा रहा है। अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाया गया तो यह त्रासदी बड़ी जनहानि में बदल सकती है।