Megaram Jani Barmer

Megaram Jani Barmer मेरी नजरों में इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता🌹🙏 Page ko like and share Karo please support following me

ढोल-नगाड़ों की गूंज और फूलों की बरसात के बीच जब किसी अफसर को विदाई दी जाए, तो समझ लेना चाहिए कि उसने अपने काम से लोगों क...
25/09/2025

ढोल-नगाड़ों की गूंज और फूलों की बरसात के बीच जब किसी अफसर को विदाई दी जाए, तो समझ लेना चाहिए कि उसने अपने काम से लोगों के दिल जीत लिए हैं। संभल में ASP अनुज चौधरी को विदाई का यही नज़ारा देखने को मिला। साथी अफसरों ने उन्हें फूलमालाओं से लाद दिया, भगवान की प्रतिमा भेंट की और सम्मान के साथ विदा किया।

अनुज चौधरी की यह विदाई सिर्फ एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि उन पलों का उत्सव थी जो उन्होंने अपनी ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और जज़्बे से पुलिस महकमे को दिए। ड्रमबीट्स की थाप और मुस्कुराते चेहरों के बीच विदाई का यह दृश्य बता रहा था कि अच्छे अफसर सिर्फ आदेश नहीं देते, बल्कि अपने कर्मों से अमिट छाप छोड़ जाते हैं।

बीजेपी हो या कांग्रेस, एंट्री भी गहलोत ही तय करेंगे और एग्जिट भी! राजकुमार की फिल्म है- सौदागर. इस मूवी का फेमस डायलॉग य...
25/09/2025

बीजेपी हो या कांग्रेस, एंट्री भी गहलोत ही तय करेंगे और एग्जिट भी!

राजकुमार की फिल्म है- सौदागर. इस मूवी का फेमस डायलॉग याद आता है- "जानी, हम तुम्हें मारेंगे, जरूर मारेंगे. पर बंदूक भी हमारी होगी और गोली भी हमारी होगी और वह वक्त भी हमारा होगा."

चलिए, इस डायलॉग को थोड़ा बदल देते हैं-
"जानी, हम तुम्हें मात देंगे, जरूर देंगे. व्यक्ति भी हमारा होगा और तरीका भी. और वह वक्त भी हमारा होगा."

यही राजस्थान में अशोक गहलोत की राजनीति का स्टाइल है.

उनकी राजनीति देखे तो उनके साथ खिलाफ गुटबाजी करने वाले नेता भी कभी उनके साथ खड़े दिखे और उनके साथ खड़े रहने वाले नेता उनके खिलाफ. चाहे वह राजेश पायलट हो, परसराम मदेरणा, शीशराम ओला, डॉ. सीपी जोशी हो, बीडी कल्ला या सचिन पायलट. गहलोत ने कई दिग्गजों को राजनीति में शिकस्त दी और सियासत में 'जादूगर' का खिताब हासिल किया.

बीते दिनों अमीन खान की कांग्रेस पार्टी में वापसी में पूर्व सीएम अशोक गहलोत की अहम भूमिका रही है. पार्टी से सवा साल तक निष्कासित रहें अमीन खान पर लोकसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप था. कई बार विवादों में रहने वाले और पूर्व मंत्री अमीन खान को गहलोत ने पार्टी में वापस लाने के लिए खास पहल की. वे काफी वक्त से इसके लिए कोशिश कर रहे थे, लेकिन कई तरह के रोड़े आए और इसमें देरी भी हुई. रेगिस्तान की राजनीति में अहम दखल रखने वाले अमीन खान गहलोत खेमे के एक मजबूत खिलाड़ी रहे हैं. वो खिलाड़ी, जिनके बूते गहलोत ने हरीश चौधरी को मौके दर मौके पछाड़ने की कोशिश की. हालांकि हरीश चौधरी हाईकमान की नजदीकियों के चलते पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी पाते चले गए तो गहलोत की चिंताएं भी बढ़ती चली गईं. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, गहलोत खेमे के होने के कारण अमीन खान की वापसी संभव हुई है. इससे गहलोत की पार्टी में पकड़ भी मजबूत हुई है.

