25/09/2025
नवरात्रि के चौथे दिन की कथा और सुविचार
आज नवरात्रि का चौथा दिन है, लेकिन पंचांग के अनुसार तिथि तृतीया ही है। जब कोई तिथि दो दिनों तक रहती है, तो दोनों दिन उसी तिथि से संबंधित देवी की पूजा की जाती है।
इसीलिए, आज भी माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस विशेष दिन के लिए माता चंद्रघंटा की कथा और उनसे जुड़े सुविचार इस प्रकार हैं।
माँ चंद्रघंटा की कथा:
माँ दुर्गा का तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा हैं। उनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण वे चंद्रघंटा कहलाती हैं। वह शांत, सौम्य और कल्याणकारी स्वरूप वाली हैं। जब राक्षसों का आतंक बहुत बढ़ गया था, तब उन्होंने अपने घंटे की तेज ध्वनि से उनका संहार किया और देवताओं को उनके भय से मुक्ति दिलाई।