Vasudha Yadav एक छोटी सी पहल

Vasudha Yadav   एक छोटी सी पहल Asstt. Teacher
(8)

26/07/2025
25/07/2025

"मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहौं "
पंक्ति में कौन सा अलंकार है?

24/07/2025

24/07/2025

कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय
वा खाए बौराए जग या पाए बौराए।
इस दोहे में कौन सा अलंकार है ?

23/07/2025

शिक्षा से ज्यादा मूल्यवान कुछ भी नहीं है इसको कठिन परिश्रम से ही प्राप्त किया जा सकता है

22/07/2025

वक्त फिर भी रुक जाता है लेकिन एक शिक्षक की अपने छात्र के प्रति जिम्मेदारियां हमेशा चलती रहती हैं

"शिक्षक का काम सिर्फ़ किताबों तक सीमित नहीं होता..."बहुत बार लोग पूछते हैं—"आजकल के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई होती भी है क...
21/07/2025

"शिक्षक का काम सिर्फ़ किताबों तक सीमित नहीं होता..."

बहुत बार लोग पूछते हैं—"आजकल के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई होती भी है क्या?"
और कभी-कभी सोशल मीडिया पर ऐसा मज़ाक उड़ाया जाता है जैसे हम सिर्फ़ समय काटने आते हैं।

लेकिन जब कोई अपने अनुभव और नज़र से देखता है और हमें हमारे कर्मभूमि में पहचानता है—तो दिल से एक ही शब्द निकलता है—"धन्यवाद।"

मैं दिल से आभारी हूँ अल्पना मैडम की, जिन्होंने मुझे और मेरे जैसे कई समर्पित शिक्षकों को अपने पोस्ट में सराहा।
शिक्षक होना सिर्फ़ एक नौकरी नहीं, एक दायित्व है।
हम बच्चों के साथ जीते हैं, उनके साथ सीखते हैं, और हर दिन उन्हें आगे बढ़ते देखना ही हमारी सबसे बड़ी जीत होती है।

हर शिक्षक महान नहीं होता—सच है।
पर हर शिक्षक को एक मौका ज़रूर मिलना चाहिए, समझे जाने का, सराहे जाने का, और सबसे ज़रूरी—समाज को संवारने का।

मैं इस पोस्ट को उन सभी शिक्षकों को समर्पित करती हूँ—जो चुपचाप, बिना शोर के, रोज़ अपनी क्लास में किसी बच्चे का भविष्य रोशन कर रहे हैं।

"शिक्षा एक दीपक है, और शिक्षक उसकी लौ।
जो खुद जलकर, दूसरों को रौशन करते हैं।"

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