हरीश चौधरी की काट के लिए अमीन खान को लाए?

अमीन खान की वापसी से कांग्रेस में कुछ गुटबाजी के संकेत भी मिले हैं, लेकिन गहलोत ने अपने प्रभाव से उन्हें पार्टी में फिर से शामिल करवाया है, ताकि पश्चिम राजस्थान में हरीश चौधरी के खिलाफ उनके समीकरण मजबूत हो सके. जैसेलमेर और बाड़मेर में मेवाराम जैन, सालेह मोहम्मद और अमीन खान की राजनीति के जरिए गहलोत ने हमेशा पकड़ बनाए रखी. बायतू विधायक हरीश चौधरी मारवाड़ में कांग्रेस की अहम धुरी बनने की लगातार कोशिश में हैं और इस मौके पर वो गहलोत से सीधे टकरा जाते हैं. यही वजह है कि गहलोत ने कांग्रेस के कई नेताओं को हरीश चौधरी के खिलाफ खड़ा किया और गुट को मजबूत किया.

बात सिर्फ अमीन खान की नहीं है, बल्कि ऐसे नेताओं की फेहरिस्त लंबी है जो उनके मनमुताबिक पार्टी में मजबूत हुए, फिर बाहर भी हुए और बीजेपी ज्वॉइन कर खामोश भी हो गए. साइडलाइन होने के बावजूद भी ऐसे नेता बीजेपी में जाने के बाद पार्टी में बने हुए हैं. राजनीतिक एक्सपर्ट्स मानते हैं कि 'जादूगर' अपने करीबियों को ऐसे ही मोहरा बनाते हैं और फिर जब चुनाव आते हैं या सरकार की वापसी होती है तो उन्हें वापस ले आते हैं.

साल 2018 के विधानसभा चुनाव में राजस्थान में 13 बागी जीतकर आए थे, जिन्होंने सचिन पायलट के सीएम बनने के मंसूबों पर पानी फेरा. तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष पायलट ने जब इन गहलोत के करीबियों के टिकट काटे तो ये पार्टी से बागी हो गए और निर्दलीय पर्चा भरा. 99 पर अटकी कांग्रेस के लिए गहलोत ने इन्हीं निर्दलीयों के सहारे बिसात बिछाई और कांग्रेस हाईकमान को ताकत भी दिखाई. नतीजा यह रहा कि गहलोत की तीसरी बार ताजपोशी हुई और संयम लोढा, रामकेश मीणा जैसे कांग्रेस के बागी सरकार में सलाहकार तक पहुंचे और दूदू विधायक बाबूलाल नागर, महादेव खंडेला, ओमप्रकाश हुड़ला समेत कई निर्दलीय भी पार्टी के समर्थन में दिखे.

Ashok Gehlot

जीएसटी की नई दरें लागू हो गई हैं। दो दशक में पहली बार पारले-जी बिस्किट की कीमत में बदलाव हुआ है। इसका सबसे छोटा पैक ₹5 म...
25/09/2025

