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OTT की दुनिया में हर हफ्ते दर्जनों वेब सीरीज आती हैं, लेकिन ऐसी कहानियां जो परिवार की असलियत को छूती हैं, कम ही मिलती है...
22/08/2025

OTT की दुनिया में हर हफ्ते दर्जनों वेब सीरीज आती हैं, लेकिन ऐसी कहानियां जो परिवार की असलियत को छूती हैं, कम ही मिलती हैं. नीचे दी गई लिस्ट में से ऐसी ही कई सीरीज के नाम दिए गए हैं, जिन्हें देखकर आपको अपने घर की याद आ जाएगी या शायद अपने परिवार के साथ रिश्तों को और मजबूत करने में मदद मिलेगी.

पंचायत
अगर आप ग्रामीण जीवन की यादें ताजा करना चाहते हैं तो पंचायत आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है. फुलेरा गांव और उसके सचिव की कहानी आपको वाकई गांव के जीवन का एहसास कराएगी. वेब सीरीज में एक तरफ हंसी-मजाक और दोस्ती है तो दूसरी तरफ प्यार और पंचायत की राजनीति है. अब तक इसके 3 सीजन आ चुके हैं और चौथे की तैयारी चल रही है. इस वेब सीरीज को आप अमेजन प्राइम पर देख सकते हैं.

बड़ा नाम करेंगे
एक कहानी 2020 के लॉकडाउन पीरियड के दौरान और दूसरी कहानी लॉकडाउन हटने के बाद रतलाम और उज्जैन जैसे छोटे शहर में चलती है. 'बड़ा नाम करेंगे' एक ऋषभ और सुरभि की अरेंज मैरिज की कहानी है, जिनकी लव स्टोरी लॉकडाउन के दौरान शुरू होती है, लेकिन दोनों के पेरेंट्स को इसकी जानकारी नहीं होती. सीरीज में कोई अश्लीलता और गालियां नहीं है. इसमें जमील खान, राजेत तैलंग, और कंवलजीत सिंह जैसे कलाकारों ने शानदार प्रदर्शन किया है.

बड़ा नाम करेंगे
फैमिली फिल्में बनाने के लिए मशहूर सूरज बड़जात्या ने 'बड़ा नाम करेंगे' को क्रिएट किया है. इस सीरीज की आईएमडीबी रेटिंग 8.7 है. यह सीरीज फैमिली वैल्यू, रोमांस और इमोशंस को खूबसूरती से पेश करती है. इस सीरीज के 9 एपिसोड है. सीरीज में ऋषभ (ऋतिक घनशानी) और सुरभि (आयशा कदुस्कर) की कहानी है. दोनों की लव स्टोरी दो अलग-अलग टाइमलाइन में चलती है.

घर वापसी
'घर वापसी' वेब सीरीज भी इसी लिस्ट में शुमार है. इसमें विशाल वशिष्ठ, अनुष्का कौशिक, विभा छिब्बर और अतुल श्रीवास्तव हैं. इसे आप ओटीटी प्लेटफॉर्म डिजनी प्लस हॉटस्टार पर देख सकते हैं.

गुल्लक
'गुल्लक' की कहानी मिश्रा परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसमें संतोष मिश्रा (जमील खान), शांति मिश्रा (गीतांजलि कुलकर्णी), उनके बड़े बेटे आनंद 'अन्नू' मिश्रा (वैभव राज गुप्ता), और छोटे बेटे अमन मिश्रा (हर्ष मायर) शामिल हैं. पड़ोसन बिट्टू की मम्मी (सुनीता राजवार) भी कहानी में हास्य और गर्मजोशी जोड़ती हैं. इस सीरीज की आईएमडीबी रेटिंग 9.1 है.

दक्षिण भारतीय सिनेमा हो या हिंदी सिनेमा, एक ऐसा अभिनेता जिसकी दहाड़ ने दर्शकों को कुर्सी पर ठिठक जाने पर मजबूर कर दिया. ...
22/08/2025

दक्षिण भारतीय सिनेमा हो या हिंदी सिनेमा, एक ऐसा अभिनेता जिसकी दहाड़ ने दर्शकों को कुर्सी पर ठिठक जाने पर मजबूर कर दिया. एक ऐसा अभिनेता, जिसको गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने भारतीय फिल्म उद्योग में अभिनेता/नर्तक श्रेणी में सबसे सफल फिल्म स्टार के रूप में सम्मानित किया. जिनके पांव की थिरकन के साथ दर्शक दीर्घा में खड़े या फिर सिनेमा हॉल में पर्दे पर उनको देख रहे दर्शक खुद थिरकने लगते थे. लेकिन, जब इस अभिनेता ने राजनीतिक जमीन पर अपने पांव जमाने और जनता को थिरकाने की कोशिश की तो उनको आशातीत सफलता हासिल नहीं हो पाई. मतलब सिनेमा के पर्दे के मेगास्टार राजनीति की पिच पर कमाल नहीं कर पाए. लेकिन, राजनीति में उनके पदार्पण ने एक समय पर क्षेत्रीय दलों की पेशानी पर चिंता की लकीरें जरूर खींच दी थी. हम बात कर रहे हैं साउथ सिनेमा के मेगास्टार चिरंजीवी की, जिन्होंने आंध्र प्रदेश की जमीन को अपनी राजनीतिक जन्मभूमि बनाई और 'प्रजा राज्यम पार्टी' (पीआरपी) की स्थापना की थी.

