01/10/2025
*शंकर-पार्वती के मांगलिक मिलन को सनातन संस्कृति में विवाह परंपरा का प्रारंभ माना गया*
▶️इटावा उमेघा आई हॉस्पिटल पर डॉo गौरव दुबे समस्त स्टाफ द्वारा नवरात्रों के पावन पर्व पर भंडारे का आयोजन करवाया
ब्यूरो रिपोर्ट डॉ राहुल तिवारी इटावा
इटावा। शारदीय नवरात्र के पहले दिन शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के देवी मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ा। भक्तों ने श्रद्धाभाव से मंदिरों में पहुंचकर पूजा अर्चना की और मनौतियां मांगीं। शहर स्थित सिद्धपीठ कालीबांहन मंदिर और कालीबाड़ी मंदिर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा। घरों में भी भक्तों ने विधि विधान से पूजा अर्चना की और कलश स्थापना करके व्रत रखा।नवरात्र के रोज से ही आराधना अनवरत और उत्साह पूर्ण चलती रही। देवी का यह स्वरूप नारी शक्ति और मातृ शक्ति का सजीव चरित्र है। स्कंदकुमार की माता होने के कारण इनका नाम स्कंदमाता पड़ा। गणेशजी देवी के मानस पुत्र हैं और कार्तिकेयजी गर्भ से उत्पन्न। तारकासुर को वरदान था कि वह शंकरजी के शुक्र से उत्पन्न पुत्र द्वारा ही मृत्यु को प्राप्त हो सकता है। इसी कारण देवी पार्वती का शंकरजी से मंगल परिणय हुआ। इससे कार्तिकेय पैदा हुए और तारकासुर का वध हुआ। शंकर-पार्वती के मांगलिक मिलन को सनातन संस्कृति में विवाह परंपरा का प्रारंभ माना गया। कन्यादान, गर्भ धारण इन सभी की उत्पत्ति शिव और पार्वती प्रसंगोपरांत हुई।पिछले कई दिनों से सनातन धर्मप्रेमी देवी मां की भक्ति में लीन नजर आए। घर से लेकर मंदिरों में दिन भर पूजा अर्चना का दौर चला। भक्तों ने घरों में विधि विधान के साथ कलश स्थापना की। कुछ ने अखंड ज्योति भी जलाई। दिन भर उपवास रखा। साथ ही कई भक्तों ने नौ दिन के उपवास पूरा किया। आज श्रद्धा भाव का अंतिम चरण था जिसके कारण आज अर्द्ध रात्रि से ही शहर स्थित सिद्धपीठ कालीबांह मंदिर में पूजा अर्चना के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर में विराजमान देवी प्रतिमा के दर्शनों के लिए भक्तों की लंबी लाइनें लगी रहीं। मंदिर परिसर में लगे मेले में भक्तों ने जमकर खरीददारी की। देर रात देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा।
इटावा उमेघा आई हॉस्पिटल पर डॉo गौरव दुबे समस्त स्टाफ द्वारा नवरात्रों के पावन पर्व पर भंडारे का आयोजन करवाया और भूखे को भोजन करवा कर दान दक्षिणा भी दी,और साई डेंटल क्लीनिक बलराम सिंह चौराहे पर डॉo अतुल चौधरी ने नवरात्रों के पावन पर भंडारे का आयोजन करवाया बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसादी प्राप्त कर अपने को धन्य समझा।