
23/07/2025
दिल्ली, माननीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जी के साथ झारखंड में उच्च शिक्षा के परिदृश्य पर एक गहन विचार-विमर्श गिरिडीह विधायक सह पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू द्वारा किया गया, जिसमें माननीय सांसद विजय कुमार हांसदा जी की भी उपस्थिति रही। झारखंड को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार से तत्काल और प्रभावी सहयोग का अनुरोध किया गया।
प्रमुख चुनौतियाँ:
1. कम सकल नामांकन अनुपात (GER): झारखंड का GER केवल 18.3% है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी कम है।
2. कम कॉलेज घनत्व: प्रति लाख आबादी पर केवल 8 कॉलेज हैं।
3. PM-USHA के तहत कम स्वीकृति: 159 प्रस्तावों में से केवल 1 MERU, 17 कॉलेज और 6 हॉस्टल को मंजूरी मिली; कोई नया मॉडल डिग्री कॉलेज स्वीकृत नहीं हुआ।
4. शिक्षा ऋण से नुकसान: ₹231.72 करोड़ की संभावित क्षति हुई क्योंकि अधिकांश ऋण अन्य राज्यों के संस्थानों को गए।
राज्य की मुख्य माँगें और पहलें:
1. ₹800 करोड़ की परियोजना: स्किल और फिनटेक यूनिवर्सिटी की स्थापना की मंजूरी का आग्रह।
2. IITs के सहयोग से: e-Samarth ERP और इनोवेशन पॉलिसी 2025 लागू करने की योजना।
3. शीघ्र स्वीकृति का अनुरोध: IIT राँची, NIFT कैंपस और PIFC प्रस्तावों को जल्द मंजूरी देने की मांग।