'मेगास्टार चिरंजीवी', जिनका वास्तविक नाम कोणिदेल शिव शंकर वर प्रसाद है, यह भी उनके चाहने वाले शायद ही जानते होंगे. सबसे सफल भारतीय सितारों में से एक चिरंजीवी ने सालों से हिंदी, तेलुगु, तमिल और कन्नड़ सिनेमा के पर्दे को अपनी कला से रोशन किया है. साल 1978 में 'पुनाधिरल्लू' से एक अभिनेता के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले अभिनेता चिरंजीवी को 'रघुपति वेंकैया' पुरस्कार, जो आंध्र प्रदेश में शीर्ष फिल्म सम्मान है, से पुरस्कृत किया जा चुका है. उनके पास तीन नंदी अवॉर्ड, नौ फिल्मफेयर अवॉर्ड साउथ और एक लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी है. साल 2006 में उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया.

चिरंजीवी की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाइए कि उनकी फिल्म 'कोडामा सिम्हम' (1990) अंग्रेजी भाषा में डब होने वाली पहली दक्षिण भारतीय फिल्म बनी, वहीं ऑस्कर पुरस्कार समारोह के लिए आमंत्रण पाने वाले चिरंजीवी पहले दक्षिण भारतीय अभिनेता थे. उन्होंने 45 साल के सिनेमाई करियर में 156 फिल्में कीं, जिसमें 537 गाने और 24,000 से ज्यादा डांस मूव्स की वजह से उन्हें गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की तरफ से सम्मानित किया गया. उनका सिनेमाई सफर पर्दे पर आज भी जारी है.
22 अगस्त 1955 को आंध्र प्रदेश के वेस्ट गोदावरी जिले के मोगलथुर में जन्मे कोणिदेल शिव शंकर वर प्रसाद (चिरंजीवी) के पिता कोनिडेला वेंकट राव एक कांस्टेबल थे. चिरंजीवी ने बचपन पैतृक गांव में अपने दादा-दादी के साथ ही बिताया, उनकी स्कूली शिक्षा निदादवोलु, गुराजाला, बापटला, पोन्नूर, मंगलागिरी और मोगलथुर में हुई. छोटी उम्र से ही उन्हें अभिनय में दिलचस्पी थी. इंटरमीडिएट करने के बाद चिरंजीवी चेन्नई चले गए और अभिनय में करियर बनाने के लिए 1976 में मद्रास फिल्म संस्थान पहुंच गए.

उनका राजनीतिक सफर काफी छोटा लेकिन यादगार रहा, जिसमें उन्होंने एक नई पार्टी की स्थापना की और केंद्रीय मंत्री का पद भी संभाला. राजनीतिक प्रदर्शन को देखते हुए, 2011 में चिरंजीवी ने अपनी पार्टी का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में विलय करने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि यह फैसला आंध्र प्रदेश के लोगों के हित में लिया गया था. इस विलय के बाद उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया गया. साल 2012 में उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का जिम्मा दिया गया. उन्होंने इस पद पर 2014 तक अपनी सेवाएं दीं. हालांकि, 2013 में तेलंगाना राज्य के गठन के विरोध में उन्होंने अपना इस्तीफा भी दिया था, लेकिन बाद में उन्होंने इसे वापस ले लिया था.
2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद, चिरंजीवी ने धीरे-धीरे खुद को राजनीतिक गतिविधियों से दूर कर लिया और एक बार फिर से फिल्मों पर ध्यान केंद्रित किया. उनके छोटे भाई पवन कल्याण ने भी अपनी राजनीतिक पार्टी 'जनसेना' बनाई और चिरंजीवी ने सार्वजनिक रूप से उनका समर्थन भी किया है. चिरंजीवी ने फिलहाल फिल्मों पर ही अपना ध्यान केंद्रित कर रखा है.

