DHANESH KUMAR

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हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए.
13/04/2025

हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए.

पेड़ काटने के बहाने भी होते हैं,लेकिन बचाने के तरीके भी होते हैं।
12/04/2025

पेड़ काटने के बहाने भी होते हैं,
लेकिन बचाने के तरीके भी होते हैं।

ताकत, सत्ता, जवानी कुछ भी स्थायी नहीं, सभी की 'एक्सपायरी डेट' होती है..!
09/04/2025

ताकत, सत्ता, जवानी कुछ भी स्थायी नहीं,
सभी की 'एक्सपायरी डेट' होती है..!

सीता जैसा संयम,लक्ष्मण जैसी सेवा, हनुमान जैसी भक्ति, और राम जैसा धैर्य… यही तो है राम नवमी का सच्चा संदेश। आप सभी को राम...
06/04/2025

सीता जैसा संयम,लक्ष्मण जैसी सेवा, हनुमान जैसी भक्ति, और राम जैसा धैर्य…
यही तो है राम नवमी का सच्चा संदेश। आप सभी को रामनवमी के हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं

😢गुनाह करके कहाँ जाओगे गालिब,ये जमीन और आसमान सब उसी का है।
03/04/2025

😢गुनाह करके कहाँ जाओगे गालिब,
ये जमीन और आसमान सब उसी का है।

AMERICA में आज से 40 साल पहले स्टीव जॉब्स और बिल गेट्स क्या कर रहे थे. शोध अध्ययन कर रहे थे. उनके मन में ठेकेदारी हासिल ...
22/03/2025

AMERICA में आज से 40 साल पहले स्टीव जॉब्स और बिल गेट्स क्या कर रहे थे. शोध अध्ययन कर रहे थे. उनके मन में ठेकेदारी हासिल कर व्यापार करने का उद्देश्य नही था. इसी कारण आज AMERICA के पास GOOGLE, APPLE है. MICROSOFT, CHATGPT, AMAZON और FACEBOOK है. SPACE𝕏 और GROK है. INDIA के उद्योगपति क्या कर रहे हैं. कांग्रेस शासनकाल में बने PSU को कम कीमत पर खरीदकर मुनाफा कमा रहे हैं. INDIA उद्योगपतियों ने देश को आज तक नया कुछ नही दिया. एक भी नया आविष्कार नही किया. सारा व्यापार ठेकेदारी की बुनियाद पर खड़ा है. यहां तक अब नजर अनाज मंडी पर भी है.

राजनीति से परे राष्ट्रीय एकता के लिए...छत्तीसगढ़ में आज, 22 मार्च को भाजपा बिहार दिवस मना रही है इसमें पार्टी और पार्टी ...
22/03/2025

राजनीति से परे राष्ट्रीय एकता के लिए...

छत्तीसगढ़ में आज, 22 मार्च को भाजपा बिहार दिवस मना रही है इसमें पार्टी और पार्टी की सरकार के लोग शामिल हो रहे हैं। इस प्रदेश के 25 बरस के अस्तित्व में किसी और प्रदेश का यह पहला ऐसा दिवस मनाया जा रहा है। इसके पहले न तो किसी पार्टी ने और न ही किसी सरकार ने किसी प्रदेश का दिवस मनाने की पहल की थी। कुछ लोगों को यह लग सकता है कि भाजपा संगठन की तरफ से छत्तीसगढ़ के प्रभारी बिहार के एक मंत्री नितिन नबीन हैं, और शायद उनको खुश करने के लिए छत्तीसगढ़ भाजपा यह समारोह कर रही है। कुछ दूसरे लोगों को लग सकता है कि बिहार में इस बरस विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, और इसलिए छत्तीसगढ़ में काम करने वाले लाखों बिहारी लोगों को खुश करने के लिए यह कार्यक्रम किया जा रहा है क्योंकि मतदान के लिए लोग अपने मूल प्रदेशों में जाते रहते हैं। भाजपा दुनिया की एक सबसे कल्पनाशील पार्टी है जो किसी प्रदेश में हो रहे चुनाव का प्रचार किसी और प्रदेश से, या नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों से भी करती है। हाल के बरसों में जब भारत के कुछ प्रदेशों में विधानसभा चुनाव चल रहे थे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी चुनाव के वक्त मतदान के पूरे दिन नेपाल के मंदिरों में दर्शन कर रहे थे और भारतीय चैनलों पर लाइव थे, तो किसी और प्रदेश में चुनाव के दिन वे बांग्लादेश के मठ और मंदिरों में पहुंचकर भारतीय खबरों में छाए हुए थे। अब छत्तीसगढ़ में बसे हुए बिहारियों के बीच आज से यह चुनाव प्रचार शुरू हो गया है, और इसमें कुछ भी अलोकतांत्रिक या अनुचित नहीं है।

