21/08/2025
कुत्ता प्रेमी प्रजातियों को अगर कोई कुत्ता कहता है तो इनको बुरा क्यों लगता है ??
इसका अर्थ है कि कुत्ता बुरा है ??
कुत्ता तो कुत्ता ही है न ।
वह भी तो पशु है ।
गाय प्रेमी को अगर कोई कहता है कि ये तो बिल्कुल गाय है या गौ है , तो वह तो प्रसन्न हो जाते हैं ।
किसी स्त्री को जो किसी अभिनेत्री से प्रेम करती हो , like करती हो , उसको अगर बोल दो कि बिल्कुल ऐश्वर्य राय लग रही है तो वह खुश हो जाती है ।
कोई ऋतिक को पसंद करता हो , उसको अगर बोल दो कि बिल्कुल ऋतिक या सलमान लग रहा है तो , वह तो गुस्सा नहीं होता बल्कि खुश होता है ।
अरे , जिसको आप प्रेम करते हैं , अगर कोई उसको बोल दे कि आप उसी तरह लग रहे हैं तो वह तो प्रसन्न हो जाता है ।
मैं अपने गुरु से प्रेम करता हूँ , जब कोई मुझे बोलता है कि आप बिलकुल अपने गुरु की तरह लग रहे हैं तो मुझे तो आनंद का पारावार नहीं होता ।
यह तो स्वाभाविक है कि जिससे आपको प्रेम होगा , आप उसी की तरह ही आचरण करेंगे और उसी की तरह लगना चाहेंगे ।
अब प्रश्न यहाँ खड़ा होता है कि जो स्त्रियाँ कुत्ते को बच्चा बच्चा कहती हैं , अगर उनको उनकी मम्मी कुतिया कहा जाय तो उनको बुरा क्यों लगता है ??
अरे वह तुम्हारा बच्चा है , तुम्हारी प्रजाति का है , उससे इतना प्रेम लेकिन उसके नाम से इतनी घृणा क्यों है ???
कोई भी Dog Lover या कुत्ता प्रजाति स्वयं को कुत्ता कहलवाने पर बुरा क्यों मान रहा है ??
इसका कोई ठोस कारण नहीं समझ आ रहा है !!
यह तो वही बात हुई कि गुड़ खाये और गुलगुले से परहेज़ !!
मुझे तो फूलों से पेड़ पौधों से बहुत प्रेम है ।
अगर मुझे कोई पुष्प बुलाये या कहे कि भैया जी आप बिलकुल फूलों की तरह लग रहे हैं तो मैं तो प्रसन्न हो जाऊँगा ।
फिर कुत्ता lover को अगर कोई Dog कहें या कुत्ता कहे तो उन्हें इस शब्द से घृणा क्यों है ??
कोई तो बात होगी न ।
यह वही Doggy हैं जो अन्य जानवरों को मारकर कुत्तों को मांस खिलाते हैं लेकिन बनते हैं Dogesh.
ये वहीं हैं जिन्होंने गाय कभी नहीं पाली या उसके प्रति इनका कोई प्रेम जाग्रत नहीं होता , लेकिन कुत्ते से मुँह चटवाने के लिये दिन रात लगे रहते हैं ।
ये वही प्रजाति हैं , जिनको कुत्तों द्वारा बच्चों को काटते देखकर , उन असंख्य बच्चों को तड़प तड़प कर मरते देख कर तनिक भी दया नहीं आती लेकिन कुत्तों से मुँह चटवाने के लिये रात दिन तख्तियाँ उठाये तैयार हैं ।
अब सोचिये इनकी कुत्ते वाली बुद्धि को ।
न कुत्तों को मारा जा रहा है , न कहीं उनको कोई पीड़ा दी जा रही है लेकिन बस यह कि उनको Dog Shelters में रखा जा रहा है ताकि उनकी भी देखभाल हो सके और लोग इसके शिकार न हों , लेकिन फिर भी कई लोगों कुत्ते की तरह केँ कें करने लगे हैं ।
घोर आश्चर्य होता है कि सबसे अधिक कुत्तों की महतारी स्त्रियाँ बन रही हैं ।
पता नहीं इनकी बुद्धि क्या होती है , कभी सूवर प्रजाति से संसर्ग कट suitcase या Fridge में मिलती है तो कभी कुत्तों से ।
क्या हो गया है हमारी स्त्रियों को ??
अस्तु । मुख्य प्रश्न फिर वहीं आकर रुक जाता है कि इतना कुत्ता प्रेमी होने के बाद भी यह लोग कुत्ता या कुतिया कहने पर क्यों छटपटा जाते हैं , इनको बुरा क्योंकर लगता है ??
या तो इनका प्रेम दिखावा या छलावा है या फिर कुत्ता प्रजाति बुरी है या ये लोग कुत्ते से घृणा करते हैं ।
इन दोनों के अलावा अन्य कोई कारण नहीं हो सकता ।