24/07/2025
यह एक ही पेड़ के दो फल हैं, जो देओल परिवार में जन्में. धर्मेंद्र के बड़े बेटे Sunny Deol और छोटे Bobby Deol. माता-पिता के प्रेम के अलावा बॉबी देओल बड़े भाई के भी खूब लाडले हैं. आज भी दोनों में कोई अंतर नहीं, पर सिर्फ उनके नजरिए से. अगर आपको दोनों का करियर ग्राफ दिखाया जाए, तो फिर सनी देओल बहुत आगे दिखते हैं. और शायद अभी कुछ सालों तक ऐसा ही चलने वाला है. वहीं बॉबी देओल के करियर पर नजर दौड़ाई जाए, तो खूब झटके खाए पर अब हालात कुछ सुधर रहे हैं. उम्मीद है आने वाले कुछ सालों में भाई सनी देओल को ही पीछे छोड़ दें या बराबरी तो कर ही लेंगे. जानती हूं मैंने यह बहुत बड़ी बात कह दी. शायद कुछ लोगों को इससे आपत्ति हो. या फिर कुछ इसे जमीन-आसमान का अंतर बता दें. पर जिस वजह से कहा है, वो है- Anurag Kashyap की ‘बंदर’. जिसे विदेशी ऑडियंस के लिए ‘मंकी इन ए केज’ नाम दिया गया है.
जी हां, अनुराग कश्यप अपनी अगली फिल्म बनाकर तैयार कर चुके हैं. जिसे 50वें टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर के लिए चुना गया है. जिसकी शुरुआत 4 सितंबर, 2025 को हो रही है. फिल्म को ऑफिशियली सेलेक्ट किया गया है. इस फिल्म में Bobby Deol लीड रोल में हैं. फिल्म का पहला पोस्टर भी आ चुका है. जिसकी तस्वीर, बॉबी के लुक पर इस बार बात नहीं होगी. यहां सिर्फ एक बड़े कदम पर बात होगी, जो इस एक्टर ने अपने करियर के लिए लिया है. क्यों और कैसे वो इस फिल्म के जरिए लंबी रेस का घोड़ा बनना चाहते हैं. जानिए
बॉबी देओल के डूबते करियर के लिए Animal वरदान साबित हुई. जिसमें वो खूंखार विलेन बनकर उतरे और दुनियाभर से 915 करोड़ छाप लिए. पर शुरुआत उससे पहले ही हो गई थी. वेब सीरीज ‘आश्रम’ से लोगों ने उन्हें एक अलग तरह से देखना शुरू कर दिया था. नेगेटिव रोल करके भी दर्शकों पर पॉजिटिव छाप छोड़ दी. यूं तो लंबे वक्त से लगातार एक ही तरह का काम कर रहे हैं. जहां भी देखा और सुना सिर्फ खलनायकी दिखी. पर बॉबी देओल अब कुछ नया करने निकल पड़े हैं. जो उनके लिए सिर्फ फायदेमंद ही साबित नहीं होगा, बल्कि यह लॉन्ग टर्म प्लान उन्हें सनी देओल के बराबर लाकर खड़ा कर देगा.
# बॉबी देओल अब कमर्शियल फिल्मों से हटकर कुछ नया ट्राई कर रहे हैं. जो पहले कभी नहीं किया. दरअसल अनुराग कश्यप की ‘बंदर’ पूरी तरह से एक कमर्शियल फिल्म नहीं है. बल्कि सच्ची घटनाओं से इंस्पायर्ड है. एक ऐसे शख्स की कहानी है, जिसपर रेप का झूठा आरोप लग जाता है. अब इसका 50वें टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल पर प्रीमियर होगा. क्योंकि अनुराग कश्यप ने पहले ही अपने करियर में ढेरों बेमिसाल फिल्में दी हैं. और उनकी क्रिएटिविटी तो हर कोई जानता ही है, तो बॉबी देओल के लिए एक नया और बेहतरीन एक्सपीरियंस भी होने वाला है. साथ ही आगे के लिए बेहतर साबित होगा. हाल फिलहाल में सनी देओल ने ऐसा कुछ नहीं किया है. उनकी जितनी भी फिल्मों को देखेंगे, वो पूरी तरह से कमर्शियल ही हैं. चलिए पहले दोनों भाइयों की पिछली 5 फिल्मों की बात करते हैं.
