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INC Him Media Inc him media जिसमें inc का मतलब है Indian Native Culture जिसक?

10/09/2025

गद्दी लोकगीतों का संरक्षण और पुनर्जीवन

हिमाचल प्रदेश अपनी विविध लोक संस्कृतियों के लिए प्रसिद्ध है, किंतु गद्दी संस्कृति अपनी प्राचीनता और मौलिकता के कारण विशेष पहचान रखती है। गद्दी लोकगीत सदियों से समाज की भावनाओं, रीति-रिवाजों, जीवनशैली और आस्था को अभिव्यक्त करते आए हैं। इन गीतों में पर्व-त्योहार, शादी-ब्याह, चरवाहों का जीवन और प्रकृति के साथ जुड़ाव की झलक मिलती है। यही कारण है कि गद्दी संस्कृति को लोकधारा की आत्मा माना जाता है।

हालांकि, आधुनिकता और बदलती जीवनशैली के कारण गद्दी लोकगीत धीरे-धीरे भुलाए जा रहे हैं। यह चिंता का विषय है क्योंकि किसी भी समाज की असली पहचान उसकी संस्कृति और परंपराओं में बसती है। गद्दी भाषा और लोकगीतों का संरक्षण करना हम सभी की जिम्मेदारी है ताकि आने वाली पीढ़ियां अपनी जड़ों से जुड़ी रह सकें।

सौभाग्य से, हमारे लोकगायक इन धरोहरों को जीवित रखने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। इशांत भारद्वाज जी,सुनील राणा जी, बहादुर भारद्वाज जी, कमल नेहरिया जी, दीपक भारद्वाज जी, पवन ठाकुर जी, जेरी भरमोरी जी, विनोद गौतम जी और स्वाति भारद्वाज जी जैसे कलाकार गद्दी लोकगीतों को अपनी आवाज़ और समर्पण से पुनर्जीवित कर रहे हैं। इनके प्रयासों से न केवल यह लोकधरोहर संरक्षित हो रही है, बल्कि युवा पीढ़ी भी अपनी सांस्कृतिक जड़ों से प्रेरणा ले रही है।

गद्दी संस्कृति की ताकत उसकी सादगी और लोकधुनों में छिपी आत्मीयता है। यदि हम सभी मिलकर इसे संजोएं, तो यह अमूल्य धरोहर आने वाले समय में और अधिक सशक्त होकर जीवित रहेगी।

09/09/2025

र्इंसानियत की मिसाल बने मुसलमान, गायब दिखे बड़े हिन्दू संगठन:

पंजाब में आई भीषण बाढ़ ने हज़ारों लोगों को बेघर और बेसहारा कर दिया है। आपदा की इस घड़ी में जहां हर किसी की नज़र तथाकथित बड़े हिन्दू संगठनों, बाबाओं और मंदिरों की ओर थी, वहीं वास्तविक मदद की तस्वीर बिल्कुल अलग दिखी। जिन मुसलमानों को टीवी स्टूडियो में बैठकर एंकर लगातार विलेन की छवि में गढ़ते रहे, वही मुसलमान अपने घरों से अनाज निकालकर, अपने गहने बेचकर और पैसे इकठ्ठे कर बाढ़ पीड़ितों के लिए सबसे आगे नज़र आए। वे बिना किसी धार्मिक भेदभाव के पीड़ितों तक राहत सामग्री और मदद पहुंचा रहे हैं।

इसके विपरीत, जिन संघ परिवार और भाजपा समर्थित एंकरों ने हमेशा इन संगठनों की ‘सेवा भावना’ के किस्से सुनाए, वे संगठन इस संकट में नदारद हैं। बड़े-बड़े मंदिरों के दरवाजे पीड़ितों के लिए बंद कर दिए गए हैं। वे बाबा, जो हर मंच से इंसानियत और धर्म का पाठ पढ़ाते हैं, मदद की इस घड़ी में कहीं दिखाई नहीं दिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पंजाब दौरा हुआ, लेकिन जमीनी स्तर पर राहत का बड़ा काम आम लोग ही कर रहे हैं। इस त्रासदी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि इंसानियत किसी धर्म की मोहताज नहीं। जहां बड़े संगठन और तथाकथित धार्मिक नेता पीछे हट गए, वहीं आम मुसलमानों ने अपने कर्मों से यह दिखा दिया कि असली धर्म ज़रूरतमंद की सेवा और पीड़ित की मदद करना है।

08/09/2025

हिमाचल में पंचायत चुनाव: मतदाता सूची अपडेट करने को विशेष ग्राम सभाएं :

Inc him मीडिया विशेष रिपोर्ट:

हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव समय पर करवाने के लिए चुनाव आयोग ने तैयारियां तेज कर दी हैं। इसके तहत प्रदेश की हर पंचायत में 20 से 26 सितम्बर तक विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाएगा। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूचियों को अपडेट करना है, ताकि कोई भी पात्र मतदाता मतदान के अधिकार से वंचित न रह सके। इस दौरान लोग अपनी प्रविष्टियां देख सकेंगे और जिनका नाम सूची में दर्ज नहीं है, वे अपना नाम जुड़वा पाएंगे। साथ ही जिन लोगों की मृत्यु हो चुकी है, उनके नाम सूची से हटाने की प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी। यदि इन तिथियों में प्रदेश में भारी बारिश या अन्य कारणों से बैठकें संभव नहीं होतीं, तो यह कार्यक्रम 26 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा। चुनाव आयोग का मानना है कि पारदर्शी और सही मतदाता सूची पंचायत चुनावों की निष्पक्षता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मजबूती के लिए बेहद जरूरी है।

