Dhorimanna Tagline Network

Dhorimanna Tagline Network धोरों की आवाज़...सबसे पहले सबसे तेज़

मजबूरिया सब कुछ करवा देती हैं, गरीबी में करना पड़ता हैं।लेकिन संघर्षों ने सफलता दे दी, इसका कोई मुकाबला नहीं... डॉ श्रवण...
15/06/2025

मजबूरिया सब कुछ करवा देती हैं, गरीबी में करना पड़ता हैं।
लेकिन संघर्षों ने सफलता दे दी, इसका कोई मुकाबला नहीं... डॉ श्रवण

आज के बहुत से बच्चों ने मजबूरीया, गरीबी नहीं देखी हैं,
उन्हें ऐसी हालातों का ज्ञान और अनुभव व सीख लेनी चाहिए।
की हमारे की परिवार में क्या हालत है, ओर हम क्या कर रहे हैं।

जैसलमेर के लाठी थाना क्षेत्र में हिरण शिकार की सूचना सुनकर मौके पर जा रहे धोलिया निवासी वन्य जीव प्रेमी श्री राधेश्याम प...
24/05/2025

जैसलमेर के लाठी थाना क्षेत्र में हिरण शिकार की सूचना सुनकर मौके पर जा रहे धोलिया निवासी वन्य जीव प्रेमी श्री राधेश्याम पेमाणी (बिश्नोई), श्याम बिश्नोई (फौजी),वन विभाग कार्मिक सुरेन्द्र चौधरी एवं कंवराज सिंह भाटी के सड़क दुघर्टना में निधन होने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है भगवान दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिवारजनों को वज्रपात सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
इतनी कम उम्र में चले जाना बहुत ही दुखद है

10/05/2025

ll आवश्यक सूचना ll
पाकिस्तान द्वारा सीज फायर के उल्लंघन के बाद उत्पन्न हुई स्थिति के मध्यनजर बाड़मेर में तत्काल प्रभाव से ब्लैक आउट किया हैं। कोई भी व्यक्ति घरों से बाहर नहीं निकले, लाइट बंद रखे, कोई भी वीडियो नहीं बनाएं, ना ही वीडियो बनाने के चक्कर में घर से बाहर निकले और ना ही शेयर करें ।
उक्त निर्देशों की पालना नहीं करने वालों के खिलाफ पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

* #जिला पुलिस अधीक्षक बाड़मेर* #

25/04/2025

*जहां वो ना बच पाए वहां_हम किसी और को बचा ले - यही सबसे बड़ा बदला होगा*

जम्मू कश्मीर के पहलगाम नर संहार में जान गंवाने वाले नागरिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए धोरीमन्ना टैगलाइन नेटवर्क की ओर से रक्तकोष फाउंडेशन के तत्वाधान में कृष्णा हॉस्पिटल धोरीमना में 26 अप्रैल शनिवार को रक्तदान श्रद्वांजली शिविर रखा गया है
गणमान्य नागरिको एवं सभी साथियों से अनुरोध है कि अधिक से अधिक संख्या में पधार कर रक्तदान के द्वारा पहलगाम नर संहार में जान गंवाने वाले 26 नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करें

निवेदक
प्रकाशचंद विश्नोई
संयोजक धोरीमन्ना टैगलाइन नेटवर्क
9967207809

श्रीराम ढाका
संभाग अध्यक्ष रक्तकोष फाउंडेशन जोधपुर
9829643629

डॉ खेमराज कड़वासरा
निदेशक कृष्णा हॉस्पिटल धोरीमना
9462306080

19/02/2025

धोरीमन्ना गुड़ामालानी में कोई शक...❓

विकास लेकर

16/02/2025

बाड़मेर बंद...

13/02/2025

*"पुलिस प्रशासन राजस्थान"*

*"अभिभावक बच्चों को स्कूल में शिक्षक द्वारा डांटने पीटने पर बुरा ना माने , ये बात समझे कि बच्चे की स्कूल में पिटाई अंत में पुलिस की पिटाई ठुकाई से अच्छी है"*।

अनुशासन के लिए प्रसिद्ध स्कूलों में विद्यार्थियों के हेयर स्टाइल और उनकी चाल-ढाल को लेकर चाहे कितनी भी सख़्ती की जाए, उनके व्यवहार में कोई सुधार दिखाई नहीं दे रहा है। शिक्षक निराश होकर केवल देखते रह जाते हैं, लेकिन कुछ नहीं कर पाते।

यदि माता-पिता का बच्चों पर ध्यान और नियंत्रण कम हो जाए, तो वे इस प्रकार के व्यक्तियों में तब्दील हो जाते हैं।

अनुशासन केवल बातों से नहीं आता; थोड़ा डर और सजा भी जरूरी है।

बच्चों को स्कूल में डर नहीं है,
घर लौटने पर भी डर नहीं है,
इसीलिए समाज आज भयभीत हो रहा है।
वही बच्चे आज गुंडे बनकर लोगों पर हमला कर रहे हैं।
उनके व्यवहार से कई लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।
उसके बाद वे पुलिस के हाथ लगते हैं और अदालत में सजा पाते हैं।

*“गुरु का सम्मान न करने वाला समाज नष्ट हो जाता है।”*
*"यह सत्य है"*

गुरु का न भय है, न सम्मान। ऐसे में पढ़ाई और संस्कार कैसे आएंगे?

