22/08/2025
गुलजार के नाम से मशहूर दिग्गज कवि, गीतकार, ऑथर, स्क्रीन राइटर और फिल्म डायरेक्टर सम्पूरण सिंह कालरा 91 साल के हो गए हैं। 18 अगस्त 1934 को दीना, पंजाब (अब पाकिस्तान में) में पैदा हुए गुलजार को खासकर उनकी शायरी और गीतों के लिए जाना जाता है। दादा साहब फाल्के अवॉर्ड समेत 7 बार नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके गुलजार को खासतौर पर उनके गानों के लिए याद किया जाता है। बॉलीवुड के लिए उन्होंने कई शानदार गाने लिखे हैं। इनमें से कई ने अवॉर्ड भी जीते हैं। गुलजार साहब के जन्मदिन पर हम आपके लिए लाए हैं उनके अवॉर्ड विनिंग गानों के लिरिक्स, जो आप नीचे पढ़ सकते हैं...
1.मेरा कुछ सामान
फिल्म : इजाज़त
अवॉर्ड्स : नेशनल और फिल्मफेयर
पूरा गीत:-
मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है -
ओ ओ ओ! सावन के कुछ भीगे-भीगे दिन रखे हैं
और मेरे एक खत में लिपटी रात पड़ी है
वो रात बुझा दो, मेरा वो सामान लौटा दो।
मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है...
पतझड़ है कुछ ... है ना ?
ओ ! पतझड़ में कुछ पत्तों के गिरने की आहट
कानों में एक बार पहन के लौट आई थी
पतझड़ की वो शाख अभी तक कांप रही है
वो शाख गिरा दो, मेरा वो सामान लौटा दो।
एक अकेली छतरी में जब आधे आधे भीग रहे थे
आधे सूखे आधे गीले, सूखा तो मैं ले आई थी
गीला मन शायद बिस्तर के पास पड़ा हो
वो भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो।
एक सौ सोला चांद कि रातें एक तुम्हारे कांधे का तिल
गीली मेंहदी कि खुशबू, झुठ-मूठ के शिकवे कुछ
झूठ-मूठ के वादे सब याद करा दूं
सब भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो।
एक इजाज़त दे दो बस, जब इसको दफ़नाऊंगी
मैं भी वहीं सो जाऊंगी
मैं भी वहीं सो जाऊंगी।
2.यारा सीली सीली
फिल्म : लेकिन
अवॉर्ड्स : नेशनल और फिल्म
पूरा गीत :-
यारा सीली सीली बिरहा की रात का जलना
यारा सीली सीली, यारा सीली सीली
ओ यारा सीली सीली, डोला सीली सीली
यारा सीली सीली बिरहा की रात का जलना।
ये भी कोई जीना हैं, ये भी कोई जीना हैं
ये भी कोई मरना
यारा सीली सीली बिरहा के रात का जलना
ओ यारा सीली सीली, डोला सीली सीली।
टूटी हुई चूड़ियों से जोड़ूं ये कलाई मैं
पिछली गली में जाने क्या छोड़ आई मैं
बीती हुई गलियों से
बीती हुई गलियों से, फिर से गुज़रना।
ओ यारा सीली सीली, डोला सीली सीली
ओ यारा सीली सीली बिरहा के रात का जलना
पैरों में ना साया कोई सर पे ना साईं रे
मेरे साथ जाये ना मेरी परछांई रे
बाहर उजाड़ा है
बाहर उजाड़ा है, अंदर वीराना।
ओ यारा सीली सीली, डोला सीली सीली
ओ यारा सीली सीली बिरहा के रात का जलना।
3.जय हो
फिल्म : स्लमडॉग मिलियनेयर
अवॉर्ड : ग्रैमी अवॉर्ड
पूरा गीत
जय हो...जय हो...जय हो...जय हो
आजा, आजा जिंद शामियाने के तले
आजा ज़रीवाले नीले आसमान के तले
जय हो, जय हो
आजा, आजा जिंद शामियाने के तले
आजा ज़रीवाले नीले आसमान के तले
जय हो... जय हो
रत्ती-रत्ती सच्ची मैंने जान गवाई है
नच-नच कोयलो पे रात बितायी है
अंखियों की नींद मैंने फूंकों से उड़ा दी
गिन-गिन तारे मैंने उंगली जलाई है।
ए आजा, आजा जिंद शामियाने के तले
आजा ज़रीवाले नीले आसमान के तले
जय हो...जय हो
चख ले, हां चख ले
ये रात शहद है, चख ले
रख ले, हां दिल है
दिल आखिरी हद है, रख ले
काला, काला काजल तेरा
कोई काला जादू है ना
काला, काला काजल तेरा
कोई काला जादू है ना।
आजा, आजा जिंद शामियाने के तले
आजा ज़रीवाले नीले आसमान के तले
जय हो...जय हो।
कब से, हां कब से जो लब पे रुकी है
कह दे, कह दे, हां कह दे
अब आंख झुकी है, कह दे
ऐसी, ऐसी रोशन आंखें
रोशन दोनों हीरे है क्या?
आजा, आजा जिंद शामियाने के तले
आजा ज़रीवाले नीले आसमान के तले
जय हो...जय हो,
4. दो दीवाने शहर में
फिल्म : घरोंदा
अवॉर्ड : फिल्मफेयर
पूरा गीत :-
दो दीवाने शहर में, रात में और दोपहर में
आब-ओ-दाना ढूंढते हैं एक आशियाना ढूंढते हैं।
इन भूलभुलइया गलियों में, अपना भी कोई घर होगा
अम्बर पे खुलेगी खिड़की या खिड़की पे खुला अम्बर होगा
असमानी रंग की आंखों में
असमानी या आसमानी?
असमानी रंग की आंखों में
बसने का बहाना ढूंढते हैं, ढूंढते हैं
आब-ओ-दाना ढूंढते हैं एक आशियाना ढूंढते हैं।
जब तारे ज़मीं पर चलते हैं
तारे, और ज़मीं पर?
जब तारे ज़मीं पर चलते हैं
आकाश ज़मीं हो जाता है
उस रात नहीं फिर घर जाता, वो चांद यहीं सो जाता है
पल भर के लिये इन आंखों में हम एक ज़माना ढूंढते हैं, ढूंढते हैं
आब-ओ-दाना ढूंढते हैं... एक आशियाना ढूंढते हैं।
5.तुझसे नाराज़ नहीं जिंदगी
फिल्म : मासूम
अवॉर्ड : फिल्मफेयर
पूरा गीत:-
तुझसे नाराज नहीं ज़िन्दगी
हैरान हूं मैं
हो हैरान हूं मैं
तेरे मासूम सवालों से
परेशान हूं मैं
हो परेशान हूं मैं
जीने के लिए सोचा ही नहीं
दर्द संभालने होंगे
मुस्कराए तो मुस्कराने के
क़र्ज़ उतारने होंगे
मुकुराउं कभी तो लगता है
जैसे होठों पे क़र्ज़ रखा है
तुझसे नाराज नहीं ज़िन्दगी
हैरान हूं मैं
हो हैरान हूं मैं
आज अगर भर आई हैं
बूंदें बरस जाएंगी
कल क्या पता इनके लिए
आंखें तरस जाएंगी
जाने कब ग़ुम हुआ, कहां खोया
एक आंसू छुपा के रखा था।
तुझसे नाराज नहीं ज़िन्दगी
हैरान हूं मैं
हो हैरान हूं मैं
तेरे मासूम सवालों से
परेशान हूं मैं
हो परेशान हूं मैं"