लेकिन हम भाजपा की राजनीतिक कल्पनाशक्ति और सूझबूझ से परे देखें, तो इससे राष्ट्रीय एकता की एक बड़ी संभावना भी शुरू हो सकती है। ऐसा क्यों नहीं होना चाहिए कि छत्तीसगढ़ देश के हर राज्य के स्थापना दिवस को यहां पर उस राज्य से आए लोक कलाकारों के साथ वहां से आए हस्तशिल्पी और हाथकरघा कारीगरों के सामानों के साथ, वहां के संगीतकारों और लोकनर्तकों के साथ मनाए? ऐसी एक कल्पना ही छत्तीसगढ़ को देश के नक्शे में एक बहुत ही खास राज्य बना सकती है कि यह प्रदेश देश के हर राज्य का स्थापना दिवस वहां की संस्कृति की झांकी के साथ मनाता है। देश में अट्ठाइस राज्य हैं और कुछ केंद्र शासित प्रदेश हैं अगर ऐसे ढाई दर्जन समारोह छत्तीसगढ़ के संभागीय मुख्यालयों पर अलग-अलग बरस, अलग-अलग प्रदेशों के सहयोग से मनाए जाएंगे तो इससे छत्तीसगढ़ की हर पीढ़ी को पूरे देश की एक झांकी सीधे देखने मिलेगी। आम लोग तो इतने सक्षम नहीं रहते हैं कि वे देश के हर राज्य को जाकर वहां की कला-संस्कृति और जनजीवन को देख सकें, लेकिन छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य बन सकता है जो हर राज्य के स्थापना-समारोह को यहां मनाकर, और उन राज्यों के सहयोग से ही हर तरह के आयोजन करके राष्ट्रीय एकता की एक नई परंपरा कायम करे।

जिस तरह गणतंत्र दिवस पर देश के अलग-अलग राज्यों की एक-एक झांकी दिल्ली की परेड में देखने मिलती है, मैं उसी का एक विस्तार सुझा रही हूं कि छत्तीसगढ़ सरकार अपने सभी संभागीय मुख्यालयों पर अलग-अलग राज्यों के समारोह आयोजित करे जो जनता के बीच एक बड़े मेले की तरह रहे, और हर राज्य की इसमें दिलचस्पी भी होगी कि वे अपने हस्तशिल्प और हाथकरघा की बिक्री यहां पर करवाएं, अपने पर्यटन के स्टॉल लगाएं, अपने लोक संगीत और लोक नृत्य के कार्यक्रम पेश करें, और अपने राज्य की उपलब्धियों को छत्तीसगढ़ प्रदेश की जनता के सामने रखें। जिस तरह ग्वालियर में ऐसे बड़े आयोजनों के लिए मेला नाम की एक जगह बनायी गई है, छत्तीसगढ़ में भी सरकार हर संभागीय मुख्यालय पर कई एकड़ की सरकारी जमीन पर ऐसे मेला स्थल बना सकती है, और हर राज्य से संपर्क करके उन्हें आमंत्रित कर सकती है। इसमें राज्य सरकार का बहुत बड़ा खर्च नहीं लगेगा और अपनी जनता को पूरे देश की संस्कृति से परिचित कराने की एक बड़ी राष्ट्रीय जिम्मेदारी इससे पूरी होगी।