“मत मारो! मत डांटो! जो खुद नहीं पढ़ना चाहता उससे क्यों सवाल करो? यदि पढ़ने पर जोर दिया गया या काम कराया गया तो गलती शिक्षकों की होगी!”

पांचवीं कक्षा से ही अजीब हेयर स्टाइल, कटे हुए जींस, दीवारों पर बैठना और आते-जाते लोगों का मजाक उड़ाने की आदत बन जाती है।
यदि कोई कहे, “अरे सर आ रहे हैं!” तो जवाब होता है, “आने दो!”

कुछ माता-पिता तो यहां तक कहते हैं, “हमारा बच्चा न भी पढ़े तो कोई बात नहीं, लेकिन शिक्षक उसे मारें नहीं।”

जब उनसे पूछा जाता है कि “आपके बाल किसने काटे?” तो जवाब आता है, “हमारे पापा ने करवाया ऐसे, सर।”

बच्चों के पास पढ़ाई का सामान नहीं होता। पेन हो तो किताब नहीं, किताब हो तो पेन नहीं।
बिना डर के शिक्षा कैसे संभव है?
बिना अनुशासन के शिक्षा का कोई परिणाम नहीं।

“डर न रखने वाली मुर्गी मार्केट में अंडे नहीं देती।”
आज के बच्चों का व्यवहार भी ऐसा ही हो गया है।

स्कूल में गलती करने पर सजा नहीं दी जा सकती, डांटा नहीं जा सकता, यहां तक कि गंभीरता से समझाया भी नहीं जा सकता।
आज के माता-पिता चाहते हैं कि सबकुछ दोस्ताना माहौल में कहा जाए।
क्या यह संभव है?

क्या समाज भी ऐसा करता है?
पहली गलती करने पर क्षमा करता है?

अब शिक्षकों के अधिकार नहीं बचे हैं।
*यदि शिक्षक सीधे बच्चे को सुधारने की कोशिश करें, तो वह अपराध बन जाता है।*
*लेकिन वही बच्चा बड़ा होकर गलती करे तो उसे मृत्युदंड तक दिया जा सकता है।*

माता-पिता से एक विनती:
बच्चों के व्यवहार को सुधारने में शिक्षक मुख्य भूमिका निभाते हैं।
कुछ शिक्षकों की गलती के कारण सभी शिक्षकों का अपमान न करें।

95% शिक्षक केवल बच्चों के अच्छे भविष्य की कामना करते हैं।
यह सच है।

इसलिए आगे से हर छोटी गलती के लिए शिक्षकों पर आरोप न लगाएं।

हम जब पढ़ते थे, तब कुछ शिक्षक हमें मारते थे।
लेकिन हमारे माता-पिता स्कूल आकर शिक्षकों से सवाल नहीं करते थे।
वे हमारे कल्याण पर ही ध्यान देते थे।

पहले माता-पिता बच्चों को गुरु के महत्व को समझाने की जिम्मेदारी उठाएं।

बच्चों के भविष्य के बारे में एक बार सोचें।

बच्चों की बर्बादी के 60% कारण हैं – दोस्त, मोबाइल और मीडिया।
लेकिन बाकी 40% कारण माता-पिता ही हैं!

अत्यधिक प्रेम, अज्ञानता और अंधविश्वास बच्चों को नुकसान पहुंचाते हैं।

आज के 70% बच्चे –

👉 माता-पिता यदि कार या बाइक साफ करने को कहें तो नहीं करते। ओर बिना प्रयोजन की चीजें वो भी महंगी खरीदने की जिद करते हैं,
👉 बाजार से सामान लाने के लिए तैयार नहीं होते। अब तो ऑनलाइन ही मंगा लेते हैं। खरीददारी का तजुर्बा भी नहीं है।
👉 स्कूल का पेन या बैग सही जगह नहीं रखते।
👉 घर के कामों में मदद नहीं करते। और टीवी में कुछ से कुछ देखते रहते हैं।
👉 रात 10 बजे तक सोने की आदत नहीं और सुबह 6-7 बजे जागते नहीं।
👉 गंभीर बात कहने पर पलटकर जवाब देते हैं।
👉 डांटने पर चीजें फेंक देते हैं।
👉 पैसे मिलने पर दोस्तों के लिए खाना, आइसक्रीम और गिफ्ट्स पर खर्च कर देते हैं।
👉 नाबालिग लड़के बाइक चलाते हैं, दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं और केस में फंस जाते हैं।
👉 लड़कियां दैनिक कार्यों में मदद नहीं करतीं।
👉 मेहमानों के लिए पानी का गिलास तक देने का मन नहीं होता।
👉 20 साल की उम्र में भी कुछ लड़कियों को खाना बनाना नहीं आता।
👉 सही ढंग से कपड़े पहनना भी एक चुनौती बन गया है।
👉 फैशन, ट्रेंड और तकनीक के पीछे भाग रहे हैं।