खबरों की मानें तो चिरंजीवी 14 बैक टू बैक हिट देकर 90 के दशक के सुपरस्टार बन गए और कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि चिरंजीवी की फीस उनके सफल साल में अमिताभ बच्चन से भी ज्यादा हो गई. द वीक मैग्जीन में छपि रिपोर्ट के अनुसार, बिग बी को 1 करोड़ फीस मिलती थी तो चिरंजीवी को 1.25 करोड़ एक फिल्म के लिए मिलते थे. वहीं नेटवर्थ की बात करें तो 1650 करोड़ का नेटवर्थ चिरंजीवी का है. जबकि उनकी कोनिडेला फैमिली का नेटवर्थ लगभग 4000 करोड़ बताया जाता है.

भारतीय सिनेमाई संगीत की दुनिया में कश्‍मीर की वादियों ने कई बड़े फनकार दिए। लेकिन इन सब में एक सबसे बड़ा नाम है पद्मश्री...
22/08/2025

भारतीय सिनेमाई संगीत की दुनिया में कश्‍मीर की वादियों ने कई बड़े फनकार दिए। लेकिन इन सब में एक सबसे बड़ा नाम है पद्मश्री राज बेगम का। उन्‍हें कश्‍मीर की पहली महिला प्‍लेबैक सिंगर होने का गौरव मिला। अब पर्दे पर राज बेगम इसी संगीतमय कहानी को लेकर आ रही हैं सबा आजाद और सोनी राजदान। फिल्‍म का नाम है 'सॉन्‍ग्‍स ऑफ पैराडाइज', जो इसी महीने OTT पर रिलीज हो रही है।

एक्सेल एंटरटेनमेंट, एप्पल ट्री पिक्चर्स प्रोडक्शन और रेनज़ू फिल्म्स प्रोडक्शन के बैनर तले बनी यह फिल्‍म, राज बेगम के संगीत, उनके संघर्ष, उनकी हिम्‍मत को एक श्रद्धांजलि है। राज बेगम ने न सिर्फ कश्‍मीर की महिलाओं को प्रेरित किया, बल्कि म्‍यूजिक इंडस्ट्री को एक नई दिशा भी दी। दानिश रेनजू के डायरेक्‍शन में बनी 'सॉन्‍ग्‍स ऑफ पैराडाइज' की कहानी उनके साथ निरंजन अयंगर और सुनयना काचरू ने लिखी है।
फिल्‍म में ऋतिक रोशन की गर्लफ्रेंड, सिंगर और एक्‍टर सबा आज़ाद के साथ सोनी राज़दान लीड रोल में हैं। दोनों नूर बेगम के रूप में दो अलग-अलग समय की कहानी को पर्दे पर उतार रही हैं। इसके अलावा फिल्‍म में जैन खान दुर्रानी, शीबा चड्ढा, तारुक रैना और लिलेट दुबे भी हैं। फिल्‍म में जहां संगीत की मिठास होगी, वहीं इसमें घाटी की खूबसूरती भी नजर आएगी।
सॉन्‍ग्‍स ऑफ पैराडाइज' इसी महीने के आख‍िर में 29 अगस्‍त 2025 को Prime Video पर रिलीज होगी। इसे भारत के साथ ही दुनिया के 200 देशों में एकसाथ प्रीमियर किया जाएगा।
फिल्म के डायरेक्टर और को-राइटर दानिश रेनजू कहते हैं, 'यह फिल्म 'सॉन्ग्स ऑफ पैराडाइज' पद्मश्री विजेता राज बेगम को एक दिल से दी गई श्रद्धांजलि है। वह रेडियो कश्मीर की पहली महिला आवाज थीं। यह फिल्म उनकी संगीत की विरासत और हिम्मत से प्रेरित एक भावुक कहानी बताती है, खासकर उस समय की जब समाज ने महिलाओं को भावनात्मक और सांस्कृतिक रूप से बांधकर रखा था। यह एक ऐसी महिला की कहानी है जिसने सपने देखने की हिम्मत की, जबकि उस समय सपने देखना भी एक तरह से मना था।'
दानिश आगे कहते हैं, 'सबा आजाद और सोनी राजदान ने इस खास कहानी में मुख्य किरदार को दो अलग-अलग उम्र को बहुत खूबसूरती से निभाया है। बाकी कलाकारों ने बेहतरीन काम किया है। मुझे लगता है कि यह एक ऐसी कहानी है, जो दुनियाभर के दर्शक के सम्मान की हकदार है।'
एक्सेल एंटरटेनमेंट के रितेश सिधवानी ने कहा, 'सॉन्ग्स ऑफ पैराडाइज एक ऐसी कहानी है जो कश्मीर की संस्कृति, भावनाओं और उम्मीदों को दिखाती है। यह एक ऐसी आवाज की दास्‍तां है, जिसने न केवल कश्मीर को गर्व महसूस करवाया, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित किया।'