05/09/2025

आपदा की घड़ी में श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त बस सेवा शुरू:

मणीमहेश यात्रा से लौट रहे श्रद्धालुओं के लिए हिमाचल सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने घोषणा की है कि हिमाचल पथ परिवहन निगम (एच.आर.टी.सी.) किसी भी यात्री से किराया नहीं लेगा और उन्हें पूरी तरह निशुल्क सेवा प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि अब तक निगम की 153 बसों के जरिये लगभग 6,647 श्रद्धालुओं को सुरक्षित रूप से पठानकोट और काँगड़ा पहुंचाया जा चुका है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा की घड़ी में श्रद्धालुओं को सुरक्षित घर पहुंचाना सरकार और परिवहन निगम की जिम्मेदारी है। इस निर्णय से हजारों यात्रियों को राहत मिली है, जो प्राकृतिक आपदा के कारण फंसे हुए थे। सरकार का यह कदम न केवल संवेदनशीलता दर्शाता है बल्कि प्रशासन की सक्रियता का भी प्रतीक है। श्रद्धालुओं और उनके परिजनों ने सरकार का आभार व्यक्त किया है, क्योंकि समय पर की गई यह पहल उनके लिए बड़ी सहूलियत साबित हुई है।

आपदा की घड़ी में श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त बस सेवा शुरू         मणीमहेश यात्रा से लौट रहे श्रद्धालुओं के लिए हिमाचल सरकार...
05/09/2025

आपदा की घड़ी में श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त बस सेवा शुरू

मणीमहेश यात्रा से लौट रहे श्रद्धालुओं के लिए हिमाचल सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने घोषणा की है कि हिमाचल पथ परिवहन निगम (एच.आर.टी.सी.) किसी भी यात्री से किराया नहीं लेगा और उन्हें पूरी तरह निशुल्क सेवा प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि अब तक निगम की 153 बसों के जरिये लगभग 6,647 श्रद्धालुओं को सुरक्षित रूप से पठानकोट और काँगड़ा पहुंचाया जा चुका है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा की घड़ी में श्रद्धालुओं को सुरक्षित घर पहुंचाना सरकार और परिवहन निगम की जिम्मेदारी है। इस निर्णय से हजारों यात्रियों को राहत मिली है, जो प्राकृतिक आपदा के कारण फंसे हुए थे। सरकार का यह कदम न केवल संवेदनशीलता दर्शाता है बल्कि प्रशासन की सक्रियता का भी प्रतीक है। श्रद्धालुओं और उनके परिजनों ने सरकार का आभार व्यक्त किया है, क्योंकि समय पर की गई यह पहल उनके लिए बड़ी सहूलियत साबित हुई है।

03/09/2025

आपदा और आर्थिक संकट से घिरा हिमाचल, केंद्र की मदद जरूरी:

लेख कांशी बोनथल:-

हिमाचल प्रदेश इस समय आर्थिक और प्राकृतिक दोनों संकटों से जूझ रहा है। प्रदेश पहले से ही खस्ताहाल वित्तीय स्थिति से गुजर रहा था, वहीं हाल ही में आई प्राकृतिक आपदाओं ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। चंबा जिला के भरमौर क्षेत्र में आई त्रासदी इसके अलावा काँगड़ा, मंडी सहित अन्य जिलों में भी भारी नुकसान दर्ज किया गया है। कहीं मकान बह गए, कहीं सड़कें ध्वस्त हो गईं, तो कहीं बागवानों और किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया।

विशेषज्ञों का मानना है कि इन आपदाओं के पीछे प्राकृतिक कारणों के साथ-साथ अव्यवस्थित विकास कार्य भी जिम्मेदार हैं। फोर-लेन निर्माण जैसी परियोजनाओं में लापरवाही और बिना पर्यावरणीय संतुलन का ध्यान रखे लिए गए निर्णयों ने पहाड़ की नाजुकता को और बढ़ा दिया है।

हिमाचल ने केंद्र को चारों लोकसभा सीटें दी हैं। ऐसे में यह प्रदेश का हक बनता है कि केंद्र सरकार इस मुश्किल घड़ी में मदद के लिए आगे आए। यह सही है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार है, लेकिन आपदा और संकट दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देखे जाने चाहिए।

केंद्र सरकार को चाहिए कि विशेष राहत पैकेज, ढांचागत पुनर्निर्माण और स्थायी समाधान की दिशा में तुरंत कदम उठाए। हिमाचल की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विशेष योजनाएं बनाना ही यहां के नागरिकों को राहत दे सकता है। अब समय आ गया है कि केंद्र और राज्य मिलकर हिमाचल को इस संकट से उबारें।

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Dharamsala

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