इससे दूसरे राज्यों को जो मिसाल मिलेगी उससे वहां पर भी जब वे अलग-अलग राज्यों को आमंत्रित करेंगे तो छत्तीसगढ़ को भी पूरे देश में जाकर अपने राज्य की एक विशाल झांकी पेश करने का मौका मिलेगा। और यह भी हो सकता है कि छत्तीसगढ़ सरकार की ऐसी पहल को देखकर भारत सरकार ही इसे एक बड़े आयोजन के रुप में रखे और शहरी विकास मंत्रालय देश के हर संभागीय मुख्यालय पर ग्वालियर के मेला जैसी जगह विकसित करे और देश के सारे राज्यों के आयोजन दूसरे प्रदेशों में करवाने की एक राष्ट्रीय परंपरा शुरू हो जाए। छत्तीसगढ़ को ऐसी पहल करने वाला पहला राज्य बनना चाहिए।

क्या सोचते हैं?

महाड आंदोलन पानी का मुद्दा नही था, बल्कि मानव अधिकार का मुद्दा था. तालाब महाड नगरपालिका का था. सार्वजनिक तालाब पर सभी का...
20/03/2025

महाड आंदोलन पानी का मुद्दा नही था, बल्कि मानव अधिकार का मुद्दा था. तालाब महाड नगरपालिका का था. सार्वजनिक तालाब पर सभी का अधिकार था. लेकिन इस तालाब में कुत्ता पानी पी सकता था, लेकिन दलितों को तालाब का पानी छूने की मनाही थी. आज ही के दिन 1927 में डॉ आंबेडकर ने आंदोलन का नेतृत्व किया. डॉ आंबेडकर ने तालाब का पानी पीकर अपने अधिकार का निर्वहन किया. महाड आंदोलन गांधी के नमक आंदोलन से भी बढ़ा और महत्वपूर्ण आंदोलन था. सवर्ण हिन्दुओं ने खुश होने बजाय लौटते आंदोलनकारियों पर लाठी डंडे से हमला कर दिया. कई स्थानों पर दलितों का बहिष्कार किया गया. उन्हें नौकरी से हटा दिया गया, बंटाई में दी गयी ज़मीन वापस छीन ली गई. इस घटना के बाद डॉ बाबा साहेब अंबेडकर बहुत आहत हुए. उन्होंने उसी साल सितंबर में दूसरा महाड आंदोलन आयोजित किया और अपने भाषण में जाति वर्ण अव्यवस्था के समूल नाश की डॉक्ट्रिन दी.

AZAD BHARAT फरवरी 2015.40 साल के आदमी ने अपनी बीमार पत्नी के साथ Unnatural सेक्स किया. पत्नी मर गयी. मामला कोर्ट में चला...
20/03/2025

AZAD BHARAT फरवरी 2015.

40 साल के आदमी ने अपनी बीमार पत्नी के साथ Unnatural सेक्स किया. पत्नी मर गयी. मामला कोर्ट में चला. छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट ने पति को ये कहते हुए बरी किया,पत्नी से बिना इजाजत के Unnatural सेक्स करना अपराध नही है. BRITISH RAJ INDIA 1889. बंगाल में 10 साल की फुलमोनी दास का विवाह 30 साल के हरि मोहन के साथ हुआ. पहली रात को संबंध बनाने के दौरान फुलमोनी की दर्दनाक मौत हो गयी. फुलमोनी का पोस्टमार्टम करने वाले डॉ ऑनन्दा प्रोसाद दास ने रिपोर्ट में लिखा : जांघ पर खून के छिटे हैं. पेल्विक का हिस्सा एक इंच फट गया है. घुटने की हड्डी टूट सरक गयी है. योनि पूरी तरह विकसित नही है.1890 में न्यायपालिका ने कहा इस मामले में पति को सज़ा देने का कोई कानून नही है. इसलिए केवल 12 महीने मजदूरी करने की सज़ा सुनाई गई. 1891 में वाईस रॉय ने लड़कियों के विवाह करने की उम्र 12 साल कर दी. हिंदूवादी नेताओं ने तूफान खड़ा कर दिया. महाराष्ट्र का एक नेता ने छाती पीट पीटकर कर विरोध किया