गुलजार के नाम से मशहूर दिग्गज कवि, गीतकार, ऑथर, स्क्रीन राइटर और फिल्म डायरेक्टर सम्पूरण सिंह कालरा 91 साल के हो गए हैं।...
22/08/2025

गुलजार के नाम से मशहूर दिग्गज कवि, गीतकार, ऑथर, स्क्रीन राइटर और फिल्म डायरेक्टर सम्पूरण सिंह कालरा 91 साल के हो गए हैं। 18 अगस्त 1934 को दीना, पंजाब (अब पाकिस्तान में) में पैदा हुए गुलजार को खासकर उनकी शायरी और गीतों के लिए जाना जाता है। दादा साहब फाल्के अवॉर्ड समेत 7 बार नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके गुलजार को खासतौर पर उनके गानों के लिए याद किया जाता है। बॉलीवुड के लिए उन्होंने कई शानदार गाने लिखे हैं। इनमें से कई ने अवॉर्ड भी जीते हैं। गुलजार साहब के जन्मदिन पर हम आपके लिए लाए हैं उनके अवॉर्ड विनिंग गानों के लिरिक्स, जो आप नीचे पढ़ सकते हैं...
1.मेरा कुछ सामान
फिल्म : इजाज़त

अवॉर्ड्स : नेशनल और फिल्मफेयर

पूरा गीत:-

मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है -

ओ ओ ओ! सावन के कुछ भीगे-भीगे दिन रखे हैं

और मेरे एक खत में लिपटी रात पड़ी है

वो रात बुझा दो, मेरा वो सामान लौटा दो।

मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है...


पतझड़ है कुछ ... है ना ?

ओ ! पतझड़ में कुछ पत्तों के गिरने की आहट

कानों में एक बार पहन के लौट आई थी

पतझड़ की वो शाख अभी तक कांप रही है

वो शाख गिरा दो, मेरा वो सामान लौटा दो।


एक अकेली छतरी में जब आधे आधे भीग रहे थे

आधे सूखे आधे गीले, सूखा तो मैं ले आई थी

गीला मन शायद बिस्तर के पास पड़ा हो

वो भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो।


एक सौ सोला चांद कि रातें एक तुम्हारे कांधे का तिल

गीली मेंहदी कि खुशबू, झुठ-मूठ के शिकवे कुछ

झूठ-मूठ के वादे सब याद करा दूं

सब भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो।


एक इजाज़त दे दो बस, जब इसको दफ़नाऊंगी

मैं भी वहीं सो जाऊंगी

मैं भी वहीं सो जाऊंगी।

2.यारा सीली सीली
फिल्म : लेकिन

अवॉर्ड्स : नेशनल और फिल्म

पूरा गीत :-

यारा सीली सीली बिरहा की रात का जलना

यारा सीली सीली, यारा सीली सीली

ओ यारा सीली सीली, डोला सीली सीली

यारा सीली सीली बिरहा की रात का जलना।

ये भी कोई जीना हैं, ये भी कोई जीना हैं

ये भी कोई मरना

यारा सीली सीली बिरहा के रात का जलना

ओ यारा सीली सीली, डोला सीली सीली।
टूटी हुई चूड़ियों से जोड़ूं ये कलाई मैं

पिछली गली में जाने क्या छोड़ आई मैं

बीती हुई गलियों से

बीती हुई गलियों से, फिर से गुज़रना।

ओ यारा सीली सीली, डोला सीली सीली

ओ यारा सीली सीली बिरहा के रात का जलना


पैरों में ना साया कोई सर पे ना साईं रे

मेरे साथ जाये ना मेरी परछांई रे

बाहर उजाड़ा है

बाहर उजाड़ा है, अंदर वीराना।

ओ यारा सीली सीली, डोला सीली सीली

ओ यारा सीली सीली बिरहा के रात का जलना।

3.जय हो
फिल्म : स्लमडॉग मिलियनेयर

अवॉर्ड : ग्रैमी अवॉर्ड

पूरा गीत

जय हो...जय हो...जय हो...जय हो

आजा, आजा जिंद शामियाने के तले

आजा ज़रीवाले नीले आसमान के तले

जय हो, जय हो

आजा, आजा जिंद शामियाने के तले

आजा ज़रीवाले नीले आसमान के तले

जय हो... जय हो


रत्ती-रत्ती सच्ची मैंने जान गवाई है

नच-नच कोयलो पे रात बितायी है
अंखियों की नींद मैंने फूंकों से उड़ा दी

गिन-गिन तारे मैंने उंगली जलाई है।

ए आजा, आजा जिंद शामियाने के तले

आजा ज़रीवाले नीले आसमान के तले

जय हो...जय हो


चख ले, हां चख ले

ये रात शहद है, चख ले

रख ले, हां दिल है

दिल आखिरी हद है, रख ले

काला, काला काजल तेरा

कोई काला जादू है ना

काला, काला काजल तेरा

कोई काला जादू है ना।

आजा, आजा जिंद शामियाने के तले

आजा ज़रीवाले नीले आसमान के तले

जय हो...जय हो।


कब से, हां कब से जो लब पे रुकी है

कह दे, कह दे, हां कह दे

अब आंख झुकी है, कह दे

ऐसी, ऐसी रोशन आंखें

रोशन दोनों हीरे है क्या?