शुरुआत करते हैं सनी देओल की ‘जाट’ से. जो इसी साल सिनेमाघरों में रिलीज हुई, इसने दुनियाभर से 118 करोड़ की कमाई की थी. वहीं उससे पहले यानी 2023 में ‘गदर 2’ आई थी. जिसका वर्ल्डवाइड कलेक्शन 686 करोड़ रुपये रहा था. उससे पहले ‘चुप’ और ‘ब्लैंक’ सिनेमाघरों में डूब गई. जहां एक पिक्चर ने 19 करोड़, तो दूसरी फिल्म ने 8 करोड़ का कारोबार किया था. वहीं सनी पाजी की ‘भैयाजी सुपरहिट’ का भी बुरा हाल हो गया था. इस फिल्म ने 8 करोड़ का बिजनेस किया था.
वहीं दूसरी ओर बॉबी देओल की पिछली 5 फिल्में हैं. जिसमें से आखिरी दो साउथ फिल्में थी. ‘डाकू महाराज’ 125 करोड़ के साथ एक बड़ी फिल्म साबित हुई थी. वहीं ‘कंगुवा’ उनकी पहली साउथ की फिल्म थी, जो 106 करोड़ ही कमाई कर पाई थी. हालांकि, उससे पहले 915 करोड़ी ‘एनिमल’ का दुनियाभर में तगड़ा क्रेज देखा गया था. खासकर जब बात एक्टिंग की होती है, तो पूरी तरह से पास हुए थे. इसके अलावा ‘लव हॉस्टल’ (जी5) और ‘क्लास ऑफ 83’ (नेटफ्लिक्स) पर स्ट्रीम हुई थी. अब इन 10 फिल्मों में कुछ थिएटर में आईं, तो कुछ ओटीटी पर. पर सारी की सारी कमर्शियल फिल्में. यूं तो इससे पहले भी दूर तक लिस्ट में नॉन कमर्शियल पिक्चरों पर नजर नहीं गई.
जब ‘एनिमल’ आई, उसके बाद से Bobby Deol को एक-एक कर कई बड़ी फिल्में मिली हैं. और जिन भी दो फिल्मों में उन्होंने काम किया. उसमें भी एक ही तरह का रोल कर रहे थे. अब जो आने वाली हैं, उसमें भी सिर्फ नेगेटिव रोल है. लगातार उनपर सवाल उठ रहे थे कि एक ही तरह का काम कर रहे हैं. कुछ नया ट्राई नहीं करना चाहते और जो कर रहे हैं, वो भी उनके करियर को लंबे समय तक नहीं खींच पाएगा. ऐसा फैसला उनके लिए किसी खतरे से कम नहीं होता. पर अब अनुराग कश्यप के साथ जिस फिल्म के लिए जुड़े हैं. उससे उन्हें फिल्म को देखने, समझने और परखने का एक नया नजरिया मिलेगा. भाई सनी देओल वाली लीग छोड़कर बॉबी देओल अभय देओल वाले रास्ते पर निकल पड़े हैं. आपको भी याद होगा कि अभय देओल ने साल 2009 में अनुराग कश्यप के साथ DEV D की थी, जो एक नॉन कमर्शियल फिल्म थी.
अब इसका मतलब यह नहीं है कि बॉबी देओल कमर्शियल फिल्मों में नहीं दिखेंगे. वो काम करेंगे, जो कि पहले ही कई फिल्में साइन कर चुके हैं. पर खास बात यह है कि उन्होंने इस सक्सेस के बावजूद नॉन कमर्शियल फिल्म को चुना है. जो अक्सर एक्टर्स करते नहीं हैं. अगर पहले नहीं किया है तो. खुद को कमर्शियल फिल्म से हटाना एक बड़ा फैसला है.
बॉबी देओल चाहते, तो कमर्शियल फिल्म से हटने के लिए न कह सकते थे. क्योंकि इस वक्त उन्हें फिल्में मिल रही हैं. ठीक ठाक चर्चा में भी हैं. पर उन्होंने हर चीज को छोड़कर खुद को चैलेंज करने का फैसला लिया है. जो कि बड़ा कदम कहा जा रहा है. वो इससे खुद को साबित कर रहे हैं कि कमर्शियल फिल्मों के साथ ही बीच-बीच में ऐसी एक बढ़िया फिल्म में काम करेंगे. जो पर्सनल ग्रोथ के लिए जरूरी है. साथ ही इससे क्लियर होता है कि बॉबी देओल अब एक बड़े प्लान के साथ काम कर रहे हैं. इस फैसले से वो नजीर पेश करेंगे कि एक बेहतरीन एक्टर भी हैं. साथ ही जिन भी लोगों ने उनके फैसलों पर सवाल उठाया था, उन्हें गलत साबित करना भी कई दफा जरूरी हो जाता है. हालांकि, वो कमर्शियल फिल्म से हट रहे हैं, पर पूरी तरह से नहीं. दरअसल अनुराग कश्यप ऐसी फिल्में बनाते ही नहीं है, जो पूरी तरह नॉन कमर्शियल हो. तो वो थोड़ी कमर्शियल होती है न होकर भी.