जीएसटी की नई दरें लागू हो गई हैं। दो दशक में पहली बार पारले-जी बिस्किट की कीमत में बदलाव हुआ है। इसका सबसे छोटा पैक ₹5 में मिलता था लेकिन अब इसकी कीमत ₹4.45 रह गई है। सिर्फ पारले-जी ही नहीं, कई और कंपनियों की कीमत भी अजीब हो गई है। मसलन पहले जो कैंडी ₹1 में मिलती थी, अब वह 88 पैसे की रह गई है। इसी तरह ₹2 का शैम्पू पाउच अब ₹1.77 में मिल रहा है। दरअसल, GST को लेकर कुछ बातें साफ नहीं हैं। इसलिए कई FMCG कंपनियां अपनी पुरानी कीमतों से हट रही हैं। उन्हें यह डर है कि अगर वे दाम कम किए बिना प्रोडक्ट का वजन बढ़ाती हैं, तो क्या इसे सरकार कीमत में कटौती मानेगी या नहीं। वे सरकार से इस बारे में स्पष्टीकरण चाहती हैं।
पारले प्रोडक्ट्स के वाइस प्रेसिडेंट मयंक शाह का कहना है कि शुरुआत में थोड़ा असर होगा। लेकिन उम्मीद है कि ग्राहक UPI से पूरा पेमेंट करेंगे या फिर बड़े पैक खरीदेंगे ताकि हिसाब बराबर हो जाए। उन्होंने कहा कि हम अभी भी स्पष्टीकरण का इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद है कि हमें टैक्स में कटौती का फायदा वजन बढ़ाकर ग्राहकों तक पहुंचाने की अनुमति मिलेगी।
GST का फायदा
कैडबरी चॉकलेट बनाने वाली कंपनी मोंडलेज ने भी अपने सभी प्रोडक्ट्स की कीमतें बदल दी हैं। अब उनकी कीमतें अजीब हैं। जैसे कि बॉर्नविटा अब ₹26.69 में मिलेगा जबकि पहले इसकी कीमत ₹30 थी। ओरियो बिस्कुट अब ₹8.90 में मिलेगा जो पहले ₹10 का था। इसी तरह, जेम्स और 5 स्टार का ₹20 वाला पैक अब ₹17.80 में मिलेगा। मोंडलेज कंपनी ने अपने ग्राहकों और डीलरों को बताया है कि नई MRP में GST का फायदा शामिल है। डीलरों को यह फायदा ग्राहकों तक पहुंचाना होगा।
सरकार चाहती है कि कंपनियां GST का फायदा ग्राहकों तक पहुंचाएं। ज्यादातर चीजें अब कम टैक्स वाले स्लैब में आ गई हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियां कुछ समय के लिए ₹5 और ₹10 जैसी कीमतों से दूर जा सकती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार ने अभी तक यह साफ नहीं किया है कि कंपनियां दाम कम करने के बजाय प्रोडक्ट की मात्रा बढ़ाकर ग्राहकों को फायदा दे सकती हैं या नहीं। ऐसे छोटे पैकेट की ज्यादा डिमांड है।
नेस्ले ने इसका ध्यान रखा
एफएमसीजी सेक्टर की कंपनी नेस्ले (Nestle) ने इस बात का ध्यान रखा है। इसने पहले 30 रुपये में मिलने वाले वेज आटा नूडल्स का दाम अब 28 रुपये रखा है। 120 रुपये में मिलने वाले मैगी नूडल्स के बड़े पैक की कीमत 116 रुपये की गई है। इसका वजन भी अब 560 ग्राम से 600 ग्राम कर दिया गया है। 190 रुपये में मिलने वाले मैगी केचप एक किलो का दाम अब 178 रुपये कर दिया गया है। 235 रुपये में मिलने वाली नेस्कैफे कॉफी की बोतल की कीमत अब 235 रुपये कर दी गई है। पहले जो किटकैट 35 रुपये में मिलती थी, उसकी कीमत अब 30 रुपये कर दी गई है।
कब मिलेगी पुरानी कीमत?
कई कंपनियां महंगाई के समय में भी कीमतें कम रखने के लिए पैकेट में सामान की मात्रा कम कर देती हैं। 2017 में, कई FMCG कंपनियों पर NAA (नेशनल एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी) ने जुर्माना लगाया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने GST लागू होने के बाद ग्राहकों को फायदा नहीं पहुंचाया। केल्लानोवा इंडिया और साउथ एशिया के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रशांत पेरेस का कहना है, "अजीब कीमतों की वजह से इंडस्ट्री को काफी परेशानी हो रही है।"
उन्होंने यह भी कहा, "इसलिए, शॉर्ट टर्म में कुछ कीमतें कम की जाएंगी। लेकिन लॉन्ग टर्म में वजन बढ़ाया जाएगा और हम पुरानी कीमतों पर वापस जाएंगे।" ₹5, ₹10 और ₹20 वाले छोटे पैकेट की काफी डिमांड है। शैम्पू की बिक्री में इनकी हिस्सेदारी 79% है। इसी तरह बिस्किट में यह 64% और चॉकलेट में 58% है। नमकीन और टूथपेस्ट में इनका हिस्सा क्रमशः 44% और 29% है।
कितनी कम हुई कीमत?
आरएसपीएल ग्रुप के प्रेसिडेंट सुशील कुमार बाजपेयी का कहना है, "अभी हमारे पास जितना भी स्टॉक है, उसकी कीमतें हमने 13% तक कम कर दी हैं ताकि यह साफ हो जाए कि हमने पूरा फायदा ग्राहकों तक पहुंचाया है। इसलिए, सभी प्राइस टैग अजीब नंबर दिखाएंगे। अब चुनौती यह है कि हम नए स्टॉक के लिए कैसे आसान तरीका अपना सकते हैं।