आजा, आजा जिंद शामियाने के तले

आजा ज़रीवाले नीले आसमान के तले

जय हो...जय हो,

4. दो दीवाने शहर में
फिल्म : घरोंदा

अवॉर्ड : फिल्मफेयर

पूरा गीत :-

दो दीवाने शहर में, रात में और दोपहर में

आब-ओ-दाना ढूंढते हैं एक आशियाना ढूंढते हैं।


इन भूलभुलइया गलियों में, अपना भी कोई घर होगा

अम्बर पे खुलेगी खिड़की या खिड़की पे खुला अम्बर होगा

असमानी रंग की आंखों में

असमानी या आसमानी?

असमानी रंग की आंखों में

बसने का बहाना ढूंढते हैं, ढूंढते हैं

आब-ओ-दाना ढूंढते हैं एक आशियाना ढूंढते हैं।


जब तारे ज़मीं पर चलते हैं

तारे, और ज़मीं पर?

जब तारे ज़मीं पर चलते हैं

आकाश ज़मीं हो जाता है

उस रात नहीं फिर घर जाता, वो चांद यहीं सो जाता है

पल भर के लिये इन आंखों में हम एक ज़माना ढूंढते हैं, ढूंढते हैं

आब-ओ-दाना ढूंढते हैं... एक आशियाना ढूंढते हैं।


5.तुझसे नाराज़ नहीं जिंदगी
फिल्म : मासूम

अवॉर्ड : फिल्मफेयर

पूरा गीत:-

तुझसे नाराज नहीं ज़िन्दगी

हैरान हूं मैं

हो हैरान हूं मैं

तेरे मासूम सवालों से

परेशान हूं मैं

हो परेशान हूं मैं


जीने के लिए सोचा ही नहीं

दर्द संभालने होंगे

मुस्कराए तो मुस्कराने के

क़र्ज़ उतारने होंगे

मुकुराउं कभी तो लगता है

जैसे होठों पे क़र्ज़ रखा है

तुझसे नाराज नहीं ज़िन्दगी

हैरान हूं मैं

हो हैरान हूं मैं


आज अगर भर आई हैं

बूंदें बरस जाएंगी

कल क्या पता इनके लिए

आंखें तरस जाएंगी

जाने कब ग़ुम हुआ, कहां खोया

एक आंसू छुपा के रखा था।

तुझसे नाराज नहीं ज़िन्दगी

हैरान हूं मैं

हो हैरान हूं मैं

तेरे मासूम सवालों से

परेशान हूं मैं

हो परेशान हूं मैं"

44 साल की उम्र में अच्युत पोतदार ने अभिनय की दुनिया में कदम रखा। अभिनय की दुनिया में आने से पहले वह सेना में रहे, कर्नल ...
22/08/2025

44 साल की उम्र में अच्युत पोतदार ने अभिनय की दुनिया में कदम रखा। अभिनय की दुनिया में आने से पहले वह सेना में रहे, कर्नल के पद से रिटायर हुए, प्रोफेसर के तौर पर भी शिक्षा के क्षेत्र में काम किया। इसके बाद ही अभिनय की दुनिया में दस्तक दी, उन्होंने लगभग 125 बॉलीवुड फिल्मों में एक्टिंग की। वह अधिकतर सहायक भूमिकाओं में नजर आए। फिल्मों के अलावा टीवी सीरियल में भी अच्युत पोतदार ने अपने अभिनय के रंग बिखेरे। अब वह हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके निभाए किरदार दर्शकों के मन में हमेशा बसे रहेंगे। जानिए, अच्युत पोतदार की चर्चित हिंदी फिल्मों और किरदार के बारे में।
आमिर खान की ‘3 इडियट्स’ में अच्युत पोतदार ने अभिनय किया था। वह इसमें एक प्रोफेसर के रोल में नजर आए। रोल छोटा था लेकिन दर्शकों को याद रह गया। इस फिल्म में उनका कहा गया डायलॉग ‘अरे, कहना क्या चाहते हो?’ खूब मशहूर हुआ। यह डायलॉग आगे चलकर मीम मटीरियल बन गया। सिर्फ इसी फिल्म में वह नजर नहीं आए। कई और फिल्में भी की थीं।
अच्युत पोतदार ने कई बड़ी फिल्मों में अभिनय किया। जैसे अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘भूतनाथ’ में वह एक मंदिर के पुजारी बने थे, ‘आर. राजकुमार’ में भी पंडित का रोल किया था। फिल्म ‘दबंग’ में उन्होंने देबी सिंह का रोल किया। फिल्म ‘फेरारी की सवारी’ में एक बैट शॉप की मालिक का रोल किया। विद्या बालन के साथ ‘परिणीता’ और ‘रंगीला’ में उर्मिला के साथ अभिनय किया, दोनों फिल्मों में इन हीरोइनों के पिता का रोल किया था। फिल्म ‘ये दिल्लगी’ में भी काजोल के पिता के रोल में वह नजर आए। ‘अर्ध सत्य’, ‘तेजाब’, ‘वास्तव’ और ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ जैसी फिल्मों में वह छोटे-छोटे किरदाराें में दिखे।
फिल्मों के अलावा अच्युत पोतदार ने कई टीवी सीरियल, सीरीज भी कीं। इसमें ‘भारत एक खोज’, ‘प्राइम मिनिस्टर’, ‘वाग्ले की दुनिया’ और ‘माझा होशिल ना’ जैसे सीरियल शामिल रहे। मराठी सीरियल ‘माझा होशिल ना’ के लिए उन्हें 2021 में जीवन गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