नई दुनिया यानी अमेरिका महाद्वीप के मूलनिवासियों ने पुरानी दुनिया को आलू, मक्का, कद्दू, सूरजमुखी, अनन्नास, वनीला के अलावा...
20/03/2025

नई दुनिया यानी अमेरिका महाद्वीप के मूलनिवासियों ने पुरानी दुनिया को आलू, मक्का, कद्दू, सूरजमुखी, अनन्नास, वनीला के अलावा "तंबाकू" भी दिया.

अमेरिकी मूलनिवासी सभ्यता में तंबाकू ज़हर नही औषधि थी. तंबाकू निकोटियाना प्रजाति की वनस्पति है जिसका उत्पादन 8,000 साल पहले मेसोअमेरिका इलाकों में शुरू हुआ.

स्थानीय निवासी इसका उपयोग धूप, उपचार, जादू टोना, दर्द निवारक दवाओं के रूप में, जैसे दांतों के इलाज में भी तंबाकू का उपयोग किया जाता था.

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एज़्टेक, माया और इंका सभ्यताओं में तंबाकू धार्मिक अनुष्ठानों के अलावा धूम्रपान के लिए भी इस्तेमाल की वस्तु था.

15वीं शताब्दी में यूरोपीय साम्राज्यवाद की घुसपैठ के बाद तंबाकू का पौधा स्पेन पहुंचा, इसके बाद 1586 में इंग्लैंड और 1560 में फ्रांस. यूरोपीय ज़मींदारों और व्यापारियों ने तंबाकू की खेती बड़े पैमाने पर शुरू की. 1600 सदी में अफ्रीका महाद्वीप, अरब, भारतीय महाद्वीप और चीन जापान तक धीरे धीरे फैल गया.

अकबर को तोहफे में पहली बार मिला तंबाकू मिला जो एक चांदी के छोटे से डिब्बे में पाइप में था. पाइप में सुलगते हुए तंबाकू का कस्त मारते हुए अकबर ने कहा बड़ा नशीला पदार्थ है.

मुग़ल साम्राज्य में तंबाकू बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने लगा. मुग़ल बादशाहों ने तंबाकू पर भारी लगान लगाया. मुग़ल ख़ज़ाने में तंबाकू व्यापार से हर दिन 5,000 रुपए लगान आता था.

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यूरोपीय ज़मींदारों ने तंबाकू की जन्नी, अमेरिका में बड़े पैमाने पर तंबाकू की खेती शुरू की, अफ्रीका के गुलाम तंबाकू के पत्ते तोड़ते और यूरोप के कुलीन तंबाकू का धुआं उड़ाते. इंग्लैंड और फ्रांस में तंबाकू उद्योगपतियों के नाम सड़को और महलों के नाम रखे गए. काश कोई तंबाकू के पत्ते तोड़ने वाले गुलामों के नाम भी भी कोई सड़क कर देता.

स्कॉटलैंड के ग्लॉसकोव शहर की विशाल यूनिवर्सिटी स्कॉटिश तंबाकू व्यापारी के अनुदान राशि पर बनी है. यूरोप के बाद अब अमेरिका के कुलीन भी तंबाकू के व्यापार से अमीर बनने के लिए अतुर थे. सिगरेट और सिगार के आविष्कार के बाद अमेरिका में Taste The Smoke नाम से प्रचार प्रसार चला.