देश के स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग आधे बच्चे गर्दन, कमर और जोड़ों के दर्द से परेशान है. इसका खुलासा एम्स के डॉक्टर और फि...
25/09/2025

देश के स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग आधे बच्चे गर्दन, कमर और जोड़ों के दर्द से परेशान है. इसका खुलासा एम्स के डॉक्टर और फिजियोथेरेपी एक्सपर्ट्स की ओर से की गई रिसर्च में सामने आया है. एम्स के डॉक्टर और फिजियोथेरेपी एक्सपर्ट्स की ओर से की गई रिसर्च के अनुसार भारत में स्कूलों में पढ़ने वाले 47 प्रतिशत बच्चे गर्दन, कमर और जोड़ों के दर्द से परेशान है. एम्स के डॉक्टर और फिजियोथेरेपी एक्सपर्ट्स ने इस रिसर्च में 9 से 12वीं तक के 380 छात्रों की स्क्रीनिंग की थी. वहीं इस रिसर्च के अनुसार लंबे समय तक गलत पोजीशन में बैठने, लैपटॉप और मोबाइल का लगातार इस्तेमाल और खेल के दौरान फिजिकल परेशानियां बच्चों में दर्द का मुख्य कारण है. इसके अलावा स्कूलों में फिजियोथेरेपी एक्सपर्ट्स की कमी भी इस समस्या को और बढ़ा देती है.

जिस ज़मीन पर कभी उनकी माँ ने दूसरों के खेतों में मजदूरी की थी, उसी ज़मीन के मालिक आज अशोक खाड़े हैं। एक समय था जब घर में...
25/09/2025