1989 में एक म्यूजिक एल्बम फिल्म आई थी. नाम था : ‘लाल दुपट्टा मलमल का’. इसमें 10 गाने थे. जैसे ही एल्बम रिलीज हुआ पूरे दे...
22/08/2025

1989 में एक म्यूजिक एल्बम फिल्म आई थी. नाम था : ‘लाल दुपट्टा मलमल का’. इसमें 10 गाने थे. जैसे ही एल्बम रिलीज हुआ पूरे देश में इसके गाने गूंजने लगे. ‘क्या करते थे साजना तुम हमसे दूर रहके…’ रेडियो से लेकर बस अड्डे में सुनाई देता था. यहीं से मेलोडियस गानों का एक अलग ही दौर शुरू हुआ. रोमांटिक म्यूजिकल फिल्मों की बहार आ गई. ज्यादातर गानों में अनुराधा पौडवाल और उदित नारायण की आवाज थी. दिलचस्प बात यह है कि इस म्यूजिक एल्बम को बनाने का आइडिया अनुराधा पौडवाल ने ही गुलशन कुमार को दिया था.
दिल्ली में एक पंजाबी परिवार में 1956 में जन्में गुलशन कुमार इस फिल्म के प्रोड्यूसर थे. दरियागंज इलाके में जूस की दुकान में गुलशन अपने पिता का हाथ बंटाया करते थे. फिर उन्होंने सस्ती कैसेट्स और गाने रिकॉर्ड कर उन्हें बेचने का काम शुरू किया. नए बिजनेस गुलशन ने उनकी किस्मत बदल दी. जल्द ही उन्होंने सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी बनाई. नोएडा में एक प्रोड्क्शन कंपनी खोली. शुरुआत भक्ति गीत और भजन से की. जल्द ही उन्होंने अपना बिजनेस मुंबई में शिफ्ट कर लिया. गुलशन कुमार ही 1989 में म्यूजिक एल्बम ‘लाल दुपट्टा मलमल का’ लेकर आए थे. यह एल्बम पूरे देश में छा गया. इस म्यूजिक एल्बम के 2 करोड़ से ज्यादा कैसेट बिके थे. एल्बम की सफलता के बाद गुलशन कुमार के मन में फिल्म बनाने का आइडिया आया था. गानों के आसपास एक लव स्टोरी बुनी गई. यह फिल्म बड़े पर्दे पर कभी रिलीज ही नहीं हुई. यह फिल्म सिर्फ 75 लाख रुपये में बनी थी.

