कविता रमेश कहानियों का सफर

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25/09/2025

नवरात्रि के चौथे दिन की कथा और सुविचार
​आज नवरात्रि का चौथा दिन है, लेकिन पंचांग के अनुसार तिथि तृतीया ही है। जब कोई तिथि दो दिनों तक रहती है, तो दोनों दिन उसी तिथि से संबंधित देवी की पूजा की जाती है।
​इसीलिए, आज भी माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस विशेष दिन के लिए माता चंद्रघंटा की कथा और उनसे जुड़े सुविचार इस प्रकार हैं।
​माँ चंद्रघंटा की कथा:
​माँ दुर्गा का तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा हैं। उनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण वे चंद्रघंटा कहलाती हैं। वह शांत, सौम्य और कल्याणकारी स्वरूप वाली हैं। जब राक्षसों का आतंक बहुत बढ़ गया था, तब उन्होंने अपने घंटे की तेज ध्वनि से उनका संहार किया और देवताओं को उनके भय से मुक्ति दिलाई।

24/09/2025

आज नवरात्रि का तीसरा दिन है और आज के दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस दिन का विशेष महत्व होता है। मां चंद्रघंटा की एक कथा इस प्रकार है:
​पौराणिक कथा के अनुसार, जब राक्षसों का आतंक बहुत बढ़ गया था, तब महिषासुर नामक एक राक्षस ने स्वर्ग पर आक्रमण कर दिया था। उसने इंद्र देव को परास्त कर स्वर्ग पर अपना अधिकार जमा लिया और देवताओं को उनके स्थान से हटा दिया। इस संकट से परेशान होकर सभी देवता ब्रह्मा, विष्णु और महेश के पास गए।
​देवताओं की दयनीय दशा देखकर ब्रह्मा, विष्णु और महेश को बहुत क्रोध आया। उनके क्रोध से एक तेज उत्पन्न हुआ, जो सभी दिशाओं में फैल गया। इसी तेज से एक देवी का जन्म हुआ, जिनका नाम चंद्रघंटा रखा गया। उनके मस्तक पर अर्धचंद्र की आकृति थी, इसीलिए उन्हें चंद्रघंटा कहा गया।
​मां चंद्रघंटा के दस हाथ थे, जिनमें वे विभिन्न अस्त्र-शस्त्र धारण किए हुए थीं। उनका वाहन सिंह था। मां चंद्रघंटा ने महिषासुर से भयंकर युद्ध किया। उन्होंने अपनी गर्जना और अस्त्र-शस्त्रों से महिषासुर और उसकी सेना को भयभीत कर दिया। अंत में, मां चंद्रघंटा ने महिषासुर का वध कर देवताओं को उनके अधिकार वापस दिलाए।
​इस प्रकार, मां चंद्रघंटा को साहस, शक्ति और वीरता का प्रतीक माना जाता है। उनकी पूजा करने से भक्तों के सभी भय दूर होते हैं और उन्हें शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

23/09/2025

माँ दुर्गा आरती जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी।। ॐ जय अम्बे..... मांग सिंद...

23/09/2025

इस नवरात्रि पर किस-किस गांव में गरबा लग रहा है मेरे गांव में तो पाबूजी राठौड़ मंदिर पर शानदार गरबा लग रहा है कमेंट में जय माताजी जरूर लिखें और गरबे के बारे में भी जरूर लिखें जय मां नव दुर्गा

23/09/2025

माँ दुर्गा आरती



जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी।।

ॐ जय अम्बे.....

मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को।

उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।।

ॐ जय अम्बे.....

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।

रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।।

ॐ जय अम्बे.....

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।

सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।।

ॐ जय अम्बे.....

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।

कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति।।

ॐ जय अम्बे.....

शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती।

धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।।

ॐ जय अम्बे.....

चण्ड-मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे।

मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।

ॐ जय अम्बे.....

ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।

आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।।

ॐ जय अम्बे.....

चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू।

बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।।

ॐ जय अम्बे.....

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।

भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।।

ॐ जय अम्बे.....

भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी।

मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।।

ॐ जय अम्बे.....

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।

श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।।

ॐ जय अम्बे.....

अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै।

कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै।।

ॐ जय अम्बे.....

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