30/10/2025
हरियाणा के फरीदाबाद IMT क्षेत्र स्थित न्यूट्रिमेड हेल्थ केयर कंपनी के मिल्क पाउडर का सैंपल अनसेफ फैल पाया गया है। ये सैंपल इंफेंट मिल्क पाउडर का था, जो 6 महीने तक के बच्चों को पिलाया जाता है। फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट की टीम ने ये सैंपल लिया था, जिसकी अब लैब से रिपोर्ट आई है।
फूड एंड सेफ्टी विभाग ने कपंनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अब कंपनी को जांच में शामिल किया जाएगा। इस रिपोर्ट ने प्रशासन के साथ-साथ अभिभावकों की चिंता भी बढ़ा दी है, क्योंकि इस उम्र के बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कमजोर होती है और दूषित दूध पाउडर उनके स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है।
चिंता इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि पिछले दिनों मध्य प्रदेश और राजस्थान में कुछ कफ सिरप कंपनियों की लापरवाही के कारण कई बच्चों की जान जा चुकी है। दूसरी तरफ, कंपनी के मालिक TN तिवारी ने कहा कि यह विदेशी कंपनियों की चाल हो सकती है। क्योंकि, उनकी कंपनी मल्टी नेशनल कंपनियों को टक्कर दे रही है। कंपनी विभाग से दोबारा जांच कराने की अपील करेगी।
जांच के बाद अधिकारी ने ये खुलासे किए...
67 सैंपल लिए, 18 की रिपोर्ट आई, 3 सब स्टैंडर्ड: फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट के डेजिनेटेड ऑफिसर डॉ. पृथ्वी सिंह ने बताया कि दीवाली से 20 दिन पहले कुल 67 सैंपल लिए गए थे। इनमें मिठाइयां, मावा, दूध, दही, बेसन, चटनी और इंफेंट मिल्क पाउडर जैसे उत्पाद शामिल थे। इनमें से अब तक 18 सैंपल की रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिनमें 3 सैंपल फेल पाए गए। इनमें मावा व बेसन का एक-एक सैंपल और न्यूट्रिमेड हेल्थ केयर कंपनी का इंफेंट मिल्क पाउडर शामिल है।
नोटिस जारी कर जवाब मांगाः डॉ. पृथ्वी ने बताया कि 5 सैंपल सब-स्टैंडर्ड कैटेगरी में पाए गए हैं, जिनमें चटनी, दही, मावा और मिठाइयां शामिल हैं। विभाग ने इन सभी मामलों में संबंधित कंपनियों और दुकानदारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
करनाल लैब में जांच कराई, रिपोर्ट के बाद कंपनी को नोटिस: डॉ. पृथ्वी सिंह ने बताया कि सैंपल जांच के लिए विभाग की करनाल लैब में भेजे गए थे। 17 अक्टूबर को चंडीगढ़ से रिपोर्ट तैयार होकर उनके पास पहुंची थी। इसके बाद सोमवार को ही उन्होंने कपंनी को नोटिस जारी कर दिया था। नोटिस में कंपनी से 30 दिन में जवाब मांगा गया है।
पेंटोनिक एसिड कम मिला, कार्बोहाइड्रेट्स ज्यादाः
डॉ. पृथ्वी सिंह के मुताबिक कंपनी के मिल्क पाउडर दूध में जांच के दौरान कार्बोहाइड्रेट्स व आयोडीन मात्रा ज्यादा मिली है। पेंटोनिक एसिड की मात्रा कम मिली है। इसके अलावा कई दूसरे पैरामीटर पर पाउडर में गड़बड़ी मिली है। बच्चों को मिलने वाली जरूरी विटामिन की कमी भी पाई गई है। विभाग के नोटिस में कहा गया है मिल्क पाउडर के पैकिंग (डिब्बे) पर कंटेंट की जो मात्रा लिखी है, असल में यह उससे कम या ज्यादा मिली है।
हरियाणा में कंपनी की मिल्क पाउडर की सप्लाई न्यूट्रिमेड कंपनी का मिल्क पाउडर हरियाणा के अलावा देश के कई राज्यों में सप्लाई होता है। इसके अलावा 20 देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है। जिस बैच के सैंपल फेल हुए हैं, फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने उस बैच के उत्पाद तुरंत बाजार से हटाने को कहा है। सब स्टैंडर्ड उत्पाद से बच्चों को डायरिया, संक्रमण, किडनी और लिवर से जुड़ी दिक्कतें हो
मिल्क पाउडर बनाने वाली कंपनी न्यूट्रिमेड हेल्थ केयर के मालिक TN तिवारी है
40 साल से हरियाणा में रह रहे तिवारी
TN तिवारी मूल रूप बिहार के रहने वाले हैं और पिछले 40 सालों से हरियाणा में रह रहे हैं।