इस सबका कारण हम ही हैं।
हमारा गर्व, प्रतिष्ठा और प्रभाव बच्चों को जीवन के पाठ नहीं सिखा पा रहे हैं।

“कष्ट का अनुभव न करने वाला व्यक्ति जीवन के मूल्य को नहीं समझ सकता।”

आज के युवा 15 साल की उम्र में प्रेम कहानियों, धूम्रपान, शराब, जुआ, ड्रग्स और अपराध में लिप्त हो रहे हैं।
दूसरे आलसी बनकर जीवन का कोई लक्ष्य नहीं रखते।

बच्चों का जीवन सुरक्षित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।
यदि हम सतर्क नहीं हुए तो आने वाली पीढ़ी बर्बाद हो जाएगी।

बच्चों के भविष्य और उनके अच्छे जीवन के लिए हमें बदलना होगा।

🙏 इस संदेश को पढ़ने वाले सभी लोग इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ साझा करें।

“मुझे नहीं लगता कि हर कोई बदलेगा…
लेकिन मुझे भरोसा है कि कम से कम एक व्यक्ति तो बदलेगा।”

*शिक्षक रहम कर सकते हैं पुलिस नहीं*

*"पुलिस कि ठुकाई पिटाई और बाद में कोर्ट कचहरी तक पैसे खर्च होते हैं, शिक्षक की डाट डपट पर कोई खर्चा नहीं होता "*
*"पुलिस प्रशासन राजस्थान "*🙏

कल पूरे दिन चर्चा में रहे आज इस दुनिया में नहीं रहेवीरधारम सियोल बाड़मेर के अब इस दुनिया में नहीं रहे आगरा लखनऊ एक्सप्रे...
11/02/2025

कल पूरे दिन चर्चा में रहे

आज इस दुनिया में नहीं रहे

वीरधारम सियोल बाड़मेर के अब इस दुनिया में नहीं रहे आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे पर हादसे से मैं दुखद मौत...

डॉक्टर-एसडीएम विवाद का गतिरोध हुआ समाप्त एसडीएम बद्रीनारायण विश्नोई और डॉक्टर रामस्वरूप रावत ने कहा हम मिलकर करेंगे काम ...
10/02/2025

डॉक्टर-एसडीएम विवाद का गतिरोध हुआ समाप्त
एसडीएम बद्रीनारायण विश्नोई और डॉक्टर रामस्वरूप रावत ने कहा हम मिलकर करेंगे काम
चिकित्सक संगठनों ने कार्यबहिष्कार को वापस लेने और पूर्व की तरह यथावत काम करने की बात कही
बाड़मेर, 10 फरवरी। जिला कलक्टर टीना डाबी के कक्ष में अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेन्द्र सिंह चांदावत की उपस्थिति में आयोजित हुई वार्ता बैठक में जिले में लंबे समय से चल रहे सेड़वा एसडीएम बद्रीनारायण विश्नोई और डॉक्टर रामस्वरूप रावत प्रकरण में उत्पन्न गतिरोध समाप्त हो गया। इस वार्ता बैठक में जिला कलक्टर द्वारा दोनों पक्षों की समझाइश की गई, जिसके बाद चिकित्सक संगठनों द्वारा प्रकरण को समाप्त करते हुए मंगलवार को घोषित कार्यबहिष्कार को वापस लेने की घोषणा की।
इस वार्ता में उपस्थित अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ बाड़मेर के जिलाध्यक्ष डॉ. जोगेश चौधरी ने बताया कि जिला कलक्टर टीना डाबी और अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेन्द्र सिंह चांदावत की मध्यस्थता के बाद हमारी सभी मांगों पर सहमति बन गई है। इस प्रकरण के सम्बंध में संगठन की ओर से कोई अग्रिम कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। इसके साथ ही बाड़मेर-बालोतरा जिले के चिकित्सकों द्वारा मंगलवार को ओपीडी का बहिष्कार करने के आह्वान को वापस ले लिया गया है। सभी चिकित्सक वार्ता से संतुष्ट हैं और पूर्व की तरह यथावत कार्य करते रहेंगे।

08/02/2025

दिल्ली को खांसी से छुटकारा

सवालों के जवाब.. ❓🛑
30/01/2025

सवालों के जवाब.. ❓🛑

Address

Dhorimana Tagline Network
Dhorimanna
344704

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Dhorimanna Tagline Network posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Dhorimanna Tagline Network:

Share