22/07/2025
🛑 “सपना था कि इस पुल से गांव-शहर जुड़े, बच्चे स्कूल जाएं, किसान मंडी पहुंचे… पर हकीकत में यह पुल आज भी अधूरा खड़ा है। यह पुल सिर्फ नदी पर नहीं, सिस्टम पर भी सवाल खड़ा करता है। कब पूरा होगा ये अधूरा सपना?”इस अधूरे पुल की कहानी और कारण:📌 कहाँ का है यह पुल?– यह बरेली-बदायूं (उत्तर प्रदेश) का अधूरा पुल है, जो कई वर्षों से ऐसे ही अधूरा खड़ा है।– इसे रामगंगा नदी पर बनाया जा रहा था ताकि बरेली-बदायूं के बीच आवागमन आसान हो सके।📌 यह पुल अधूरा क्यों है?1️⃣ भ्रष्टाचार और फंड की कमी:– पुल बनाने के लिए बजट पास हुआ लेकिन भ्रष्टाचार और पैसे के दुरुपयोग के कारण काम बीच में रुक गया।– ठेकेदार और अधिकारियों की लापरवाही के कारण समय पर काम पूरा नहीं हो सका।2️⃣ भूमि अधिग्रहण का विवाद:– पुल के एप्रोच रोड के लिए जिन ज़मीनों की ज़रूरत थी, वहाँ के किसानों और प्रशासन के बीच मुआवज़ा विवाद के कारण जमीन नहीं मिल सकी।3️⃣ प्रशासनिक लापरवाही और सरकारें बदलना:– सरकार बदलने पर परियोजना की प्राथमिकता बदल गई।– नए टेंडर और फंड पास कराने में देरी होती रही।📌 इस पुल का उद्देश्य क्या था?– बरेली और बदायूं के बीच सीधा, तेज़ और आसान रास्ता उपलब्ध कराना।– बारिश के समय रामगंगा में बाढ़ आने पर नाव और लंबा रास्ता लेने की मजबूरी खत्म करना।– आसपास के गाँवों को शहरों से जोड़ना, जिससे व्यापार, शिक्षा और चिकित्सा की सुविधा में आसानी हो।📌 आज यह पुल किसका प्रतीक है?– यह अधूरा पुल सरकारी उदासीनता और सिस्टम की विफलता का प्रतीक बन चुका है।– जनता के टैक्स के पैसों के दुरुपयोग की याद दिलाता है।– सोशल मीडिया पर लोग इसे “बदायूं का अधूरा सपना” भी कहते हैं।•