गुलशन कुमार ने दो नए चेहरों को फिल्म में कास्ट किया था. ‘लाल दुपट्टा मलमल का’ में साहिल चड्ढा और विवर्ली लीड रोल में थे. उस समय विवर्ली Allwyn फ्रिज के एड किया करती थीं. ‘चुटकी’ का जो रैपर था, उसके ऊपर जो फोटो थी, वो विवर्ली की थी. वह मॉडलिंग की दुनिया का उभरता चेहरा थीं. म्यूजिक एल्बम तो बहुत सुपरहिट रहा था लेकिन साहिल चड्ढा और विवर्ली का करियर तबाह हो गया. दोनों इस म्यूजिक एल्बम की चमक में खो गए. साहिल चड्ढा तो बहुत साल बाद बागवान फिल्म में नजर आए थे लेकिन विवर्ली गुमनामी की जिंदगी जी रही हैं.
फिल्म का म्यूजिक आनंद-मिलिंद ने दिया था. दोनों की ‘कयामत से कयामत तक’ भी म्यूजिक हिट फिल्म रही थी. फिल्म के निर्माण से जुड़ा किस्सा मशहूर प्लेबैक सिंगर अनुराधा पौडवाल ने शेयर किया था. उन्होंने लहरें रेट्रो को दिए अपने एक इंटरव्यू में बताया था, ‘गुलशन जी उन दिनों जो भी एल्बम बनाते थे, हिट हो जाते थे. शिव आराधना, ममता का मंदिर, रामभजन, आशियां (गजल) सभी एल्बम हिट थे. मैंने दुर्गा सप्तशती से टी-सीरीज में एंट्री ली थी. उसके बाद तुलसी भजन, कृष्ण भजन किए. गुलशन जी ने फिर फिल्म बनाने का निर्णय लिया. फिल्म थी ममता का मंदिर. फिल्म का मुहुर्त था. जब हमने गाने तो पता चला कि वो डबल मीनिंग सॉन्ग हैं. जैसे – ‘मैं रातभर सोई, पंखा देती रही तेरी मां’, गाने सुनकर गुलशन जी बहुत नाराज हुए. फिल्म ‘माता वैष्णव देवी’ पर थी. उनका कहना था कि उन्हें कैसेट बेचना है. एक लाख कैसेट उन दिनों रोज उनकी कंपनी में बनते थे. मैंने कहा कि अगर आप पर वैष्णव देवी मां की इतनी ही कृपा है तो फिर कुछ अच्छे से सॉन्ग कैसेट में डालिए. कैसेट ही बेचना है तो एक चांस लीजिए. मैंने कहा कि कुछ नए सॉन्ग लाइये.’
अनुराधा ने आगे बताया, ‘मैंने गुलशन जी से कहा कि मुझे एक चांस दीजिए और एक एल्बम पर काम करने का मौका दीजिए. मैं म्यूजिक डायरेक्टर आनंद-मिलिंद के पास गई. मैंने उन्हें बताया कि फिल्म बनानी है. उन्होंने पूछा कि कौन हीरोइन है, कौन हीरो है. सिचुएशन क्या है? मैंने कहा कि कोई हीरोइन नहीं है. सिचुएशन वही है जो आज से 40 साल पहले से चली आ रही है. लड़का-लड़की मिले, बिछुड़ गए. यही तो होता है फिल्मों में. दुख भरे गाने बनाने हैं. इस तरह से लाल दुपट्टा मलमल का बनी.’

फिल्म को दूरदर्शन पर रिलीज किया गया था. फिल्म के वीडियो कैसेट बनाए गए थे. ‘लाल दुपट्टा मलमल का’ के एक साल बाद ही 1990 में ‘आशिकी’ फिल्म बनाई गई थी. यह फिल्म भी पहले म्यूजिक एल्बम था. बाद में फिल्म की कहानी लिखी गई थी.

जेनिफर एनिस्टन ने ब्रैड पिट से अपने दर्दनाक अलगाव और एंजेलीना जोली को लेकर मीडिया की गहन चर्चा के बारे में बात की। उन्हो...
22/08/2025

जेनिफर एनिस्टन ने ब्रैड पिट से अपने दर्दनाक अलगाव और एंजेलीना जोली को लेकर मीडिया की गहन चर्चा के बारे में बात की। उन्होंने भावनात्मक रूप से बताया कि उस दौरान उन्हें कैसा महसूस हुआ था।
अमेरिकी अभिनेत्री, निर्देशक और निर्माता जेनिफर एनिस्टन इस समय को "बेहद नाज़ुक" बताती हैं, और कहती हैं कि "पत्रकारिता एक खेल की तरह थी" और हर कोई "अभिघातज के बाद के तनाव" का अनुभव कर रहा था। वह स्वीकार करती हैं कि मीडिया के दबाव के कारण उन्होंने इसे "बहुत व्यक्तिगत रूप से लिया" जिसने उन्हें लगातार उजागर किया।
इस उथल-पुथल का सामना करते हुए, अभिनेत्री बताती हैं कि उन्हें इस वाक्यांश से सुकून मिला जो एक मंत्र बन गया: "उठो और आगे बढ़ती रहो, मेरी बच्ची।" अपनी कहानी के प्रति लोगों के आकर्षण को दर्शाते हुए, वह आगे कहती हैं, "यह पढ़ने में बहुत दिलचस्प था, अगर उनके पास धारावाहिक नहीं होते, तो उनके पास अखबार होते।"
जेनिफर ज़ोर देकर कहती हैं कि अपनी प्रसिद्धि के बावजूद, "हम इंसान हैं, भले ही कुछ लोग इस पर विश्वास करने से इनकार करते हों।" उन्हें कुछ लोगों की इस धारणा पर अफ़सोस है कि "हमें सब कुछ स्वीकार करना होगा क्योंकि हमने यह जीवन चुना है," जबकि यह गहन अनुभव जानबूझकर नहीं लिया गया था।
अभिनेत्री जेनिफर एनिस्टन ने यह भी बताया कि वह अपने पूर्व पति के बारे में अक्सर अपनी करीबी दोस्तों, जिनमें ग्वेनेथ पाल्ट्रो भी शामिल हैं, से बात करती हैं। इस इंटरव्यू में जेनिफर कहती हैं, "हाँ, बिल्कुल। हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते? हम लड़कियाँ हैं।"