ओटोमन साम्राज्य ने तंबाकू उत्पादों पर पाबंदी लगा दी, चीनी साम्राज्य ने भी तंबाकू पर पाबंदी लागई. लेकिन ब्रिटिश राज में दक्षिण भारत के तटीय इलाकों में तंबाकू की खेती जोरो पर होने लगी.

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धूम्रपान अब महामारी की शक्ल अख्तियार कर चुका था. जिसकी चपेट में भारत का गरीब तबका भी आ गया जिन्हें तेंदू के पत्ते में तंबाकू भर कर बीड़ी की लत लगा दी गयी. 20वीं सदी की शुरुआत में तंबाकू को सुरती बनाकर बेचा जाने लगा जो आम आदमी के लिए नशा बन गया.

1920 - 1940 के बीच तंबाकू सेवन से फेफड़ों का कैंसर होने का प्रमाण मिलने लगा, लेकिन तंबाकू की ताकतवर लॉबी के आगे सरकारें ने घुटने टेक दिए.

1957 में BRITISH MEDICAL RESERACH COUNCIL ने नए ठोस प्रमाण और तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट पेश की धूम्रपान का सीधा संबंध फेफड़ों के कैंसर से है.

सिगरेट बॉक्स और तंबाकू उत्पादों पर केवल कैंसर होने के खतरों का उल्लेख करने का नियम बना. आज भी तंबाकू सेवन और धूम्रपान एक महामारी है.

पूरी दुनिया में हर साल 80,00,000 लाख लोग धूम्रपान से होने वाले कैंसर से मारे जाते हैं. नई दुनिया तंबाकू जो उनके लिए औषधि था, पूरानी दुनिया ने अपने लिए ज़हर बना लिया.

INDIA में मंदिर मस्जिद की बात हो रही है. कब्रिस्तान और शमशान घाट की बात होती है. महिलाएं REEL बना रही है. बेरोजगार युवा ...
20/03/2025

INDIA में मंदिर मस्जिद की बात हो रही है. कब्रिस्तान और शमशान घाट की बात होती है. महिलाएं REEL बना रही है. बेरोजगार युवा REEL देखने में व्यस्त है. कोई CHHAAVA फ़िल्म में अपना इतिहास ढूंढ रहा है. आज भी INDIA में SCIENCE कोई मुद्दा नही है. ECONOMY और गिरता RUPAYA कोई मुद्दा नही है. AMERICA में हमेशा SCIENCE, HEALTH, EDUCATION, ECONOMY और DOLLAR प्रमुख मुद्दा होता है. AMERICA आज भी सबसे ज्यादा ASTRONAUTS पैदा कर रहा है. INDIA में IIT में पढ़ने के बावजूद बाबा पैदा कर रहा है और जातिवादी उसमें मलंग ढूंढते हैं.

उत्तरप्रदेश से एक बहुत ही अजीब मामला आया है 🥹पति एकदम हीरो जैसा है प्रेमी एकदम सड़क छाप छपरी लेकिन स्त्री के मन को आज तक...
20/03/2025

उत्तरप्रदेश से एक बहुत ही अजीब मामला आया है 🥹

पति एकदम हीरो जैसा है प्रेमी एकदम सड़क छाप छपरी लेकिन स्त्री के मन को आज तक कोई समझ नहीं सका है कि उसे क्या चाहिए

ऊपर से प्रेमी बेरोजगार और पति मर्चेंट नेवी में और उसके बाद एक मल्टीनेशनल कंपनी में अधिकारी

पति पसंद नहीं था तो तलाक ले लेती

प्रेमी के साथ मिलकर टुकड़े करके बड़े से ड्रम में डालकर सीमेंट से भरकर उसी में जमा दिया

क्या हो गया है देश को? क्या हो गया है समाज को?

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