जिस ज़मीन पर कभी उनकी माँ ने दूसरों के खेतों में मजदूरी की थी, उसी ज़मीन के मालिक आज अशोक खाड़े हैं। एक समय था जब घर में चप्पल तक खरीदने के पैसे नहीं थे, और अशोक खाड़े सिर्फ 90 रुपये महीने की नौकरी करते थे।
अशोक सांगली के पेड गांव में जन्मे, अशोक दलित परिवार से थे। माँ खेतों में काम करती थीं और पिता एक मोची थे। उन्होंने गांव के सरकारी स्कूलों से पढ़ाई की, और 11वीं-12वीं तक तो पेन की निब तक नहीं खरीद सकते थे। लेकिन अशोक के अंदर था कुछ कर दिखाने का जज़्बा, जिसने उन्हें गरीबी से लड़ने की ताकत दी।
फिर अशोक ने मुंबई में मझगांव डॉकयार्ड में बतौर ड्राफ्ट्समैन नौकरी शुरू की और साथ ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने जर्मनी जाकर ट्रेनिंग ली और 1992 में अपने भाइयों के साथ मिलकर DAS Offshore Engineering कंपनी शुरू की। उनके पहले क्लाइंट बने ONGC और फिर धीरे-धीरे Hyundai, Essar जैसी बड़ी कंपनियाँ भी जुड़ती गईं। जहाँ कभी अपमान मिला था और आज उसी जगह पर उन्होंने इज़्ज़त और कामयाबी की एक मिसाल खड़ी की।
आज अशोक खाड़े 500 करोड़ की कंपनी चला रहे हैं, जो 4500 से ज़्यादा लोगों को रोज़गार देती है। लेकिन सबसे बड़ी बात, उन्होंने न सिर्फ अपनी ज़िंदगी बदली, बल्कि अपने गाँव में मंदिर बनवाया, और अब अस्पताल, स्कूल और कॉलेज खोलने की तैयारी कर रहे हैं। यह सिर्फ एक कामयाब बिज़नेसमैन की कहानी नहीं, यह उस बेटे की कहानी है जिसने माँ की मेहनत को अपने संघर्ष से सार्थक कर दिया।

तमिलनाडु में एक बस ड्राइवर की रिटायरमेंट का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसने सबका दिल जीत लिया! ❤️30 साल तक जिस बस को चलाया...
25/09/2025

तमिलनाडु में एक बस ड्राइवर की रिटायरमेंट का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसने सबका दिल जीत लिया! ❤️
30 साल तक जिस बस को चलाया, रिटायरमेंट के दिन उसे देखकर ड्राइवर भावुक हो गए. उन्होंने पहले स्टीयरिंग व्हील को चूमा, फिर बस को गले लगाकर रोने लगे.
यह वीडियो सिर्फ एक रिटायरमेंट का नहीं, बल्कि एक ड्राइवर और उसकी बस के बीच के गहरे रिश्ते का सबूत है. 🥺 सालों की मेहनत, खुशी और गम... सब कुछ इन 30 सालों में इस बस के साथ जुड़ा था.
एक इंसान का अपने काम के प्रति ऐसा गहरा लगाव देखकर हर कोई इमोशनल हो गया. सच में, काम सिर्फ आजीविका नहीं, बल्कि हमारी पहचान बन जाता है. 🙌

एक समय था जब कहा जाता था – “गौतम बुद्ध नगर जाना मतलब राजनीतिक करियर का अंत!” नेताओं के लिए ये जगह किसी “नो एंट्री ज़ोन” ...
25/09/2025

एक समय था जब कहा जाता था – “गौतम बुद्ध नगर जाना मतलब राजनीतिक करियर का अंत!” नेताओं के लिए ये जगह किसी “नो एंट्री ज़ोन” से कम नहीं थी। लेकिन योगी आदित्यनाथ ठहरे जिद्दी इंसान। उन्होंने कहा – “अगर मना किया जा रहा है, तो अब तो ज़रूर जाऊँगा!” और गए भी।

नतीजा? उन्होंने न सिर्फ़ वहाँ कदम रखा बल्कि उस अंधविश्वास को चूर-चूर कर दिया। आज वो पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो पाँच साल पूरे करने के बाद भी उसी जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से दोबारा जीतकर आए। मानो संदेश साफ़ हो – “जहाँ बाकी डरते हैं, वहाँ योगी जाकर इतिहास रचते हैं।”

♥️भारत के युवा शेर 🐯 अभिषेक शर्मा ने वो कर दिखाया जो बड़े-बड़े दिग्गज सोचते रह गए 🔥🇮🇳पाकिस्तान के घमंडी गेंदबाज़ों को ऐस...
23/09/2025

♥️भारत के युवा शेर 🐯 अभिषेक शर्मा ने वो कर दिखाया जो बड़े-बड़े दिग्गज सोचते रह गए 🔥🇮🇳