इस गवाही के माध्यम से जेनिफर एनिस्टन ने अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन के उथल-पुथल भरे दौर का ईमानदार और मानवीय विवरण साझा किया है।

21/08/2025

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अक्षय कुमार हर साल 4-5 फिल्में रिलीज करने के लिए जाने जाते हैं. इस वक्त एक्टर अपनी पुरानी हिट फिल्मों के सीक्वल और दूसरे...
21/08/2025

अक्षय कुमार हर साल 4-5 फिल्में रिलीज करने के लिए जाने जाते हैं. इस वक्त एक्टर अपनी पुरानी हिट फिल्मों के सीक्वल और दूसरे पार्ट्स पर काम कर रहे हैं. इसी बीच अक्षय के फैन्स के लिए एक बुरी खबर सामने आई है. सुपरस्टार की एक पुरानी हिट फिल्म के सीक्वल पर ताला लग गया है.
अक्षय कुमार पिछले लंबे समय से अपनी पुरानी हिट फिल्मों के सीक्वल और दूसरे पार्ट्स पर काम कर रहे हैं. उनकी ‘राउडी राठौर 2’ भी लंबे समय से सुर्खियां बटोर रही थी. फिल्म को लेकर कहा जा रहा था कि इस पर काम चल रहा है. लेकिन अब लगता है कि ‘राउडी राठौर 2’ नहीं बनेगी. ये फिल्म बनने से पहले ही ठंडे बस्त में चली गई है. माना जा रहा है कि 3 साल बाद अब इस फिल्म को बनाने का फैसला बदल दिया गया है. वहीं फिल्म की स्क्रीप्ट को लेकर अब एक नई फिल्म बनाई जाएगी.
रॉनी स्क्रूवाला की यूटीवी मोशन पिक्चर्स के बाद, संजय लीला भंसाली के साथ डिज्नी इंडिया के पास ऑर्जिनल राउडी राठौर के सीक्वल के ऑफिशियल राइट्स हैं. लेकिन दोनों फिल्म के सीक्वल को हरी झंडी नहीं दे पा रहे हैं. फिल्म के सीक्वल को लेकर मेकर्स पूरी तरह से सोच में डूबे हुए है. ऐसे में पता चला है कि अब राउडी राठौर 2 बनाने का आइडिया ड्रॉप कर दिया गया है.
बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट के अनुसार डिज्नी के प्रतिबद्ध न होने के कारण, शबीना खान और संजय लीला भंसाली ने राउडी राठौर 2 के विचार को पूरी तरह से त्याग दिया है और स्क्रिप्ट को राउडी राठौर के टैग से हटाकर एक अलग एंटरटेनिंग फिल्म बनाने का फैसला किया है. दिग्गज स्क्रीनप्ले राइटर वी. विजयेंद्र प्रसाद द्वारा लिखे गए इस स्क्रीनप्ले में अब जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं, ताकि इसे एक फ्रेश, हाई-ऑक्टेन पुलिस ड्रामा बनाया जा सके.
साथ ही 2012 की एक्शन ब्लॉकबस्टर की मनोरंजन अपील को बरकरार रखा जा सके, जिसने बॉक्स ऑफिस पर कई फ्लॉप फिल्मों के बाद अक्षय कुमार को फिर से बॉलीवुड चार्ट में टॉप पर पहुंचा दिया था. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि मशहूर तमिल फिल्म निर्माता पी.एस. मिथ्रन को इस फिल्म के डायरेक्शन के लिए चुना गया है और अगले साल की शुरुआत में इसका निर्माण शुरू करने की प्लानिंग की जा रही है.

डायरेक्टर मिथ्रन को विशाल और सामंथा रुथ प्रभु की टेक्नो-थ्रिलर ‘इरुम्बु थिराई’ (2018), शिवकार्तिकेयन की 2019 की सुपरहीरो फिल्म ‘हीरो’ और कार्थी की जासूसी एक्शन थ्रिलर ‘सरदार’ (2022) जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है.

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