बॉबी देओल और अनुराग कश्यप की जब फिल्म ‘बंदर’ रिलीज होगी, तो उसके बाद क्या होगा? यह सवाल खुद उनके मन में भी होगा. और होना भी चाहिए कि इसके बाद किस तरह की फिल्म पर काम करेंगे. उसका जवाब अभी से एकदम क्लियर है. डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स के दिमाग में उन्हें लेकर एक अलग छवि बनेगी. बॉबी देओल को अच्छे रोल मिलेंगे, जो बतौर एक्टर उन्हें स्थापित करने में और मदद करेंगे. दरअसल बॉबी देओल अपनी दूसरी पारी की तैयारी कर हैं, जिसमें वो पहले ही ऐसे रोल करने की तरफ बढ़ रहे हैं. जो एक वक्त पर फायदा पहुंचाते हैं.
जैसे अमिताभ बच्चन, जो एक बड़ा नाम हैं और लगातार बड़ी-बड़ी फिल्में मिल रही हैं. पर उन्होंने भी अपनी दूसरी पारी में छोटी-छोटी फिल्में भी की हैं. जैसे- पीकू और पिंक. लेकिन उनका औरा कम नहीं हुआ है.
बेशक फिल्मों की कमाई कम हो, पर बॉबी देओल को आगे चलकर इससे अच्छे रोल्स मिलेंगे. जो दूसरी पारी के लिए बेहद अहम होगा. तो अभी से खुद को उस स्थिति के लिए ढालना भी बेहद जरूरी है, जो प्लानिंग एक्टर अभी से कर रहे हैं. कमर्शियल फिल्मों के बीच में इस तरह की एक-एक फिल्म भी करते रहे, तो लॉन्ग टर्म के लिए मामला सेट हो जाएगा.
शायद मेरी इस बात से बहुत लोग सहमत न हो. इसलिए पहले ही क्लियर कर देते हैं कि कमाई के मामले में बॉबी देओल का सनी देओल के आसपास पहुंचना भी मुश्किल है. क्योंकि इतने साल से की गई बड़ी फिल्मों को पीछे नहीं छोड़ा जा सकता है. पर सनी देओल का एक स्टारडम है, कभी न कभी आगे चलकर उन्हें भी एक्शन से हाथ पीछे खींचने ही होंगे. वो 67 साल के हो चुके हैं और आगे किसी तो फिल्म में बाप वाले रोल करेंगे ही. या यूं कहूं कि न चाहते हुए भी एक वक्त बाद एक्टर्स को करने पड़ते हैं. अगर आप न कहते हैं तो फिर फिल्मों से हाथ धोना पड़ेगा.
अब अगर आप सनी देओल की अपकमिंग फिल्मों को देखेंगे, तो इसमें आपको ‘बॉर्डर 2’, ‘रामायण: पार्ट 1 एंड पार्ट 2’, ‘लाहौर 1947’, ‘बाप’, ‘जाट 2’ दिखती है. जो फिलहाल के लिए ठीक भी हैं, क्योंकि उनके लिए मार्केट में माहौल सेट है. बस एक ही ऐसी फिल्म है, जो फैमिली ड्रामा होगी- सफर. पर इसमें भी एक्शन दिखाई देगा ही. लेकिन कब तक सनी पाजी एक्शन करेंगे? 70, 75 साल तक… इसके बाद चीजें मुश्किल होती हैं और एक्टर को दूसरे रोल के लिए खुद को तैयार करना होता है. इसे ही फिल्मी करियर की दूसरी पारी कहा जाता है. इसलिए बॉबी देओल यह तगड़ी प्लानिंग अभी से करके चल रहे हैं. अगर बाद में जाकर जरूरत पड़ती है, तो फिर वो पूरी तरह से खुद को तैयार किए बैठे हैं. ऐसी फिल्मों का फायदा यह है कि वो सनी देओल से लंबा अपना करियर खींचकर ले जा सकते हैं. एक ही तरह के रोल नहीं मिलेंगे, उन्हें दूसरे तरीके से भी देखा जाएगा.
अगर इस वक्त मैं आपसे सवाल करूं कि बॉबी देओल को एक्शन और विलेन का रोल न दे. तो फिर क्या? शायद किसी के दिमाग में उन्हें दूसरे तरह के रोल में देखने की कोई छवि नहीं बनती. पर बंदर वाली फिल्म के बाद पक्का बनेगी, एक अच्छा एक्टर बनने और क्रिएटिविटी की ओर उनका कदम बहुत अच्छा साबित होगा. वैसे भी एक अच्छा एक्टर बनकर खुद को स्थापित करना ही सबसे अहम है.