पाकिस्तान के घमंडी गेंदबाज़ों को ऐसा धोया कि उन्हें अपनी "शेरगिरी" याद दिलानी पड़ी 🫣
अभिषेक ने बल्ले से आग लगा दी, और मैदान में शांति छा गई — क्योंकि जवाब किसी के पास था ही नहीं 💥💪

👉 अफ़सोस सिर्फ़ एक बात का है —
इतनी शानदार परफॉर्मेंस के बाद भी प्लेयर ऑफ द मैच मिलने पर कोई teammate बधाई देने तक नहीं आया...
शायद जलन बोल रही थी, या फिर ईगो… 🥲💔

पर कोई बात नहीं अभिषेक,
देश की जनता तेरा साथ है, और हम सबको तुझ पर गर्व है 🇮🇳❤️
शेर अकेला चलता है, और तू असली शेर है! 🦁🔥

कोलकाता हाईकोर्ट बार चुनावों में बीजेपी की बंपर जीत, TMC का सूपड़ा साफ़, 10 साल बाद TMC मुक्त बार एसोसिएशन
23/09/2025

कोलकाता हाईकोर्ट बार चुनावों में बीजेपी की बंपर जीत, TMC का सूपड़ा साफ़, 10 साल बाद TMC मुक्त बार एसोसिएशन

प्रभावशाली नेताओं के शब्द अक्सर जिज्ञासा और चिंतन, दोनों को जन्म देते हैं। हाल ही में, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के अध्यक्ष मु...
23/09/2025

प्रभावशाली नेताओं के शब्द अक्सर जिज्ञासा और चिंतन, दोनों को जन्म देते हैं। हाल ही में, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने एक हार्दिक इच्छा व्यक्त की: कि भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री 2047 तक, जिस वर्ष देश स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाएगा, राष्ट्र की सेवा करते रहें। उनके शब्द केवल एक राजनीतिक बयान से कहीं अधिक, भारत के भविष्य के लिए आशा, निरंतरता और दूरदर्शिता का भाव लिए हुए थे।

अंबानी की यह टिप्पणी उन कई लोगों की आकांक्षाओं को दर्शाती है जो भारत को उसकी स्वतंत्रता की शताब्दी तक एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभरते हुए देखना चाहते हैं। उनके लिए, स्थिरता और दीर्घकालिक नेतृत्व केवल शासन के बारे में नहीं है—वे एक ऐसा वातावरण बनाने के बारे में हैं जहाँ सपनों को पोषित किया जा सके, निवेश फल-फूल सके, और नागरिक अपने भविष्य को लेकर सुरक्षित महसूस कर सकें। एक ऐसे व्यवसायी की ओर से, जिसने भारत की आर्थिक यात्रा को प्रत्यक्ष रूप से देखा है, यह भावना इस बात पर ज़ोर देती है कि नेतृत्व और राष्ट्रीय विकास कितनी गहराई से जुड़े हुए हैं।

लेकिन अर्थशास्त्र और राजनीति से परे, इसमें एक भावनात्मक भाव भी था। 2047 केवल एक और वर्ष नहीं है; यह संघर्ष, बलिदान और प्रगति की एक शताब्दी की परिणति का प्रतिनिधित्व करता है। तब तक निरंतर नेतृत्व की कामना करना, चुनौतियों और अवसरों, दोनों में राष्ट्र का मार्गदर्शन करने वाले एक स्थिर हाथ की कामना करना है।
आम नागरिकों के लिए, अंबानी के शब्द बहस, सहमति या असहमति को प्रेरित कर सकते हैं, लेकिन इसके मूल में एक साझा इच्छा निहित है: स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने पर भारत को अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में चमकते देखना। उनका यह कथन याद दिलाता है कि नेतृत्व, जब दूरदर्शिता के साथ जुड़ जाता है, तो राजनीति से कहीं बढ़कर हो जाता है—यह राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा का प्रतीक बन जाता है।
अंततः, यह इच्छा पूरी हो या न हो, अंबानी की अभिव्यक्ति एक व्यापक मानवीय भावना को दर्शाती है: एक मजबूत, एकजुट और समृद्ध भारत की आशा, जो 2047 में विश्व मंच पर ऊँचा उठेगा।

भारत की पहली और विश्व की तीसरी शहरी रोपवे का ट्रायल रन वाराणसी में शुरू हो गया है।रोपवे शुरू होने से 45 मिनट की दूरी अब ...
23/09/2025

भारत की पहली और विश्व की तीसरी शहरी रोपवे का ट्रायल रन वाराणसी में शुरू हो गया है।
रोपवे शुरू होने से 45 मिनट की दूरी अब 15 मिनट में तय होगी। यह पूरी तरह इलेक्ट्रिक है।

अमीषा पटेल ने फिल्म 'कहो ना... प्यार है' से ऋतिक रोशन के साथ बॉलीवुड में डेब्यू किया था। यह फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई थ...
23/09/2025

अमीषा पटेल ने फिल्म 'कहो ना... प्यार है' से ऋतिक रोशन के साथ बॉलीवुड में डेब्यू किया था। यह फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी और अमीषा रातों-रात स्टार बन गई थीं। इसके बाद उन्होंने अब तक कई फिल्मों में काम किया है।ए पूरी तरह तैयार हूं

अब अमीषा 50 साल की हो चुकी हैं, लेकिन आज भी फिल्मों में सक्रिय हैं। कुछ साल पहले वह 'गदर 2' में 'में नज़र आई थीं। अब अमीषा 50 साल की हो चुकी हैं, लेकिन आज भी फिल्मों में सक्रिय हैं। कुछ साल पहले वह 'गदर 2' में नज़र आई थीं। ज्यादातर लोगों को पता है कि 50 साल की उम्र में भी अमीषा हू र पटेल ने शादी नहीं की है और अब तक सिंगल हैं। हालांकि उनका नाम अब तक कई लोगों से जुड़ चुका है और वह कई बार सीरियस रिलेशनशिप में भी रही हैं, लेकिन शादी नहीं की। हाल ही में अमीषा ने बताया कि अब वह शादी के लिए तैयार हैं। रणवीर अल्लाहबादिया के पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान अमीषा ने शादी को लेकर बात किया और कहा, "स्कूल में मैं कभी लड़कों के पीछे नहीं भागती थी, बल्कि वे मेरे पीछे भागते थे। तब से मुझे ढेरों प्रस्ताव मिले हैं और अब तक मिलते रहते हैं।" शादी न करने की वजह को लेकर बात करते हुए अमीषा ने बताया कि उन्होंने शादी नहीं की, क्योंकि लोग चाहते थे कि वे एक्टिंग छोड़ दे और घर पर बैठ जाए। अमीषा ने कहा, "जिन लोगों से मैं मिली, उनमें से ज्यादातर चाहते थे कि शादी के बाद मैं घर पर रहूं और एक्टिंग छोड़ दूं,लेकिन मैं ऐसा नहीं चाहती थी। मैं अपनी जवानी सिर्फ किसी की पत्नी बनकर नहीं बिताना चाहती थी।" आगे 50 साल की अमीषा ने कहा कि वे अब शादी के लिए तेयार हैं। अमीषा पटेल ने कहा, "अब मैं शादी के लिए पूरी तरह तैयार हूं, बशर्ते मुझे कोई सही इंसान मिले। कहते हैं न, 'जहां चाह, वहां राह।' इसलिए जो व्यक्ति मुझे हर हाल में ढूंढ ले और मौके पर चौका मार ले, वही मेरा साथी होगा।"

Address

Dhorimana
Dhorimanna
344704

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Megaram Jani Barmer posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Megaram Jani Barmer:

Share